छोटे बच्चे पानी की तरह होते हैं, जिन्हें जिस बर्तन में डाला जाए, वही आकार ले लेते हैं। इस उम्र में बच्चे जल्दी-जल्दी अच्छी और बुरी दोनों तरह की बातें सीख जाते हैं। इस कारण यह महत्वपूर्ण होता है कि बच्चों में केवल अच्छी आदतें ही डाली जाएं। हालांकि, कभी-कभी बच्चे बुरी संगति में पड़कर बुरी आदतें सीख लेते हैं।
यह बुरी संगति बच्चों के स्कूल के दोस्तों, मोहल्ले के दोस्तों या ट्यूशन क्लासेस में मिलने वाले दोस्तों से भी हो सकती है। बच्चों को ये आदतें कभी बड़े बच्चों को देखकर भी लग सकती हैं, जो सही नहीं होतीं। ऐसे में माता-पिता का कर्त्तव्य है कि वे समय रहते बच्चों को बुरी संगति से निकालने का प्रयास करें।
यह बुरी संगति बच्चों के स्कूल के दोस्तों, मोहल्ले के दोस्तों या ट्यूशन क्लासेस में मिलने वाले दोस्तों से भी हो सकती है। बच्चों को ये आदतें कभी बड़े बच्चों को देखकर भी लग सकती हैं, जो सहीं नहीं होतीं। ऐसे में माता-पिता का कर्त्तव्य है कि वे समय रहते बच्चों को बुरी संगति से निकालने का प्रयास करें।
बच्चों की ये आदतें करती हैं बुरी संगत का इशारा
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झूठ बोलने की आदत Bad Company Signs in Children
माता-पिता कभी नहीं चाहते कि उनका बच्चा झूठ बोले, लेकिन छोटे बच्चों में यह आदत हो सकती है कि वे सफेद झूठ बोलने लगें। जैसे घर देरी से आने का झूठ या फिर किसी काम को समय पर न करने का झूठ। यह आदत बच्चों के दोस्तों की वजह से पड़ सकती है, जिनके प्रभाव में बच्चे यह व्यवहार सीखते हैं। यह एक बुरी संगति, का संकेत हो सकता है।
दूसरों की चीजें ले आना
यदि आपके बच्चे के पास हर दिन कोई नई चीज दिखने लगे, तो आपको इस पर ध्यान देना चाहिए। अगर वे चीजें बिना किसी कारण के आ रही हैं या बिना पैसों के आई हैं, तो इसका मतलब हो सकता है कि आपका बच्चा किसी और से ये चीजें ले रहा है, या फिर वह कहीं से चोरी कर रहा है। ऐसे में माता-पिता को यह समझने की जरूरत होती है कि बच्चे के पास ये चीजें कहां से आ रही हैं और उन्हें इस बारे में सही तरीके से पूछना चाहिए।
बर्ताव में बदलाव
अगर आपका बच्चा, जो पहले हमेशा हंसता-खेलता रहता था, अचानक से चिड़चिड़ा और लड़ाई झगड़ा करने वाला बनने लगे, तो यह उसकी बुरी संगति का संकेत हो सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि बच्चा अब उन दोस्तों के साथ समय बिता रहा है, जो झगड़ा करते हैं या फिर उन्हें लड़ाई करते हुए देखता है। यह बच्चों में मानसिक बदलाव की वजह बन सकती है, जिसे माता-पिता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हर समय पैसे मांगना
बच्चे अपने दोस्तों के साथ मेलजोल करना चाहते हैं, लेकिन यदि बच्चा लगातार किसी नई चीज के लिए पैसे मांगने लगे और पैसे न मिलने पर गुस्से में आ जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि उसके नए दोस्त उसकी तुलना अपनी चीजों से कर रहे हैं। यह तुलना बच्चों में नई और महंगी चीजों की इच्छा पैदा कर सकती है, जिससे वे हर समय पैसे मांगने लगते हैं। यदि ऐसा हो रहा है, तो माता-पिता को इस बदलाव पर ध्यान देना चाहिए और बच्चे को समझाना चाहिए।
आक्रामक भाषा का उपयोग करना और गाली देना
अचानक यदि बच्चा आक्रामक भाषा का उपयोग करने लगे, बच्चा से गाली-गलौज करने लगे और बिना कारण दूसरों के प्रति कठोर व्यवहार दिखाने लगे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।बच्चा बुरी संगत में आने से बच्चे दूसरों से सीखी हुई गलत आदतें अपनाने लगते हैं, जिससे बच्चे का स्वभाव और सामाजिक व्यवहार प्रभावित होता है।
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