मम्मी... इस खाने में मिर्ची बहुत है...,
अरे... इस खाने का स्वाद तो बाजार जैसा बिल्कुल भी नहीं है।
मम्मी आप रोज पिज्जा-बर्गर क्यों नहीं बनातीं। इस तरह के सौ नखरे हमारे छोटे उस्तादों के पास होते हैं। सब्जियों से तौबा करने वाले इन नखरैल बच्चों को खाना खिलाना किसी भी मां के लिए जंग जीतने से कम नहीं होता।
बच्चों की चिढ़ अक्सर घर के खाने के प्रति होती है। बाजार का खाना चाऊमीन, पिज्जा एवं बर्गर आदि तो वे चटखारे लेकर खाते हैं, मगर घर का खाना उन्हें बेहद बेस्वाद और बोरिंग लगता है।

अपनाएं नए तरीके
हमारे शरीर के विकास के लिए संतुलित भोजन बेहद आवश्यक होता है। हरी सब्जियों एवं घर के भोजन के प्रति बच्चों की चिढ़ को दूर करना नितांत आवश्यक है, ताकि बच्चों का अच्छा शारीरिक विकास हो सके। इसके लिए बच्चों की मांओं को भोजन को रुचिकर बनाने के कुछ नए तरीके अपनाने होंगे। सब्जियों का पुलाव, फलों का रायता, पिज्जा परांठा, सैंडविच या फलों की चाट इत्यादि बनाकर खिलाएं। इडली, डोसा, ढोकला या पोहे इत्यादि भी बच्चों को खाने में बेहद स्वादिष्ट लगते हैं।
भोजन को आकर्षक तरीके से सजाएं
बच्चों को भोजन के स्वाद से ज्यादा उसकी सजावट लुभाती है, जिसे देखकर वे भोजन की तरफ आकर्षित होते हैं। अक्सर आपने देखा होगा कि चैरी एवं हरे मटर से सजे पुलाव को बच्चे अधिक चाव से खाते हैं और क्रीम एवं स्ट्राबेरी आदि से सजे केक को देखते ही उनके मुंह में पानी आ जाता है।
बच्चों को चिढ़ होती है तो घर के बने भोजन से, जो हमेशा की तरह एक सा ही नजर आता है।
भोजन परोसने के ढंग में कुछ परिवर्तन कर बच्चों में इसके प्रति आकर्षण पैदा किया जा सकता है। सब्जियां काटकर बच्चों को खिलाने की बजाय सलाद को फूलों की आकृति में सजाकर बच्चों को परोसा जाए, तो बच्चे उस सलाद को आनंद लेकर खाएंगे।
खाने के प्रति रुचि पैदा करें
सलाद को लेकर बच्चों का डर भगाने के लिए सलाद के स्वाद में बदलाव करें। टमाटर, प्याज, ककड़ी आदि की सलाद में नींबू, काला नमक, शक्कर, शहद या जीरा आदि डालकर बच्चों को खिलाएं। स्वाद और सजावट में परिवर्तन करने से बच्चों की इसे खाने में रुचि पैदा होगी।
बताएं सब्जियों के फायदे बच्चों को हरी सब्जियों से होने वाले फायदों के बारे में बताएं। विभिन्न प्रकार की सब्जियां और दालें बना कर बच्चों में इनके प्रति लगाव पैदा करें। ध्यान रखें कि मसाले बच्चों के स्वादानुसार ही डालें ताकि वे उसे आनंद ले कर खा सकें।
आगे पढ़िए ... बच्चों को 'झूठ' बोलने से कैसे रोकें
Thankyou