नवदुर्गा के छठे स्वरूप, कात्यायनी माता Katyayani Mata , देवी दुर्गा का एक रूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के छठे दिन पूजा जाता है। वे ऋषि कात्यायन की पुत्री मानी जाती हैं और उनका वाहन सिंह है कात्यायनी माता Katyayani Mata शक्ति और दिव्यता की प्रतीक हैं। मां दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना विशेष रूप से नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। मान्यता है कि उनकी आराधना से साधक को अद्भुत आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।
मां कात्यायनी Maa Katyayani का एक प्रमुख मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित है, जिसे कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती के केश गिरे थे।

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के बंडोल में भी मां कात्यायनी Maa Katyayani का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यहां हर नवरात्रि में कुंवारी युवतियां विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। मंदिर के गर्भगृह में 29 वर्षों से अखंड ज्योति प्रज्वलित है, जिसके दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है।
भक्तगण मां कात्यायनी Maa Katyayani से विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए कात्यायनी माता मंत्र और कात्यायनी देवी मंत्र का जाप करते हैं। जिससे उन्हें विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां कात्यायनी Maa Katyayani की पूजा से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें मनचाहा वर प्राप्त होता है।
इस ब्लॉग में हम कात्यायनी माता katyayani mata के जन्म, पूजन विधि, उनके प्रमुख मंत्र, मंदिर और कात्यायनी माँ की उपासना से मिलने वाले फायदों पर , माँ कात्यायनी पूजा विधि, कात्यायनी देवी कथा, कात्यायनी माता का महत्व, माँ कात्यायनी मंत्र, माँ दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी, नवरात्रि में माँ कात्यायनी पूजा Maa Katyayani, Katyayani Devi Puja Vidhi, Katyayani Mata Katha, Katyayani Mantra, Sixth form of Goddess Durga, Maa Katyayani Benefits पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
माँ कात्यायनी – शक्ति, साधना और सिद्धि की देवी
माँ कात्यायनी देवी दुर्गा के छठे स्वरूप के रूप में पूजी जाती हैं। यह स्वरूप विशेष रूप से नवरात्रि के छठे दिन पूजा जाता है। माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और रोगमुक्त जीवन की प्राप्ति होती है। साथ ही, कुंवारी कन्याओं के लिए यह विशेष रूप से फलदायी मानी जाती हैं, क्योंकि इनकी उपासना से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
माँ कात्यायनी का स्वरूप और प्रतीक
🔱 माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। उनके चार हाथ होते हैं:
🔱 दाहिने हाथ में अभय मुद्र (भय दूर करने के लिए)
🔱 बाएँ हाथ में वरद मुद्रा (आशीर्वाद देने के लिए)
🔱 एक हाथ में तलवार (असुरों का नाश करने के लिए)
🔱 दूसरे हाथ में कमल का फूल (शांति और ज्ञान का प्रतीक)
🔱 माँ कात्यायनी सिंह पर विराजमान होती हैं, जो उनके पराक्रम और शक्ति का प्रतीक है।कात्यायनी माता की पौराणिक कथा Katyayani Mata Katha
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, महर्षि कात्यायन ने भगवती दुर्गा की घोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर कात्यायनी देवी Katyayani Devi ने उनके घर जन्म लिया। इस कारण इनका नाम कात्यायनी माता Katyayani Mata पड़ा। देवी ने महर्षि कात्यायन के यहां आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को जन्म लिया और महिषासुर का संहार कर देवताओं को पुनः स्वर्ग का अधिकार दिलाया।
कहते हैं कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब देवी अपने भक्तों की रक्षा के लिए अवतरित होती हैं। इसीलिए, कात्यायनी माता Katyayani Mata की उपासना विशेष रूप से की जाती है ताकि भक्तों को उनके जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से मुक्ति मिल सके।
महिषासुर वध की कथा:
जब महिषासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार बढ़ा दिए, तब देवी कात्यायनी devi katyayani ने उसे युद्ध में हराकर उसका वध किया। इस कारण इन्हें असुर-संहारिणी भी कहा जाता है।
कात्यायनी माता का स्वरूप
कात्यायनी देवी Katyayani Devi का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। वे चार भुजाओं वाली हैं और सिंह पर सवार रहती हैं। उनके एक हाथ में तलवार और दूसरे में कमल पुष्प सुशोभित होता है। अन्य दो हाथों में अभय और वरद मुद्रा होती है, जो उनके भक्तों को निर्भयता और आशीर्वाद प्रदान करती है।
मां कात्यायनी की पूजा विधि Katyayani Devi Puja Vidhi
कात्यायनी माता katyayani mata की पूजा विशेष रूप से नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। लेकिन, भक्तजन वर्षभर देवी की साधना कर सकते हैं। उनकी पूजा विधि इस प्रकार है:
1. स्नान एवं संकल्प
🔱 प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
🔱 संकल्प लें कि आप पूरे श्रद्धा और भक्ति से मां कात्यायनी maa katyayani की आराधना करेंगे।
2. पूजन सामग्री
🔱 लाल या पीले रंग के पुष्प
🔱 कुमकुम, हल्दी और अक्षत
🔱 गाय का घी और दीपक
🔱 नारियल, फल और मिठाई
🔱 दुर्गा सप्तशती का पाठ
3. पूजन विधि
🔱 मां कात्यायनी देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
🔱 उन्हें जल अर्पित करें और सुगंधित पुष्प चढ़ाएं।
🔱 धूप-दीप जलाएं और कात्यायनी माता मंत्र का जाप करें।
🔱 भोग अर्पित करें और माता से अपनी इच्छाएं व्यक्त करें।
मां कात्यायनी के प्रमुख मंत्र Katyayani Mantra,
कात्यायनी माता मंत्र: Maa Katyayani Mantra in Hindi
कात्यायनि महामाये, महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्दगोपसुतं देवी, पतिं मे कुरु ते नमः।।
👉 फायदे: कुंवारी कन्याओं के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। प्रेम विवाह में आ रही समस्याओं का समाधान मिलता है।
कात्यायनी देवी मंत्र: Katyayani Mantra
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।।
👉 फायदे: यह मंत्र शक्ति और साहस प्रदान करता है। नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।
कात्यायनी माता का बीज मंत्र:
Maa Katyayani Mantra
"ॐ ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै स्वाहा।।"
👉 फायदे: आध्यात्मिक उन्नति में सहायक। जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
बीज मंत्र:
Maa Katyayani Mantra
॥ ॐ ह्रीं कात्यायन्यै नमः ॥
कात्यायनी देवी का विशेष मंत्र:
Maa Katyayani Mantra
॥ चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥
कुंवारी कन्याओं के लिए विवाह बाधा निवारण मंत्र:
Maa Katyayani Mantra
॥ ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसुतं देवी पति मे कुरु ते नमः ॥
मां कात्यायनी की आरती
Maa Katyayani Aarti
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
माँ कात्यायनी का विशेष प्रसाद
✅ गुड़ – स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
✅ नारियल – शुभ फलदायी
✅ पीले रंग के फूल देवी को अत्यंत प्रिय
माँ कात्यायनी पूजा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें*
✅ पूजा करते समय माँ का ध्यान एकाग्र होकर करें।
✅ पीले वस्त्र पहनें और हल्दी व केसर का उपयोग करें।
✅ अशुद्ध विचारों से बचें और सात्विक भोजन करें।
✅ मंत्र जाप के समय मन को शुद्ध और शांत रखें।
माँ कात्यायनी की पूजा का सही समय
✅ नवरात्रि के छठे दिन (षष्ठी तिथि)
✅ सुबह 4 से 6 बजे ब्रह्म मुहूर्त में
✅ शाम 6 से 8 बजे संध्याकाल में
कात्यायनी माता के प्रमुख मंदिर
1. वृंदावन कात्यायनी मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में स्थित यह मंदिर कात्यायनी देवी Maa Katyayani का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। मान्यता है कि यहां देवी सती के केश गिरे थे, जिसके कारण इसे शक्ति पीठ का दर्जा प्राप्त है।
2. कात्यायनी शक्तिपीठ, उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित यह मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
3. बंडोल कात्यायनी मंदिर, सिवनी
यहां हर नवरात्रि में हजारों भक्त मां कात्यायनी Maa Katyayani की पूजा करने आते हैं। यह स्थान विवाह संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
4. चामुंडा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
5. वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
कात्यायनी माता की उपासना के लाभ Maa Katyayani Benefits
माँ कात्यायनी पूजा के लाभ (Benefits of Maa Katyayani Puja in Hindi)
✅ कुंवारी कन्याओं के विवाह में बाधा दूर होती है।
✅ धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
✅ शत्रु और बाधाओं से रक्षा मिलती है।
✅ अविवाहित प्रेमियों के लिए वरदान स्वरूप है।
✅ संतान सुख की प्राप्ति होती है।
✅ विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।
✅ नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
✅ धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
✅ संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
✅ मन की शांति और आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ता है।
माँ कात्यायनी और कुंडली दोष निवारण
👉 यदि किसी महिला या पुरुष की कुंडली में विवाह योग में बाधा हो तो उन्हें नवरात्रि में माँ कात्यायनी maa katyayani की उपासना अवश्य करनी चाहिए।
👉 माँ कात्यायनी maa katyayani की पूजा करने से मंगल दोष (Manglik Dosh) भी शांत होता है।
मां कात्यायनी की दिव्य छवियां
भक्तों के लिए मां कात्यायनी maa katyayani इमेज और कात्यायनी देवी इमेजेज का विशेष महत्व है। देवी की तस्वीरें घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
👉 अगर आप ऑनलाइन मां कात्यायनी maa katyayani इमेज देखना चाहते हैं, तो आप गूगल पर "Maa Katyayani Image" या "Katyayani Devi Images" सर्च कर सकते हैं।
माँ कात्यायनी Maa Katyayani शक्ति और साधना की देवी हैं। जो भी श्रद्धालु निष्ठा और प्रेम से माँ कात्यायनी Katyayani Mata की आराधना करते हैं, उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। देवी की कृपा से जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख-शांति आती है। उनकी पूजा से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। नवरात्रि के छठे दिन माँ की पूजा विशेष रूप से करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। यदि आप भी माँ कात्यायनी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करें।
यदि आप भी अपने जीवन में किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो मां कात्यायनी Katyayani Mata की शरण में जाएं और उनकी कृपा से अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें।
कृपया नोट करें : यह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने की सलाह शामिल है। यह किसी भी तरह से योग्य आध्यात्मिक या ज्योतिषीय राय का विकल्प नहीं है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें।
Thankyou