अक्सर कहा जाता है कि जड़ी-बूटियों के पांचों अंग यथा – जड़, छाल, पत्ते, फूल और फल - औषधि के काम में प्रयुक्त होते हैं। जैसे मूली में जड़; अशोक में छाल; पालक, मेथी, तुलसी में पत्ते; गुलाब, गेंदा में फूल; आम, अमरूद, केले में फल औषधि कर्म में उपयोगी हैं। हम जानते हैं कि फल और सब्जियां खाने से हम स्वस्थ रहते हैं लेकिन अक्सर ही इनके छिलकों को हम बेकार समझ कर फैंक देते हैं। क्या आप जानते हैं कि इन्हीं बेकार के छिलकों से हम अपना सौंदर्य प्राकृतिक ढंग से निखार सकते हैं।

संतरे के छिलके
संतरे के छिलकों को पीस कर उसमें हल्दी, बेसन, कच्चा दूध व गुलाब जल मिलाकर उबटन बना लें। इस उबटन को रात को सोने से पहले चेहरे तथा गर्दन पर लगाएं। इससे त्वचा में कसाव, स्निग्धता तथा निखार आता है और चेहरे के दाग-धब्बे भी साफ हो जाते हैं।
नींबू के छिलके
नींबू के छिलकों को पीस कर चेहरे पर लगाने से मुंहासे व दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। नींबू के छिलकों को नाखूनों पर रगड़ने से उनका कालापन दूर होता है।
अनार के छिलके
अनार के छिलकों का चूर्ण खांसी कम करता है। इसके छिलके स्क्रब का अच्छा काम भी करते हैं। इनको हाथ-पैर पर रगड़ने से मैल साफ हो जाती है।
केले के छिलके
केले के छिलकों की लुगदी बनाकर चेहरे पर 10-15 मिनट लगाएं। फिर धीरे-धीरे रगड़ते हुए चेहरा पानी से धो लें। इससे त्वचा झुर्रियों से मुक्त, कोमल व मुलायम हो जाती है। यह लेप मुख की कांति बढ़ाता है।
पपीते के छिलके
पपीते के छिलकों को सुखाकर पीस लें। उसमें ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की खुश्की दूर हो जाती है।
सेब के छिलके
सेब के छिलकों की लुगदी बनाकर चेहरे व हाथ-पैर पर मलें। 20 मिनट बाद धो लें। त्वचा नरम व कांतियुक्त हो जाएगी।
आलू के छिलके
आलू के छिलकों को हाथ-पैर पर मलने से तैलीय त्वचा में निखार आता है, साथ ही त्वचा की मृत कोशिकाएं भी हट जाती हैं।
लौकी के छिलके
लौकी के छिलके चेहरे पर रगड़ने से भी चेहरा दमक उठता है।
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