इंटरनैट यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ इंटरनैट पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर खतरा भी बढ़ा है। बच्चों को फंसाने के लिए आमतौर पर गेमिंग वैबसाइट, सोशल मीडिया, ईमेल, चैट रूम, इंस्टैंट मैसेजिंग का इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनैट तक आसान पहुंच और इस पर आसानी से उपलब्ध वीडियो के कारण चाइल्ड पोर्नोग्राफी में भी वृद्धि हुई है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मतलब किसी भी प्रकार की ऐसी सामग्री (जैसे फोटो, वीडियो, टैक्स्ट) से है जिसमें बच्चों का यौन शोषण या आपत्तिजनक दृश्य शामिल होते हैं।
यह एक गंभीर अपराध है और कई देशों में इसे कड़े कानूनों के तहत दंडनीय माना जाता है। चाइल्ड पोर्नो-ग्राफी न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, बल्कि यह उनके अधिकारों का भी उल्लंघन करती है।

साइब सेफ्टी एंड सिक्योरिटी क्या है ?
साइबर सुरक्षा का मतलब है, प्रोग्राम, डिवाइस, सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को साइबर हमलों से बचाने के लिए तकनीकों, प्रक्रियाओं, और नियंत्रणों का इस्तेमाल करना. इसका मकसद, साइबर हमलों के खतरे को कम करना और सिस्टम, नेटवर्क, और तकनीकों का अनधिकृत इस्तेमाल रोकना है.
साइबर सुरक्षा क्या है उदाहरण सहित समझिये :
- साइबर सुरक्षा, नेटवर्क को सुरक्षित रखती है और उस पर होने वाले हमलों को रोकती है.
- यह, इंटरनेट यूज़र के डिवाइस, कंप्यूटर, सर्वर वगैरह के डेटा को भी सुरक्षित रखती है.
- साइबर सुरक्षा, कंप्यूटर सिस्टम पर यूज़र की परमिशन के बिना अनधिकृत एक्सेस को रोकती है.
- साइबर सुरक्षा में, सूचना सुरक्षा (इन्फ़ोसेक) या डेटा सुरक्षा एक अहम घटक है. इसमें डेटा और दूसरी तरह की जानकारी की गोपनीयता, अखंडता, और उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है.
बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी देना और उन्हें सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन रहने के लिए प्रोत्साहित करना ज़रूरी है:
- बच्चों को मज़बूत और अनोखे पासवर्ड बनाने सिखाएं. उन्हें अक्षरों, संख्याओं, और प्रतीकों का इस्तेमाल करने की सलाह दें.
- बच्चों को संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करने की सलाह दें.
- बच्चों को खतरनाक वेबसाइटों से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करें.
- बच्चों को विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करें.
- बच्चों को URL बार में “https://” वाक्यांश और पैडलॉक प्रतीक की जांच करना सिखाएं.
- बच्चों को व्यक्तिगत जानकारी को निजी रखने की सलाह दें.
- बच्चों द्वारा इस्तेमाल होने वाले डिवाइसों पर माता-पिता द्वारा नियंत्रित सॉफ़्टवेयर की कार्यक्षमता की जांच करें.
- बच्चों द्वारा इस्तेमाल होने वाली सोशल मीडिया साइटों की गोपनीयता सेटिंग की समीक्षा करें.
- बच्चों के लिए अभिभावकीय नियंत्रण वाले सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें.
- बच्चों के लिए पासवर्ड मैनेजर टूल का इस्तेमाल करें.
- बच्चों के सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें.
बच्चों को इससे दूर रखने के तरीके
बच्चों के इंटरनैट उपयोग पर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित वैबसाइटों पर ही जाएं। बच्चों के लिए उपयुक्त सामग्री को देखने के लिए पेरेंटल कंट्रोल और फिल्टरिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करें। बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में शिक्षित करें। उन्हें सिखाएं कि किसी भी अजनबी से ऑनलाइन बातचीत न करें और कोई भी व्यक्तिगत जानकारी सांझा न करें।
उन्हें समझाएं कि ऑनलाइन अजनबियों से तस्वीरें या वीडियो शेयर करना खतरनाक हो सकता है। बच्चों की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए उनकी सोशल मीडिया सैटिंग्स को प्राइवेट रखें।
खुला संवाद रखें
बच्चों के साथ नियमित रूप से बातचीत करें और उनसे जानें कि वे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं। यदि वे किसी संदिग्ध सामग्री या व्यक्ति के सम्पर्क में आते हैं, तो उन्हें तुरंत माता-पिता या शिक्षक को बताने के लिए प्रोत्साहित करें। उन ऐप्स और गेम्स का उपयोग करें जो बच्चों के लिए उपयुक्त हों। अगर कोई ऐप या गेम संदिग्ध या अनुपयुक्त सामग्री दिखा रहा है, तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और हटाएं।
रिपोर्ट और ब्लॉकिंग
अगर कोई संदिग्ध सामग्री या गतिविधि दिखाई दे, तो संबंधित वैबसाइट या प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें। कई प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक सामग्री को रिपोर्ट करने और ब्लॉक करने की सुविधा होती है। माता-पिता को यह जानना चाहिए कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी कानूनन दंडनीय है। अगर बच्चे इसके शिकार होते हैं, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें और कानूनी कार्रवाई करें।
मनोचिकित्सक की सलाह लें
यदि बच्चे का किसी प्रकार का मानसिक या भावनात्मक शोषण हुआ है, तो तुरंत एक मनोचिकित्सक से सलाह लें। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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