प्राचीन भारत के स्वर्णिम युग का एक स्वर्णिम अध्याय है योगाभ्यास । तन और मन को स्वस्थ बनाने की इस अनुपम योग विद्या का प्रमुख अंग है सूर्य नमस्कार Surya Namaskar Mantra । सूर्य नमस्कार मनुष्य को बुद्धिमान, धैर्यवान, बलवान बनाने के साथ ही उसकी एकाग्रता, आत्मविश्वास एवं मेधा शक्ति को बढ़ाता है।

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सूर्य नमस्कार Surya Namaskar Mantra यानी आरोग्य का वरदान । यह संजीवनी की तरह दिव्य औषधि है, जो मनुष्य के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है। उत्साह और स्फूर्ति उत्पन्न करते हुए उसकी कार्यक्षमताओं में वृद्धि करती है। सूर्य नमस्कार Surya Namaskar Mantra कोई धार्मिक अनुष्ठान न होकर व्यायामों और आसनों की श्रृंखला है।
ईसाई धर्म में न्यू टैस्टार्मेंट में सूर्य के धार्मिक महत्व का विशद वर्णन है। सेंट पाल ने इसीलिए रविवार का दिन पवित्र घोषित कर इस दिन प्रभु की आराधना, दान दिए जाने आदि को अत्यंत पुण्यदायी माना है।
ग्रीक और रोमन विद्वानों ने भी इसी दिन को पूजा का दिन स्वीकार किया। इस्लाम में सूर्य को 'इल्म अहकाम अननजू' का केंद्र माना गया है अर्थात सूर्य इच्छा शक्ति बढ़ाने वाली चैतन्य सत्ता का प्रतीक है।
अमरीका के रैड इंडियनों द्वारा आबाद क्षेत्रों में सूर्य मंदिर प्रचुर संख्या में पाए गए हैं। इसी तरह कई प्रकार की सूर्य गाथाएं हवाई द्वीप, अमरीका तथा कैरेबियन द्वीपों में प्रचलित हैं जो बताती हैं कि सूर्य सबका उपास्य रहा है।
चीन में सूर्य को 'यांग' तथा चंद्रमा को 'पिन' मानते हैं तथा इसकी प्रतिनिधि धाराएं इडा पिंगला के रूप में शरीर में सव्याप्त मानते हैं।
अमरीका के रैड इंडियनों द्वारा आबाद क्षेत्रों में सूर्य मंदिर Surya Temple प्रचुर संख्या में पाए गए हैं। इसी तरह कई प्रकार की सूर्य गाथाएं हवाई द्वीप, अमरीका तथा कैरेबियन द्वीपों में प्रचलित हैं जो बताती हैं कि सूर्य सबका उपास्य रहा है।
चीन में सूर्य को 'यांग' तथा चंद्रमा को 'पिन' मानते हैं तथा इसकी प्रतिनिधि धाराएं इडा पिंगला के रूप में शरीर में सव्याप्त मानते हैं।
जापान सूर्य पूजक राष्ट्र है। प्रख्यात मनीषी ए.बी. कीथ एवं दार्शनिक गेलस के अनुसार ग्रीक दर्शन में सूर्योपासना अत्यंत प्राचीन है।
ग्रीक दार्शनिक एम्पेडीलस कहते हैं कि सूर्य ही इस संसार का सृष्टा है। ग्रीस में आज भी शादी-विवाह में सूर्य मंत्र पढ़ा जाता है। बिहार तथा अन्य प्रांतों में भी छठ पूजा को प्रतिष्ठा प्राप्त है, जो वास्तव में सूर्य पूजा है। मकर संक्रांति भी सूर्य आराधना का पर्व है।
सम्राट अकबर ने सूर्य की ऊर्जा के प्रताप का साक्षात अनुभव किया था। इतिहास वेत्ताओं के अनुसार अकबर स्वयं सूर्य उपासक थे। वह नित्य सूर्याभिमुख होकर सूर्य सहस्त्रनाम का पाठ करते थे और पूजन करते थे। यूनान के सम्राट सिकंदर भी सूर्य के उपासक थे।
सूर्य नमस्कार Surya Namaskar भारतीय योग परम्परा का अद्भुत उपहार है। यह विभिन्न आसनों और व्यायाम का समन्वय है जिससे शरीर के सभी अंगों-उपांगों का पूरा व्यायाम हो जाता है। सूर्य की किरणों से विटामिन 'डी' की प्राप्ति होती है।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो प्रतिदिन सूर्य नमस्कार Surya Namaskar करते हैं वे आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य, तेज को प्राप्त करते हैं।
आदित्यस्य नमस्कारन, ये कुर्वन्ति दिनेदिने,
आयुः प्रज्ञा बमंवीर्यम, तेजस तेषाञ्ज च जायते ।
सूर्य नमस्कार Surya Namaskar मन और आत्मा को विकसित करते हुए शारीरिक क्षमता बढ़ाने का एक अद्भुत व्यायाम है। जिस तरह सूर्य से सारी कायनात रोशन होती है, चर-अचर में जीवन और ऊषम का संचार होता है
उसी तरह सूर्य नमस्कार Surya Namaskar से व्यक्ति की क्षमताओं, आरोग्य, आकर्षण आदि का विकास होता है जो मानसिक सुख, समृद्धि के नए द्वार खोलता है।
सूर्य नमस्कार Surya Namaskar एक ऐसी चाबी है जो सीधा-सा गणित सुझाती है- स्वस्थ तन, स्वस्थ मन, सुख, शांति, समृद्धि।
सूर्य नमस्कार सूर्य का स्वागत व्यायाम
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) तन से, मन से एवं वाणी से सूर्य का स्वागत है। उसके दो आधुनिक पहलू हैं। पहला, सांधिक सूर्य नमस्कार और दूसरा संगीत के साथ सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar )।
ध्येयः सदा सवितृ मंडल-मध्यवर्ती नारायणः सरसिजऽसन सन्निविष्टः । केयूरवान मकर कुंडलवान किरीट हारी हिरण्यम वपुर्धेत शंख चक्रः ॥ अर्थ : सौर मंडल में मध्यम में, कमल के आसन पर विराजमान (सूर्य) नारायण जो बाजूबंद, मकर की आकृति के कुंडल, मुकुट, शंक चक्र धारण किए हुए तथा स्वर्ण आभायुक्त शरीर वाले हैं, का सदैव ध्यान करते हैं।
सूर्य नमस्कार | Surya Namaskar
सूर्य नमस्कार 12 स्थितियों से मिल कर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में इन्हीं 12 स्थितियों को क्रम में दो बार दोहराया जाता है।
12 स्थितियों में से प्रत्येक के साथ एक मंत्र जुड़ा है। मंत्र के दोहराने का मन पर बड़ा शक्तिशाली और तेज प्रभाव पड़ता है। सुनाई देने वाली अथवा न सुनाई देने वाली ध्वनि तरंगों के मन पर सूक्ष्म प्रभाव पड़ने के कारण ऐसा होता है।
यहां तक कि इस वातावरण का उपयोग आधुनिक विज्ञान भी कर रहा है। उदाहरण के लिए, विश्व के विभिन्न भागों में स्थित कुछ प्रगतिशील अस्पतालों में अनेक मनोचिकित्सक ध्वनि के रूप में अपने रोगियों का लम्बे समय तक सुझाव या अन्य व्यक्ति द्वारा दिए सुझावों के अधीन रख कर उनका इलाज करते हैं।
इन पाश्चात्य सुझावों तथा योग और अनेक धर्मों में प्रयुक्त मंत्रों में केवल इतना अंतर है कि सुझावों का प्रयोग शारीरिक और मानसिक दशा को सुधारने में किया जाता है जबकि मंत्रों का प्रयोग शुद्ध आध्यात्मिक कारणों से किया जाता है।
सूर्य के मंत्र Surya Namaskar Mantra in hindi
ॐ मित्राय नमः
(हित करने वाला मित्र)
ॐ रवये नमः
(शब्द का उत्पत्ति स्रोत)
ॐ सूर्याय नमः
(उत्पादक, संचालक)
ॐ भानवे नमः
(ओज, तेज)
ॐ खगाय नमः
(आकाश में स्थित/विचरण करने वाला)
ॐ पुष्णे नमः
(पुष्टि देने वाला)
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
(बलदायक)
ॐ मरीचे नमः
(व्याधिहारक/किरणों से युक्त)
ॐ आदित्याय नमः
(सूर्य देव को प्रणाम)
ॐ सवित्रे नमः
(सृष्टि उत्पादनकर्त्ता)
ॐ भास्कराय नमः
(कीर्तिदायक)
सूर्य नमस्कार के क्या फायदे हैं? / सूर्य नमस्कार से कौन से रोग ठीक होते हैं? benefits of surya namaskar / surya namaskar ke fayde
सूर्य नमस्कार, 12 आसनों का एक योग है. यह शरीर और मन को एक साथ जोड़ने का एक अभ्यास है. इसे सुबह के समय किया जाता है. सूर्य नमस्कार करने के कई फ़ायदे हैं benefits of surya namaskar: एक नजर सूर्य नमस्कार के 10 फायदों पर...
1. शरीर में लचीलापन आता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) में कई योगासन होते हैं, जो मांसपेशियों और जोड़ों को खींचकर उन्हें लचीला बनाते हैं.
2. रक्त परिसंचरण बेहतर होता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे दिल को फ़ायदा मिलता है.
3. पाचन तंत्र बेहतर होता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) से पाचन में सुधार होता है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है.
4. प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) से ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है और शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है.
5. वज़न कम होता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) में शरीर की सारी मांसपेशियां काम करती हैं, जिससे फ़ालतू चर्बी कम होने लगती है.
6. तनाव कम होता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar )के दौरान गहरी सांस लेने से माइंड रिलैक्स होता है और तनाव कम होता है.
7. पीठ दर्द से राहत मिलती है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) से स्पाइन की एलाइनमेंट बेहतर होती है, जिससे पीठ दर्द से राहत मिलती है.
8. फ़ेफड़ों की क्षमता बढ़ती है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) के दौरान गहरी सांस लेने से फ़ेफड़ों की क्षमता बढ़ती है.
9. शरीर का पोस्चर बेहतर होता है
सूर्य नमस्कार ( Surya Namaskar ) से शरीर का पोस्चर बेहतर होता है.
सूर्य नमस्कार कब नहीं करना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं, हार्ट डिज़ीज़ के मरीज़ों, पीठ में दर्द से जूझ रहे लोगों, और घुटने में दर्द से परेशान लोगों को सूर्य नमस्कार करने से पहले योग गुरु से सलाह लेनी चाहिए.
सूर्य नमस्कार करने से बचना चाहिए अगर:
- हाल ही में कोई सर्जरी हुई है
- कलाई में गंभीर चोट लगी है
- हर्निया है
- उच्च ब्लड प्रेशर है
- गठिया है
- डिलीवरी के तुरंत बाद है
- पीरियड्स के दौरान है
- शरीर या किसी अंग में चोट लगी है
- रीढ़ की हड्डी में दिक्कत है
सूर्य नमस्कार करने के लिए ये टिप्स भी ध्यान में रखें:
- सूर्य नमस्कार करते समय ज़्यादा दबाव न डालें
- हमेशा खाली पेट ही करें
- सूर्य नमस्कार हमेशा दूसरे आसनों से पहले करें
- सुबह 6:00 – 8:00 के बीच ऊर्जा, लचीलेपन और कंस्ट्रक्शन बढ़ाने के लिए योग करें
- दोपहर में 4:00 से शाम 6:00 बजे तक योग करें
सूर्य नमस्कार में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सूर्य नमस्कार के तुरंत बाद क्या करें?
जवाब- सूर्य नमस्कार करने के बाद करीब 5-10 मिनट तक शवासन में लेट जाएं और शरीर को आराम दें। बॉडी टेम्परेचर और हार्ट रेट सामान्य होने के बाद ही कोई दूसरा काम करें।
योगाभ्यास करने के बाद लगभग 30 मिनट तक कुछ भी नहीं खाना या पीना चाहिए। योगाभ्यास के 1 घंटे बाद आपको पौष्टिक और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए। आप योग करने के बाद उबले हुए अंडे, दही, अनाज, सब्जी नट्स आदि का सेवन कर सकते हैं।
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