एक बार अपने शिष्यों के साथ चीनी महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। थोड़ी ही दूर चलने के बाद कन्फ्यूशियस एक जगह अचानक से रुक गए और बोले, सुनो 'कहीं कोई रो रहा है और वह आवाज को लक्ष्य करके उस तरफ बढ़ने लगे। पीछे-पीछे शिष्य भी चल पड़े। उन्होंने देखा कि एक जगह एक महिला बहुत रो रही है।"

कन्फ्यूशियस इस बात पर हैरान हुए और बोले कि तुम छोड़ क्यों नहीं देती इस खतरनाक जगह को ? इस पर महिला ने कहा की इसलिए नहीं छोड़ती क्योंकि कम से कम यहाँ पर किसी अत्याचारी का शाशन तो नहीं है और फिर स चीते का अंत तो किसी न किसी दिन हो ही जायेगा।"
इस पर अपने शिष्यों से कन्फ्यूशियस ने कहा की निश्चित रूप से यह महिला सहानुभूति की पात्र है फिर भी इसने हमें एक महत्वपूर्ण सत्य से हमें अवगत करवाया है कि एक बुरे शासक के राज्य में रहने से अच्छा है किसी जंगल या पहाड़ी पर ही रहा जाए, बल्कि मैं तो कहूंगा कि सभी नागरिकों का यह फर्ज है कि वे सभी बुरे शासक का खुलकर विरोध कर उसे सुधरने के लिए मजबूर कर दे ।
और भी लघु कथाये पढ़ते रहिये ......
अब्राहम लिंकन विरोधियों को जवाब
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