कहते हैं जिस घर में बुजुर्गों का साया होता है, उस घर से जुड़ी तकलीफें आसानी से हल हो जाती हैं। बुजुर्गों को यदि कभी ऐसा महसूस होता है कि जितना उन पर ध्यान देने की जरूरत है उतना उनको नहीं मिल पाता, तो जरूरत है कि आप उनके प्रति अपना व्यवहार बदलें। आप कुछ बातों का ध्यान रख कर अपने घर के बुजुर्गों को खुश रख सकते हैं, उन्हें विश्वास दिला सकते हैं कि आप उनके साथ हैं।

व्यक्तिगत समस्याओं पर लें परामर्श
यदि आप किसी परेशानी में हैं और उसे हल नहीं कर पा रहे हैं तो आप उनसे परामर्श करें। हो सकता है उनके अनुभव से आपकी समस्या का हल निकल आए। ऐसा होने पर उन्हें भी विश्वास होगा कि वे आपके लिए कितने जरूरी हैं। प्रयास करें कि आप कोई ऐसी बात या शब्द न बोलें, जिससे उन्हें ठेस पहुंचे।
तनाव से रखें दूर
जहां तक संभव हो आप उन्हें हर प्रकार के तनाव से दूर रखें। विशेष रूप से उनके भविष्य को लेकर उनकी चिंता दूर करें। उन्हें इस बात का अहसास करवाएं कि आप उनके साथ हैं, . उनके बिना आप कुछ भी नहीं हैं। बुजुर्ग अपने स्वास्थ्य को लेकर डरा रहता है ऐसे में उनकी इन बातों को दूर करने का प्रयास करें।
उनके साथ खाना खाएं
खाने की टेबल वह जगह है, जहां पूरा परिवार एक साथ एकत्र होता है, जहां एक-दूसरे से खुलकर बातचीत की जा सकती है। इस वक्त आप उनसे उनके उत्तराधिकार को लेकर भी बात कर सकते हैं। उन्हें कुछ समझा भी सकते हैं और उनकी सलाह भी ले सकते हैं। इससे रिश्तों में खुलापन आएगा। उन्हें उनके मन के मुताबिक निर्णय लेने दें। सप्ताह - में एक बार उनके साथ बाहर घूमने जाएं, इससे उनका मन खुश होगा। दिमागी तनाव कम होगा।
एक्टिव रखें
वैसे तो एक उम्र ऐसी आती है, जब इंसान के लिए चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। बुजुर्गों के लिए फिट और एक्टिव रहना आसान काम नहीं होता। ऐसे में आप उन्हें फिट और एक्टिव रखने के लिए योग और व्यायाम करने में मदद करें। साथ ही खुद भी व्यायाम करें। इससे न केवल उनकी शारीरिक बीमारियां दूर भागेंगी, बल्कि उनका अकेलापन भी दूर होगा और वे फिट भी रहेंगे।
डिजिटल दुनिया से जोड़ें
डिजिटल युग में अपने पेरेंट्स को भी अपग्रेड करते रहें और उन्हें मोबाइल, लैपटॉप आदि यूज करना सिखाएं, ताकि आप जब घर पर न हों, तो उन्हें अकेलापन महसूस न हो और अपना समय वे एन्जॉय करते हुए बिता सकें।
अड़ोस-पड़ोस में बातचीत करनें दें, मित्र मंडली बनाने दें
बुजुर्गों को बाहर लोगों से मिलने और नए दोस्त बनाने दें। इससे उनका अकेलापन दूर होगा और वे हमेशा खुश रहेंगे। उनके अनुभव और कहानी को ध्यान से सुनें। शायद उनकी सुनाई ■ कहानी से आपको जीवन की किसी परेशानी का हल मिल जाए।
सुरक्षित माहौल दें
समाज में बुजुर्गों के साथ बढ़ती हिंसा उनके मन में डर पैदा कर सकती है। ऐसे में आप घर और आसपास सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवा सकते हैं। आप चाहें तो उनके साथ जी.पी.एस. ट्रैकर रख सकते हैं, जो उनकी गतिविधियों बारे बताता रहे। बुजुर्गों के बाहर जाने पर नजर रखें। उन्हें घर वापिस आने में देर हो जाए तो बाहर देखने जरूर जाएं।
पॉकेट मनी जरूर दें
आपके बुजुर्ग आपसे अपने खर्च के लिए पैसे मांगते हुए शर्मिंदगी महसूस कर सकते हैं। ऐसे में आप उनके बिना मांगे ही उन्हें हर सप्ताह उनके खर्च या उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा दें। वैसे भी बुजुर्ग आपके ही बच्चों के लिए कुछ न कुछ लेकर आते हैं, जो उन्हें अच्छा लगता है।
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