Happy Women's Day : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day का आयोजन हर साल 8 मार्च को किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो समृद्धि, समानता, और महिलाओं की प्रगति को समर्पित है। इस दिन हम समाज में महिलाओं के प्रति आदर, सम्मान, और समर्पण की भावना को मजबूत करने का संकल्प लेते हैं। यह एक ऐसा समय है जब हम समझते हैं कि नारी शक्ति ही समृद्धि का सूत्र है और हमें इसे बढ़ावा देना है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
महिला शक्ति का सम्मान: महिला शक्ति का सम्मान करना अद्वितीय है। इस दिन हम विशेष रूप से महिलाओं के उदारता, साहस, और समर्पण की बातें याद करते हैं। इससे हमें यहां तक का आभास होता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपने दम पर बड़ी मात्रा में उपस्थित हैं और वे अपने क्षमताओं का उपयोग समाज के लिए कर रही हैं।
नारी आज हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day नारी सशक्तिकरण Women Empowerment, स्वाभिमान और नवचेतना का प्रतीक है, जो हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे उन नारियों का सहयोग और कर्तव्य निष्ठा है, अमरीका के न्यूयार्क शहर में अपनी मांगों के प्रति सचेत होकर जिन पंद्रह हजार महिलाओं ने कपड़ा मिलों में कार्य करने के लिए कुछ शर्तें मनवाने हेतु शहर की सड़कों पर आंदोलन किया। उस दिन 8 मार्च, 1908 का दिन था।
अपनी मांगों में उन्होंने कार्य करने के घंटे कुछ कम करने, यौन शोषण के प्रति बुलंद आवाज, बेहतर सुविधाएं और मानवाधिकार का प्रस्ताव पेश करके मिल मालिकों को मजबूर कर दिया। यह क्रांति महिलाओं के लिए संजीवनी बूटी लेकर आई और उनको कई बंदिशों से छुटकारा मिला। इसके पश्चात 1911 में जर्मनी की कलारा जैरकिन नाम की महिला ने महिलाओं की भीड़ इकट्ठी करके 8 मार्च को महिला दिवस मनाने की प्रेरणा दी। इसके बाद यह सिलसिला अमरीका और यूरोप में खूब चमका और जर्मनी में पहली बार 8 मार्च, 1914 को महिला दिवस गर्मजोशी से मनाया गया।
महिलाओं की प्रगति: आधुनिक युग में, महिलाओं की प्रगति एक बहुत आदान-प्रदान मुद्दा बन चुका है। हमारी समाज में जो सुधार हुआ है, उसमें महिलाओं का अहम योगदान है। वह सभी क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं - वे वैज्ञानिक, शिक्षिका, डॉक्टर, खिलाड़ी, कला और साहित्य क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में चमक रही हैं।
भारत की बात करें तो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरोजिनी नायडू के राज्यपाल बनने पर, जो स्वतंत्रता संग्राम की अधिनायक मानी जाती हैं, 13 फरवरी (उनका जन्मदिन) को भारत में महिला दिवस घोषित किया गया। चूंकि संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day घोषित कर दिया, इसलिए 8 मार्च सारे विश्व में महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। महिला दिवस नारी सम्मान और उसकी अस्मिता, यौन शोषण व उत्पीड़न के विरोध, बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा का आह्वान करता है।
महिला शिक्षा: महिला शिक्षा को बढ़ावा देना और समाज में समानता की भावना को मजबूती से बनाए रखना एक प्रमुख मुद्दा है। शिक्षित महिलाएं समाज को अधिक उत्कृष्ट बनाने का कारगर तरीका हैं। उन्हें समझदार, सुसंस्कृत, और समर्पित महसूस होने के कारण वे नए आदान-प्रदान, नए आईडिया, और नई दिशाओं में नेतृत्व कर सकती हैं।
नारी ने जिस तरह अपनी शक्ति का लोहा मनवाया है, उसे देखकर सारा जगत मुंह में उंगली दबा रहा है। आज किसी भी समाज की नारी पुरुषों से कमतर नहीं है। वह पाताल की गहराई नाप चुकी है और आकाश की बुलंदी को छू चुकी है। प्रशासन से लेकर समाज के बड़े से बड़े पदों पर वह असीन है। मातृत्व के गुणों से भरपूर आधुनिक नारी राजनीतिक सूझबूझ और धार्मिक संस्कारों से भी जुड़ी हुई है। खेलों का मैदान हो या सैनिक कार्यशाला, नारी अपनी सहभागिता निभा रही है।
इसरो अभियान हो या चंद्रयान की उड़ान, उसके पांव कभी नहीं लड़खड़ाए । नारी मां, बहन और पत्नी की भूमिका में कर्मठ और बलशाली है। जिस कदर नारी ने प्रगति के आसमां छूए हैं और संसार में लोकतंत्र की नींव पक्की की है, उससे कोई इंकार नहीं कर सकता। भारत की आजादी के लिए जितने ? बलिदान नारियों ने दिए, उसने साबित कर दिया कि नारी अबला नहीं सबला है।
नारियों को अपने सम्मान की रक्षा के लिए डट कर खड़ा होना चाहिए क्योंकि भगवान उनकी रक्षा करता है जो अपनी रक्षा स्वयं करते हैं। उन्हें अपनी आत्मरक्षा के गुर सीखने चाहिएं। जब नारी दुर्गा या जगदम्बा बन जाती है तब दुष्टों को मटियामेट कर देती है। पुरुषों को भी चाहिए कि वे नारी का सम्मान करें। बलात्कार, हत्या और यौन शोषण का परित्याग करके उनको पूजनीय समझें। जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं। आओ हम 8 मार्च को महिला दिवस पर नारियों के लिए सम्मान का झंडा बुलंद करें।
महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार: महिलाओं का स्वास्थ्य उनके परिवार और समाज के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, उन्हें स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, और नियमित व्यायाम जैसी आदतें महिलाओं को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में मदद कर सकती हैं।
महिला सशक्तिकरण: महिला सशक्तिकरण समाज में समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, महिलाएं अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती हैं और उन्हें अधिक से अधिक अवसर मिल सकते हैं। समाज में एक बराबरी भावना को मजबूत करने से ही समृद्धि हो सकती है और समाज से जुड़े सभी व्यक्तियों को अपनी क्षमताओं का पूरा अधिकार हो सकता है।
महिलाओं के योगदान का समर्थन: अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि महिलाएं समाज का अभिवादन हैं और उनका योगदान अद्भुत होता है। इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day पर हमें उनका समर्थन करना चाहिए और उन्हें समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day पर हमें यह आत्मनिर्भरता, समर्पण, और समानता के सिद्धांतों को मजबूती से अपनाना चाहिए। महिलाएं समाज का ह्रदय होती हैं और उन्हें शक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे अपने पूरे पोटेंशियल को पूरा कर सकें। इसी से हमारी समृद्धि होगी और समाज में न्याय स्थापित होगा।
सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day की हार्दिक शुभकामनाएं!
Happy Women's Day !
आगे पढ़े : रोज सुबह रनिंग करने से दूर होती हैं हृदय से जुड़ी ये 5 समस्याएं
Thankyou