बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें खुद के काम करने और निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें घर के कामों में शामिल करें और उन्हें स्कूल के लिए तैयार करने जैसे छोटे-छोटे काम करने दें। उनसे बातचीत करें, उनके विचारों को सुनें और उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करें।
बचपन का भरपूर आनंद लेते हुए भी आपके बच्चे को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षित करने के कई तरीके हैं उसे ऐसी जिम्मेदारियां दें, जिन्हें वह संभाल सकता है
स्वावलंबी बनाने का अर्थ बच्चे को पैसों को संभालने और बड़े निर्णय लेने के लिए कहना नहीं है। यदि आफ पिकनिक की योजना बना रही हैं तो छोटी-छोटी बातों में उसे मदद करने के लिए कहें। जैसे, उन वस्तुओं की एक सूची बनाना जिनकी आपको जरूरत पड़ सकती है या उसे स्वयं का बैग पैक करने के लिए कहना ।
खुद के काम खुद करने दें:
बच्चों को अपना काम खुद करने के लिए प्रोत्साहित करें, चाहे वह कपड़े रखना हो, स्कूल के लिए तैयार होना हो, या कुछ और।
निर्णय लेने का अधिकार दें:
बच्चों को छोटे-छोटे निर्णय लेने का अधिकार दें, जैसे कि उन्हें नाश्ते में क्या खाना है, कौन सा खेल खेलना है या कौन सी फिल्म देखनी है।
खुद पर भरोसा रखें:
बच्चों को सिखाएं कि वे अपने दम पर क्या कर सकते हैं और खुद पर भरोसा रखने की क्षमता विकसित करें।
सलाह और मार्गदर्शन:
बच्चों को सिखाएं कि वे दूसरों से सलाह और मार्गदर्शन ले सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने निर्णय खुद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
अधिकारों के बारे में बताएं:
बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में बताएं और उन्हें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करें।
आत्मविश्वास विकसित करें:
बच्चों को आत्मविश्वास विकसित करने में मदद करें, ताकि वे दुनिया में अपनी जगह बना सकें।
उसकी हर बात में सहायता करने से बचें
कई माता-पिता मार्गदर्शन को सहायता करना समझ लेते हैं। जैसे यदि वह कुछ काम या खेल में थोड़ा गलत कर रहा है या जरूरत से ज्यादा समय ले रहा है तो वे बच्चे के कार्यों में लगातार हस्तक्षेप करते हैं। शुरुआती उम्र में अपने बच्चे को कुछ निर्देशों या खुले विचारों वाले सुझावों से मार्गदर्शित करना अच्छा होता है, जो उसे इस संभावना से अवगत कराता है कि कार्य को आसान तरीके से पूरा किया जा सकता है। जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, बेवजह हस्तक्षेप करने की बजाय आवश्यकता पड़ने पर उसे स्वयं आपके पास आने दें।
समय पर उसे अपने निर्णय लेने दें
हो सकता है कि आपको अपने बच्चे के बाहर खेलने जाने से पहले उसका होमवर्क पूरा कर लेना पसंद हो, जबकि उसे पहले खेलना पसंद हो सकता है और फिर अपना होमवर्क पूरा करना। बच्चे को छोटी-छोटी बातों में कुछ हद तक आजादी दें, जैसे कि क्या पहनना है या शाम को नाश्ते में क्या खाना है। और जब तक वह अपने किए वादे पूरा करता है, आपको कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
उसके प्रति सहानुभूति रखें
आपका बच्चा अभी आत्मनिर्भर होना सीख रहा है और यह उसके लिए भी आसान नहीं है। उसे डांटने या उसे नीचा दिखाने से बचें, भले ही वह कुछ ऐसा करने में विफल हो, जो काफी आसान है। सहारा देने और मदद करने के लिए उसके साथ मौजूद रहें।
उसे स्वतंत्र रूप से समस्याएं हल करना सिखाएं
चाहे वह स्कूल से संबंधित समस्याएं हों अथवा भाई-बहन या दोस्तों के साथ की कोई समस्या, अपने बच्चे को बताएं कि कुछ बातों का समाधान स्वयं उसके द्वारा ही किया जाना है और आप इसमें उसकी मदद नहीं कर सकते। अगर जरूरत हो तो उसे स्थिति का एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करके उसका मार्गदर्शन करें।
बातचीत करना सिखाएं
बच्चे को सुलह और समझौते से परिचित कराएं ताकि उसमें सामने आई परिस्थिति में से सबसे अच्छा निष्कर्ष निकालने की समझ विकसित हो।
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