रणथम्भौर का 'त्रिनेत्री गणेश मंदिर' प्रत्येक कार्य की शुरूआत गणेश पूजा से की जाती है। भारत में अनेक गणेश मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं, इनमें से एक है-रणथम्भौर का गणेश मंदिर। राजस्थान के सवाई माधोपुर शहर के निकट स्थित दुर्ग रणथम्भौर का गणेश मंदिर आस्था एवं ब्रद्धा के लिए जन-जन में प्रसिद्ध है।
रणथम्भौर का 'त्रिनेत्री गणेश मंदिर' |Trinetra Ganesh Temple Ranthambore Postal Address in hindi
गणेश जी को बतानी है मन की बात तो चिट्ठी इसे पते पर भेजो...
Trinetra Ganesh Temple Ranthambore
2F83+X7X,
Ganesh Mandir Marg,
Ranthambhore Fort, Rajasthan 322001
अनूठी प्रतिमा वाला मंदिर
दुर्ग के मध्य-दक्षिणी परकोटे पर बने प्राचीन गणेश मंदिर के प्रति लोगों में अथाह श्रद्धा है। सिंदूर लेपन के कारण इसका वास्तविक रूप देखना संभव नहीं, परंतु कहा जाता है कि यहां के गणपति के मात्र मुख की पूजा होती है। अन्य अवयव इस प्रतिमा में नहीं हैं।
मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश यहां स्वयंभू हो रहे थे, तभी किसी ने उन्हें देख लिया तथा ऐसे में उनका प्रकट्य रुक गया तथा वे इसी रूप में रह गए। यद्यपि ऐसी मान्यताएं सही हैं या नहीं, परंतु रणथम्भौर के गणेश जी लाखों लोगों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं, ऐसी आस्था जन-जन में है।
देश-विदेश से आते हैं गणेश जी के नाम पत्र Ttrinetra Ganesh Temple Ranthambore postal address in hindi
विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों को प्रारंभ करने से पूर्व रणथम्भौर के गणेश जी को निमंत्रण देने एवं उनको कार्य में पधारने का आग्रह करना एक परम्परा है। यहां पर देश- विदेश से गणेश जी के नाम डाक आती है जिन्हें पुजारी मूर्ति के सामने भक्तों की कामना पूर्ण करने के लिए रखता है। ये पत्र विवाह निमंत्रण, गृहप्रवेश, पुत्रादि की कामना आदि विषयों से संबंधित रहते हैं।यहां पर ग्रामीण तथा किसान बड़ी संख्या में मनौतियां मांगने आते हैं। मंदिर की दीवारों से टकराकर जो अन्न के दाने बिखरते हैं उन्हें किसान बीन कर ले जाते हैं और अपने बीजों में मिलाकर बुआई करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनकी पैदावर अच्छी होगी।
रणथम्भौर गणेश मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण घाटियों, मनोरम झीलों एवं बहुरंगी वस्त्रों से सुसज्जित ग्रामीणों के कारण बहुत सुंदर लगता है। यात्री 4 किलोमीटर पैदल चल कर व सैंकड़ों सीढ़ियां चढ़कर इस मंदिर पर पहुंचते हैं तो उनका मन शांत एवं प्रसन्नचित हो जाता है।
रणथम्भौर के गजानन या रणतभंवर के गजानन निश्चित ही अद्वितीय हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न : गणेश मंदिर रणथंभौर कैसे पहुंचे?
उत्तर : हवाई मार्ग से से गणेश मंदिर रणथंभौर - जयपुर में सांगानेर हवाई अड्डा त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक हवाई अड्डे से आप निजी टैक्सी या कार किराए पर लेकर आसानी से पहुँच सकते हैं। केवल यह 180 किमी दूर है।
सड़क मार्ग से गणेश मंदिर रणथंभौर - राज्य द्वारा संचालित बसों की अच्छी सुविधा है जो त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक की यात्रा को संभव बनाती है। आपको दिल्ली, अहमदाबाद, जोधपुर, जयपुर और अजमेर से बसें मिल जाएँगी।रेल मार्ग से गणेश मंदिर रणथंभौर - सवाई माधोपुर त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से कोई भी टैक्सी या कैब किराए पर लें। यह रणथंभौर किले से सिर्फ़ 10 किमी दूर है।
प्रश्न : त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर में कितनी सीढ़ियां हैं?
उत्तर : 250 सीढ़ियाँ , रणथंभौर किला, यह एक बंदर जंगल की तरह है
प्रश्न : रणथंभौर गणेश मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर : त्रिनेत्र गणेश मंदिर रणथंभौर किले के अंदर स्थित है और राजस्थान के सबसे पुराने मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है। यह पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान गणेश का पूरा परिवार विराजमान है जबकि उनकी प्रतिमा में तीन आंखें हैं।
प्रश्न : रणथंभौर में देखने के लिए क्या है?
उत्तर : यहाँ आप बाघ को उसके विभिन्न मूड और क्षणों में कैद कर सकते हैं। रणथंभौर पार्क के अलावा, रणथंभौर टाइगर रिजर्व के अंदर घूमने के लिए कई अन्य जगहें हैं जैसे रणथंभौर किला, पदम झील, त्रिनेत्र गणेश मंदिर, जोगी महल और वनस्पतियों और जीवों की विभिन्न प्रजातियाँ, जो देखने लायक हैं।प्रश्न : रणथंभौर का पुराना नाम क्या था?
उत्तर : 18 वीं शताब्दी में मराठा शासक अपने शिखर पर थे और उन्हें देखने के लिए जयपुर के राजा सवाई माधो सिंह ने मुगलों को किला को उनके पास सौंपने का अनुरोध किया था। सवाई माधो सिंह ने फिर से पास के गांव का विकास किया और इस किले को दृढ़ किया और इस गांव का नाम बदलकर सवाई माधोपुर रखा।प्रश्न : त्रिनेत्र गणेश जी का मेला कब लगता है?
उत्तर : 6 से 8 सितंबर के बीच लक्खी मेला आयोजित किया जाएगा। इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया गया है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर के प्रधान सेवक हिमांशु गौतम ने बताया कि रणथंभौर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है।आगे पढ़िए... श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये उपाय
यदि कोई अच्छी बात या खुशी की घटना आपके जीवन में घट रही है, तो आप त्रिनेत्र गणेश को नीचे दिए गए मंदिर के पते पर को निमंत्रण भेज सकते हैं।
रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर
सवाई माधोपुर
राजस्थान - 322021
Thankyou