अब इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 ( EDLI Scheme ) के तहत मिलने वाला मैक्सिमम एश्योरेंस बैनिफिट 7 लाख रुपए होगा यह फैसला सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी (CBT), EPF की बैठक में श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में लिया गया
कर्मचारियों की मृत्यु पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत अब इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 ( EDLI Scheme ) के तहत उनके आश्रितों को मिलने वाले मैक्सिमम एश्योरेंस की लिमिट बढ़ाकर 7 लाख कर दिया है। जो अभी तक 6 लाख रुपए था । यह फैसला सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी (CBT), EPF की बैठक में श्रम मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में लिया गया

क्या है EDLI Scheme ?
EDLI full form ( Employees' Deposit Linked Insurance ) इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस है।EDLI Scheme कर्मचारी भविष्य निधि योजना के सभी ग्राहकों को अनिवार्य रूप से जीवन बीमा की दिशा में योगदान करने के लिए प्रदान की जाती है। EDLI Scheme बीमारी, प्राकृतिक कारणों या दुर्घटना के कारण मृत्यु की स्थिति में बीमाधारक ( कर्मचारी ) के नामित लाभार्थी को एकमुश्त भुगतान का प्रावधान करता है। EDLI Scheme का उद्देश्य कर्मचारी की मृत्यु के बाद कर्मचारी के परिवार के सदस्य को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह बेनीफिट कंपनी और केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारी को दिया जाता है। पहले इसकी लिमिट 3.60 लाख रुपये तक थी। लेकिन, सितंबर 2015 में ईपीएफओ EPFO ने इसे बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक कर दिया था
ईडीएलआई ( EDLI Scheme ) की मुख्य विशेषताएं
- बीमा का लाभ परिवार के सदस्यों, कानूनी उत्तराधिकारियों या सदस्य के नामांकित व्यक्तियों द्वारा उठाया जा सकता है।
- ईपीएफओ EPFO सदस्य स्वचालित रूप से ईडीएलआई के लिए नामांकित हो जाते हैं।
- एक ईपीएफओ सदस्य EPFO Member केवल तभी तक ईडीएलआई योजना द्वारा कवर किया जाता है जब तक वह ईपीएफ का सक्रिय सदस्य है। ईपीएफ पंजीकृत कंपनी से सेवा छोड़ने के बाद उनका परिवार/ उत्तराधिकारी / नामांकित व्यक्ति इसका दावा नहीं कर सकते।
- ईडीएलआई योजना का लाभ उठाने के लिए कोई न्यूनतम सेवा अवधि नहीं है
- नियोक्ता को ईडीएलआई योगदान देना होगा और कर्मचारी के वेतन से कोई शुल्क नहीं काटा जा सकता है
- ईएलडीआई के तहत दावा राशि पिछले 12 महीनों में औसत मासिक वेतन का 35 गुना है, जो अधिकतम 7 लाख है।
- औसत मासिक वेतन की गणना कर्मचारी के मूल महंगाई भत्ते के रूप में की जाती है
- इस योजना के तहत 1.75 लाख रुपये का बोनस का लाभ भी मिलता है
- यदि नियोक्ता धारा 17 (2ए) के तहत कर्मचारियों के लिए अधिक भुगतान वाली जीवन बीमा योजना लेता है तो वह योजना से बाहर निकल सकता है।
ईडीएलआई गणना EDLI Scheme Calculation
- मृत सदस्य / कर्मचारी के उत्तराधिकारियों को मिलने वाली बीमा राशि की गणना (EDLI Calculation) रोजगार के अंतिम 12 महीनों में औसत मासिक वेतन के 35 गुना के रूप में की जाती है।
- किसी कर्मचारी का अधिकतम औसत मासिक वेतन रु. 15,000
- कर्मचारी का 35 गुना वेतन लगभग 35 x ₹15,000 = रु. 5,25,000
- रुपये तक की बोनस राशि। इस योजना के तहत दावेदार को ₹.1,75,000 रुपये का भुगतान भी किया जाता है
- इस प्रकार, लाभार्थी को इस योजना के तहत देय कुल राशि रु.7,00,000
ईडीएलआई ( EDLI Scheme ) के लिए पात्रता मानदंड who is eligible for EDLI scheme ?
EDLI Scheme के तहत बीमा लाभ Insurance Benefits का दावा करने के लिए निम्नलिखित व्यक्ति आवेदन करने के पात्र हैं:
- ईपीएफ योजना EPF Scheme के तहत नामांकित परिवार के सदस्य (नामांकित)।
- नामांकन न होने की स्थिति में, परिवार के सभी सदस्य (बालिग बेटों, बालिग बेटों वाली विवाहित बेटियों और विवाहित पोतियों को छोड़कर)।
- नामांकन न होने और परिवार न होने की स्थिति में कानूनी उत्तराधिकारी।
- नाबालिग नामांकित व्यक्ति/ कानूनी उत्तराधिकारी का संरक्षक/ परिवार के सदस्य
ईडीएलआई लाभों ( EDLI Scheme benefits ) का दावा कैसे करें
- सदस्य / कर्मचारी की मृत्यु के बाद बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए फॉर्म 5 IF भरना होगा
- सदस्य / कर्मचारी को (अपनी मृत्यु के समय ) ईपीएफ योजना EPF Scheme में सक्रिय योगदानकर्ता होना चाहिए था
- सदस्य / कर्मचारी के नामांकित व्यक्ति द्वारा लाभ का दावा किया जा सकता है
- यदि कोई नामांकित व्यक्ति घोषित नहीं किया गया है, तो जीवित परिवार के सदस्य लाभ का दावा करने के पात्र होंगे। EPS के तहत परिवार को पति / पत्नी, पुरुष बच्चे (25 वर्ष तक), अविवाहित बेटियां के रूप में परिभाषित किया गया है।
- बीमा लाभ का दावा यदि परिवार में कोई जीवित सदस्य नहीं है, तो मृत सदस्य के कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा किया जा सकता है
- Claim Form को नियोक्ता द्वारा प्रमाणित किया और हस्ताक्षरित जाना चाहिए
- यदि कोई नियोक्ता नहीं है, तो फॉर्म को निम्नलिखित में से किसी एक द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए:
- राजपत्रित अधिकारी
- मजिस्ट्रेट
- ग्राम पंचायत के अध्यक्ष
- जिला स्थानीय बोर्ड के अध्यक्ष या नगरपालिका / सचिव / सदस्य
- उपडाकपाल या पोस्टमास्टर
- विधायक हो या सांसद
- सीबीटी या ईपीएफ की क्षेत्रीय समिति के सदस्य
- उस बैंक का बैंक प्रबंधक जिसमें खाता रखा गया था
- एक बार में सभी तीन योजनाओं ( ईपीएफ EPF, ईपीएस EPSऔर ईडीएलआई EDLI ) के लाभों का दावा करने के लिए Form 5 IF को Form 20 (मृत सदस्य के मामले में ईपीएफ निकासी दावा) और Form 10C / Form 10 D के साथ भरा जा सकता है।
EDLI Scheme का किस कर्मचारी को फायदा मिलता है ?
यदि अपना कार्यकाल किसी कर्मचारी ने 1 साल पूरा कर लिया हो और उसकी बीमारी, प्राकृतिक कारणों या दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है तो उसे EDLI Scheme का फायदा मिलेगा। इसमें एक मुश्त भुगतान होता है। EDLI में कर्मचारी को कोई रकम नहीं देनी होती है। कर्मचारी के बदले कंपनी प्रीमियम जमा करती है।
EDLI Scheme में कंपनी कंट्रीब्यूशन करती है ( EDLI contribution )
ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से EPF की रकम डिडक्ट होती है और उतनी रही रकम एंप्लॉयर भी जमा करता है। मौजूदा समय में EPF में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी रकम जमा होती है। एम्पलॉयर (कंपनी) भी 12 फीसदी, दो हिस्सों में, 3.67 फीसदी रकम EPF में और 8.33 फीसदी रकम EPS में जमा करता है लेकिन, इसके अलावा भी एम्पलॉयर द्वारा EDLI स्कीम के तहत एम्पलॉयर ( EDLI contribution ) 0.50 फीसदी योगदान किया जाता है। इस कंट्रीब्यूशन के तहत EPF सब्सक्राइबर्स के नॉमिनी को 7 लाख रुपए तक इंश्योरेंस कवर मिलता है।
कर्मचारी कैसे करें बीमा राशि ( EDLI Scheme ) के लिए दावा ?
यदि ईपीएफ कर्मचारी EPF Employee / सब्सक्राइबर Subscriber की असमय बीमारी, प्राकृतिक कारणों या दुर्घटना के कारण मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी Nominee या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर Insurance cover के लिए क्लेम कर सकते हैं। उसके नॉमिनी या परिवार के सदस्य Family Member उसके PF फॉर्म भरते समय उसके साथ FORM-5 IF भरकर उसके साथ व्यक्ति की डेथ सर्टिफिकेट Death Certificate लगाकर EPFO ऑफिस में जमा कर कर्मचारी बीमाराशि के लिए दावा कर सकते हैं। बीमाराशि का भुगतान 30 दिनों के अंदर ईपीएफओ (EPFO द्वारा बैंक खाते Bank Account में जमा कर Transfer दिया जाता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी। अगर पीएफ खाते PF Account का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम Amount Claim कर सकता है।
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