हनुमान जी के 12 नाम कौन-कौन से हैं? how many names of hanuman ji : श्री हनुमान जी के 12 नाम (Hanuman Ji Ke 12 Naam) का स्मरण करना हिन्दू धर्म में अत्यंत फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इन नामों का जाप करने से सभी प्रकार के भय, रोग और बाधाएं दूर होती हैं।
हनुमान जी के ये नाम हैं: 1. ॐ हनुमते नमः, 2. ॐ अंजनीसुताय नमः, 3. ॐ वायुपुत्राय नमः, 4. ॐ महाबलाय नमः, 5. ॐ रामेष्टाय नमः, 6. ॐ फाल्गुनसखाय नमः, 7. ॐ पिंगाक्षाय नमः, 8. ॐ अमितविक्रमाय नमः, 9. ॐ उदधिक्रमणाय नमः, 10. ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः, 11. ॐ लक्ष्मणप्राणदातृ नमः, 12. ॐ दशग्रीवदर्पहा नमः।
इन नामों का सुबह-सुबह स्मरण करने से दिनभर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल प्राप्त होता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इन नामों का जप बहुत शुभ माना गया है। हनुमान जी के 12 नाम सिर्फ नाम नहीं, बल्कि उनके प्रत्येक रूप और कार्य की दिव्य स्मृति हैं जो हमें निडर, निष्ठावान और शक्तिशाली बनाते हैं। जानिए हनुमान जी के बारह नाम का दिव्य महत्व
1 हनुमान
मंत्र: ॐ श्री हनुमते नमः।
"ॐ श्री हनुमते नमः" का अर्थ है, "मैं श्री हनुमान जी को नमन करता हूँ।" यह मंत्र हनुमान जी की भक्ति और सम्मान व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। "ॐ" एक सार्वभौमिक ध्वनि है, "श्री" समृद्धि और शुभता का प्रतीक है, "हनुमते" हनुमान जी को संदर्भित करता है, और "नमः" नमन का अर्थ है विस्तार से समझिये :
ॐ: यह एक पवित्र और शक्तिशाली ध्वनि है जो ब्रह्मांड को दर्शाती है।
श्री: यह शब्द समृद्धि, भाग्य और शुभता का प्रतीक है।
हनुमते: यह हनुमान जी, भगवान राम के भक्त और वानर देवता को संदर्भित करता है।
नमः: यह शब्द नमन या श्रद्धा व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसलिए, "ॐ श्री हनुमते नमः" मंत्र का अर्थ है, "मैं श्री हनुमान जी को, जो समृद्धि, भाग्य और शुभता के प्रतीक हैं, श्रद्धा और भक्ति से नमन करता हूँ।"
यह मंत्र हनुमान जी को समर्पित एक छोटा लेकिन शक्तिशाली मंत्र है, जो उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
2 सीताशोकविनाशन
मंत्र: ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः।
"ॐ सीताशोकविनाशनाय नमः" एक हनुमान जी का नाम है जिसका अर्थ है माता सीता का दुख दूर करने वाले। यह हनुमान जी के 12 नामों में से एक है, जिनका जप करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं।
अर्थ: यह मंत्र हनुमान जी को "सीता के शोक को दूर करने वाला" के रूप में संबोधित करता है।
कथा: जब हनुमान जी समुद्र पार करके माता सीता से मिलने गए, तो उन्होंने देखा कि सीता जी श्री राम से बिछड़ कर दुखी हैं। हनुमान जी ने उन्हें अपना परिचय दिया और कहा कि वे राम के दूत हैं। इस बात से सीता जी को बहुत खुशी हुई और उनका शोक दूर हो गया। इसीलिए हनुमान जी को "सीताशोकविनाशन" कहा गया. ........... आगे पढ़े
लाभ: हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से माता सीता का दुख दूर हुआ था, और हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति बढ़ती है। यह मंत्र भक्तों को दुःख और निराशा से दूर करने में मदद करता है।
अन्य बातें: हनुमान जी के 12 नामों में से अन्य नामों में शामिल हैं: हनुमान, अंजनी सुत, वायु पुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुण सखा, पिङ्गाक्ष, अमित विक्रम, उदधिक्रमण, लक्ष्मण प्राण दाता, और दशग्रीव दर्पहा.
3 लक्ष्मण प्राणदाता
मंत्र: ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः।
"ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः" एक हनुमान जी का नाम है, जिसका अर्थ है "लक्ष्मण के प्राणों को बचाने वाला". यह नाम हनुमान जी को दर्शाता है जो लक्ष्मण जी की जान बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेकर आए थे, जब मेघनाथ ने उन्हें घायल कर दिया था विस्तार से समझिये :
"ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः" का अर्थ है, "हम लक्ष्मण के प्राणों को बचाने वाले हनुमान जी को नमन करते हैं।".
रामायण में, मेघनाथ और लक्ष्मण जी के बीच युद्ध के दौरान, मेघनाथ ने लक्ष्मण जी को घायल कर दिया था, जिससे वे मूर्छित हो गए थे. हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लेकर लक्ष्मण जी को बचाया और उनके प्राणों की रक्षा की, ........... आगे पढ़े
हनुमान जी का महत्व:
हनुमान जी को राम के परम भक्त और शक्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है. हनुमान जी की पूजा और मंत्रों का जाप करने से भक्तों को शक्ति, साहस, और संकटों से मुक्ति मिलती है.
4 दशग्रीवदर्पहा
मंत्र: ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः।
"ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः" एक हनुमान जी का मंत्र है जिसका अर्थ है, "मैं रावण का घमंड तोड़ने वाले हनुमान जी को प्रणाम करता हूं।" यह हनुमान जी के 12 नामों में से एक है, और इस मंत्र का जप करने से रावण के घमंड को तोड़ने वाले हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। विस्तार से समझिये :
दशग्रीवस्य दर्पाय: यह हनुमान जी का एक नाम है जिसका अर्थ है "रावण का घमंड तोड़ने वाला।"
नमः: इस शब्द का अर्थ है "नमन" या "प्रणाम"।
यह मंत्र हनुमान जी के शक्तिशाली रूप और उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रतीक है। हनुमान जी ने रावण का घमंड तोड़ा था, और इस मंत्र का जप करने से हनुमान जी की शक्ति और कृपा प्राप्त होती है। ........... आगे पढ़े
5 अंजनीसुत
मंत्र: ॐ अञ्जनी सुताय नमः।
"ॐ अञ्जनी सुताय नमः" हनुमान जी का एक प्रसिद्ध मंत्र है, जिसका अर्थ है "अंजनी के पुत्र हनुमान को नमस्कार". यह मंत्र हनुमान जी को देवी अंजनी का पुत्र होने के रूप में संबोधित करता है विस्तार से समझिये :
ॐ: यह एक पवित्र शब्द है जो मंत्रों की शुरुआत में उपयोग किया जाता है और यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है.
अञ्जनी सुताय: यह हनुमान जी को देवी अंजनी के पुत्र के रूप में संबोधित करता है.
नमः: यह "नमन" या "नमस्कार" के लिए उपयोग किया जाता है, जो किसी के प्रति सम्मान और प्रेम का प्रतीक है.
इसलिए, "ॐ अञ्जनी सुताय नमः" का अर्थ है, "मैं हनुमान जी को, जो देवी अंजनी के पुत्र हैं, नमन करता हूँ". यह मंत्र हनुमान जी की पूजा और प्रार्थना में उपयोग किया जाता है, जो शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं. ........... आगे पढ़े
6 वायुपुत्र
मंत्र: ॐ वायुपुत्राय नमः।
ॐ (Om): यह एक पवित्र प्रतीक है जो ब्रह्म या सर्वोच्च सत्ता का प्रतिनिधित्व करता है.
वायुपुत्राय (Vayuputraya): यह हनुमान जी का एक नाम है, जिसका अर्थ है "पवन पुत्र" या "वायु का पुत्र".
नमः (Namah): यह एक शब्द है जिसका अर्थ है "प्रणाम" या "नमन".
हनुमान जी का महत्व: हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है और उनकी शक्ति और समर्पण के लिए पूजा जाता है. उन्हें शक्तिशाली, बुद्धिमान और साहसी माना जाता है. हनुमान जी का जन्म वायु देव के आशीर्वाद से हुआ था, इसलिए उन्हें पवन पुत्र भी कहा जाता है. ........... आगे पढ़े
मंत्र का उपयोग: "ॐ वायुपुत्राय नमः" मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को उनके संकटों से मुक्ति मिलती है. यह मंत्र भक्तों को शक्ति, साहस और बुद्धि प्रदान करता है.
7 महाबल
मंत्र: ॐ महाबलाय नमः।
"ॐ महाबलाय नमः" एक शक्तिशाली मंत्र है, जो भगवान हनुमान, जिन्हें महाबल कहा जाता है, को संबोधित करता है। इस मंत्र का अर्थ है, "मैं महाबल को प्रणाम करता हूं।"
भगवान हनुमान के महाबल नाम का अर्थ और महत्व विस्तार से समझिये :
महाबल : हनुमान जी को उनके असीम बल और शक्ति के लिए महाबल कहा जाता है।
मंत्र का अर्थ: मंत्र का अर्थ है, "मैं उस महान शक्ति को प्रणाम करता हूं जो हनुमान जी में है।"
लाभ: इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को बल, साहस और शक्ति प्राप्त होती है, साथ ही हनुमान जी की कृपा भी मिलती है.
इस मंत्र के जाप की विधि:
समय: इस मंत्र का जाप सुबह या शाम को किया जा सकता है, लेकिन हनुमान जी के भक्तों के लिए मंगलवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
स्थान: मंत्र का जाप मंदिर में या अपने घर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने किया जा सकता है.
ध्यान: मंत्र का जाप करते समय हनुमान जी का ध्यान करना चाहिए और उनसे अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करनी चाहिए.
"ॐ महाबलाय नमः" मंत्र हनुमान जी के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली साधन है, जो उन्हें बल, साहस और शक्ति प्रदान करता है। इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ........... आगे पढ़े
8 रामेष्ट
मंत्र: ॐ रामेष्ठाय नमः।
"ॐ रामेष्ठाय नमः" हनुमान जी का एक नाम है, जिसका अर्थ है "श्री राम के प्रिय". यह मंत्र हनुमान जी की भक्ति और उनके श्री राम के प्रति प्रेम को दर्शाता है. विस्तार से समझिये :
9 फाल्गुनसखा
मंत्र: ॐ फाल्गुण सखाय नमः।
"फाल्गुनसखा" हनुमान जी का एक नाम है, जिसका अर्थ है "अर्जुन का मित्र". महाभारत के अनुसार, अर्जुन का एक नाम फाल्गुन था, और हनुमान जी ने महाभारत युद्ध में अर्जुन की सहायता की थी, इसलिए उन्हें फाल्गुन सखा भी कहा जाता है. विस्तार से समझिये :
हनुमान जी को अर्जुन का मित्र माना जाता है क्योंकि वे महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ पर ध्वजा पर विराजित थे और उनकी रक्षा करते थे.
"फाल्गुन" अर्जुन का एक नाम है और "सखा" का अर्थ है मित्र.
10. पिंगाक्ष
मंत्र: ॐ पिंगाक्षाय नमः।
"ॐ पिंगाक्षाय नमः" हनुमान जी का एक महत्वपूर्ण मंत्र है, जो नौकरी या रोज़गार से संबंधित समस्याओं से मुक्ति दिलाता है. इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को हर क्षेत्र में सफलता और उन्नति प्रदान करते हैं. विस्तार से समझिये :
मंत्र का अर्थ विस्तार से समझिये :
ॐ: यह एक पवित्र और शक्तिशाली ध्वनि है, जो ब्रह्मांड के सभी तत्वों का प्रतिनिधित्व करती है.
पिंगाक्षाय: हनुमान जी का एक नाम, जिसका अर्थ है "पिंगला आंखों वाले". पिंगला आंखों का अर्थ है आंखों में लाल और पीले रंग की परत.
नमः: नमस्कार, प्रणाम.
मंत्र का जाप:
- इस मंत्र का जाप मंगलवार या शनिवार के दिन गाय के घी का दीपक जलाकर किया जा सकता है.
- आप अपने घर में लाल आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
- हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद मंत्र का जाप शुरू करें.
- मंत्र का जाप 108 बार करें.
- जप के बाद हनुमान जी को बूंदी या लड्डू का भोग लगाएं और आरती करें.
- इस मंत्र का जाप नौकरी या रोजगार की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है.
- यह मंत्र व्यापार और नौकरी में उन्नति प्रदान करता है.
- यह मंत्र जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है.
- इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को हर क्षेत्र में सफलता और उन्नति प्रदान करते हैं.
मंत्र के लाभ:
नोट: हनुमान जी के इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से आपको निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.
11. अमितविक्रम
मंत्र: ॐ अमितविक्रमाय नमः।
"ॐ अमितविक्रमाय नमः" एक हनुमान जी का मंत्र है जिसका अर्थ है "असीम पराक्रमी हनुमान जी को नमन". यह मंत्र हनुमान जी के अतुल्य बल और पराक्रम का सम्मान करता है, जो उनके अनेक नामों में से एक है विस्तार से समझिये :
"ॐ": यह एक पवित्र और शक्तिशाली ध्वनी है जो आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है.
"अमितविक्रम": "अमित" का अर्थ है असीम या अनंत, और "विक्रम" का अर्थ है पराक्रम, वीरता या साहस. हनुमान जी का यह नाम उनके असीम बल और पराक्रम को दर्शाता है.
"नमः": यह "नमन" या "आदर" का अर्थ है, जो हनुमान जी को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इसलिए, पूरा मंत्र "ॐ अमितविक्रमाय नमः" का अर्थ है, "मैं असीम पराक्रमी हनुमान जी को नमन करता हूं/करती हूं". यह मंत्र हनुमान जी के भक्तों को उनके बल और शक्ति का स्मरण कराता है, और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में शामिल करता है.
12 उदधिक्रमण
मंत्र: ॐ उदधिक्रमणाय नमः।
"ॐ उदधिक्रमणाय नमः" हनुमान जी का एक नाम है, जिसका अर्थ है "समुद्र पार करने वाला". यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि हनुमान जी ने सीता माता को खोजने के लिए समुद्र को लांघकर लंका तक की यात्रा की थी विस्तार से समझिये :
ॐ: यह एक पवित्र प्रतीक है जो ब्रह्म और ब्रह्मांड से जुड़ा है।
उदधिक्रमणाय: यह एक विशेषण है जो हनुमान जी के समुद्र पार करने की शक्ति को दर्शाता है।
नमः:यह एक शब्द है जिसका अर्थ है "नमन" या "सलाम"।
इसलिए, "ॐ उदधिक्रमणाय नमः" का अर्थ है "मैं हनुमान जी को, जो समुद्र को लांघने वाले हैं, नमन करता हूँ।" यह मंत्र हनुमान जी की शक्ति और उनकी वीरता का प्रतीक है। इनका जप करने से संकट मिटते हैं।
हनुमान जी भारतीय संस्कृति के ऐसे परम पूजनीय देवता हैं जिनकी भक्ति और शक्ति से जुड़ी अनेक कथाएँ आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं। भक्तगण अक्सर hanuman ji photo, hanuman ji ki photo, और hanuman ji pic इंटरनेट पर खोजते हैं ताकि अपने मोबाइल या डेस्कटॉप पर hanuman ji wallpaper या hanuman ji hd wallpaper लगाकर उनकी कृपा प्राप्त कर सकें। यदि आप hanuman ji wallpaper hd 1080p download या hanuman ji photo hd 4k चाहते हैं, तो आपको कई दिव्य और भव्य विकल्प मिल सकते हैं।
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FAQs Section (Frequently Asked Questions)
Q1: हनुमान जी के 12 नामों का जप क्यों किया जाता है?
उत्तर: इन नामों का जप करने से भय, रोग, और शत्रु बाधाएं दूर होती हैं और आत्मबल की वृद्धि होती है।
Q2: हनुमान जी के 12 नाम कौन-कौन से हैं?
उत्तर: 1. हनुमते, 2. अंजनीसुताय, 3. वायुपुत्राय, 4. महाबलाय, 5. रामेष्टाय, 6. फाल्गुनसखाय, 7. पिंगाक्षाय, 8. अमितविक्रमाय, 9. उदधिक्रमणाय, 10. सीताशोकविनाशनाय, 11. लक्ष्मणप्राणदातृ, 12. दशग्रीवदर्पहा।
Q3: हनुमान जी के 12 नामों का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: मंगलवार या शनिवार को सूर्योदय के समय शुद्ध मन से पाठ करना सर्वोत्तम होता है।
Q4: क्या हनुमान जी के 12 नामों से तुरंत लाभ होता है?
उत्तर: नियमित श्रद्धा से किया गया जाप मानसिक शांति, शक्ति और रक्षा प्रदान करता है। ये नाम बहुत प्रभावशाली हैं।
Thankyou