कई बार ऐसा लगता है कि हम अपने जीवन साथी के साथ बेहद खुशहाल जिन्दगी जी रहे हैं। इस खुशहाली में कुछ पल ऐसे भी आते हैं, जब आपकी आपके साथी के साथ किसी बात पर नोकझोंक या वाद-विवाद हो जाता है। उस समय आपको यह महसूस होता है कि नहीं, हमारी जिन्दगी पूरी तरह से खुशहाल नहीं है। कहीं तो कोई कमी है, जिसके चलते यह स्थिति पैदा हुई। इसी सोच को देखते हुए अपने रिश्ते को और बेहतर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपको अपने रिश्ते को मजबूत बनाते वक्त ध्यान में रखनी चाहिएं

सभ्य तरीके से जताएं असहमति
रिश्ते में हर बात पर असहमति जताना अच्छी बात नहीं इसलिए अपने जीवन साथी के साथ तर्कसंगत बातचीत करना सीखें, क्योंकि रिश्ते को बेहतर तरीके से चलाने के लिए बातचीत में स्पष्टता जरूरी है। ऐसा भी नहीं कि आप बहस न करें, जीवनसाथी के साथ बहस करने से कभी हिचकना नहीं चाहिए लेकिन याद रखें कि सीमाओं में रहकर सभ्य तरीके से अपनी असहमति दर्ज कराने का तरीका सीखें।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
कई बार आपकी जिंदगी में कई सारी बुरी चीजें एक साथ हो रही होती हैं। रिश्ते में रहते हुए अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान जरूर दें। इसके लिए हैल्दी रूटीन बनाएं, साथ में खाना खाएं और एक-दूसरे के साथ एक्टिविटीज में शामिल होने की कोशिश करें। इससे आप एक अंदरूनी खुशी का एहसास करेंगे। आपका जीवन साथी कैसा है, वह किसी बात को लेकर परेशान तो नहीं है न, उसके जीवन में क्या चल रहा है, इन सब बातों पर भी ध्यान दें।
शारीरिक संबंधों को दें प्राथमिकता
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स की मानें तो कपल्स को खुद से यह वादा करना चाहिए कि वे शारीरिक संबंधों को बेहतर बनाएंगे। कपल्स को रिलेशनशिप में हमेशा फिजिकल इंटीमेसी को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि कई बार इसकी कमी के कारण रिश्ते में उदासी और बोरियत हो जाती है। भाग-दौड़ वाली जिंदगी में आप कितना भी व्यस्त क्यों न हों, सप्ताह में कुछ समय इसके लिए जरूर निकालें। फिजिकल इंटीमेसी रिलेशनशिप के साथ-साथ हैल्थ के लिए भी अच्छी मानी जाती है।
स्वीकार करने की कला सीखें
रिश्ते में एक-दूसरे की खामियों को स्वीकार करने की कला होनी चाहिए। जिन लोगों को हम अपनी जिंदगी में चाहते हैं, उन्हें उसी तरह स्वीकार करना सीखना चाहिए, न कि उन्हें बदलने की कोशिश करनी चाहिए।
अपनी भूमिका तय करें
अगर आप लंबे समय से साथ में हैं, तो संभव है कि आप दोनों अलग-अलग भूमिकाओं में बंध गए होंगे। जैसे कि घर का काम कोई एक करेगा और बाहर का दूसरा लेकिन आप दोनों इस भूमिका से खुश हैं या नहीं? क्या आपने कभी आपस में इस पर बात की है कि इस बारे में खुलकर बात करें, जो जिम्मेदारियां पसंद न हों, उन्हें थोपने की बजाय बदलने पर काम करें। इस आपसी तनाव पैदा नहीं होगा।
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