12वीं के बाद क्या करें? भारत के पसंदीदा करियर विकल्पों में से एक है इंजीनियरिंग। बेहतर करियर स्कोप, बेहतर करियर ग्रोथ और अच्छी सैलरी पैकेज छात्रों को इस क्षेत्र के प्रति आकर्षित करती है। इसीलिए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं।
12वीं के बाद क्या करें? नौकरी का बेहतर स्कोप देता है इंजीनियरिंग क्षेत्र Best Career Options after 12th Science
क्यों चुनें इंजिनियरिंग ?
इंजिनियरिंग एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बेहतर भविष्य के लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प है लेकिन स्थिति तब बिगड़ती है इस फील्ड को जब ज्यादातर बच्चे बिना खुद को परखे, बगैर अपनी अबिलिटी को जांचे, चुन लेते हैं। इसे बतौर करियर ऑप्ट करने की होड़ में शामिल हो जाते हैं। नतीजा, भविष्य में सोच के मुताबिक बेहतर नहीं कर पाते। इसलिए तीन बातों का इंजिनियरिंग को करियर चुनते वक्त ख्याल रखना चाहिए। सबसे पहले तो फिजिक्स और मैथ्स में पकड़ होना भी बहुत जरूरी है। इसके बाद अपना लॉजिकल थिंकिंग, इंट्रेस्ट, और डिजाइन, इन तीनों फैक्टर्स को जांचें-परखें।

छात्रों के बीच लोकप्रिय इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स-
⚙️कंप्यूटर साइंस व इंजिनियरिंग / आईटी
अगर आप हाई पैकेज और बाहर जॉब करना चाहते हैं तो इंजिनियरिंग की यह ब्रांच आपके लिए फिट है। औसतन इस ट्रेड से पढ़ाई करने वाले फ्रेशर्स को कंपनियां 4.5 लाख से 6 लाख तक के पैकेज ऑफर करती हैं।
⚙️इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्युनिकेशन इंजिनियरिंग
इस ब्रांच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप प्राइवेट कंपनी के साथ-साथ पीएसयू जैसे BEL, इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया आदि के लिए भी एलिजिबल हो जाते हैं। औसतन इस ट्रेड से पढ़ाई करने वाले फ्रेशर्स को कंपनियां 3 लाख से 4.5 लाख तक के पैकेज ऑफर करती हैं।
⚙️इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग
इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग, इसे सदाबहार ब्रांच के रूप में जाना जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग में वेकंसी हमेशा बनी रहती है। इस ब्रांच से भी पीएसयू के रास्ते आपके लिए खुल जाते हैं। बाकी प्राइवेट सेक्टर में तो जॉब है ही। विदेशों में भी इस ब्रांच से पढ़े लोगों की हमेशा डिमांड रहती है।
⚙️मकैनिकल इंजिनियरिंग
मकैनिकल इंजिनियरिंग, इंजिनियरिंग की सबसे पुरानी ब्रांचों में से एक है लेकिन पुराने होने के बाद भी मकैनिकल इंजिनियरिंग के क्रेज में कोई कमी नहीं है, क्योंकि इस ट्रेड के लोगों की खपत वाले सेक्टर्स में आज भी अच्छी-खासी वेकंसी निकलती हैं। इस ट्रेड से पढ़ाई करने वाले फ्रेशर्स को कंपनियां औसतन 1.5 लाख से 3.15 लाख तक के पैकेज ऑफर करती हैं।
⚙️सिविल इंजिनियरिंग / इंवायरनमेंटल इंजिनियरिंग -
सिविल इंजिनियरिंग, चूंकि आज हर तरफ विकास की बात हो रही है और विकास का सीधा जुड़ाव इंफ्राइस्ट्रक्चर Infrastructure से है। इसलिए आज के समय में सिविल इंजिनियरिंग की वैल्यू काफी बढ़ गई है। इस ब्रांच की खास बात यह है कि सिविल इंजिनियरिंग प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में भी बड़े स्तर पर सिविल इंजिनियरिंग भी दखल रखता है।
⚙️ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग-
एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर पर कई प्रकार की जिम्मेदारियां होती हैं। उन्हें कम लागत में बेहतरीन ऑटोमोबाइल डिजाइन करना होता है। ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स प्लानिंग, रिसर्च वर्क के बाद एक फाइनल प्रोडक्ट तैयार करते हैं, जिसे मैन्युफैक्चरिंग के लिए भेजा जाता है। यहां भी ऑटोमोबाइल इंजीनियर को पूरी निगरानी रखनी होती है। व्हीकल बनने के बाद उसकी टेस्टिंग करना ऑटोमोबाइल इंजीनियर ही जवाबदेही होती है, जिससे कि मार्केट से कोई शिकायत न आए। एक ग्रेजुएट ऑटोमोबाइल इंजीनियर ट्रेनिंग के समय से ही कमाना शुरू कर देता है। कहने का मतलब यह कि ट्रेनिंग के दौरान कंपनियां उन्हें 15 से 30 हजार रुपये तक का स्टाइपेंड आसानी से दें देती हैं। अगर नौकरी कंफर्म हो गई, तो सैलरी खुद-ब-खुद बढ़ जाती है। वैसे, इंडिया में सालाना 3 से 8 लाख रुपये एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर को मिल जाते हैं। मैन्युफैक्चरर सबसे ज्यादा सैलरी व्हीकल देते हैं। इसके बाद 'प्रोडक्ट डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग फर्म्स भी उन्हें अच्छा पे-पैकेज ऑफर करती हैं एक अच्छा खासा अनुभव होने के बाद ऑटोमोबाइल इंजीनियर इस फील्ड में 25 से 35 लाख रुपये सालाना आसानी से कमा सकते हैं।
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इंजीनियरिंग के प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम्स
🛠 जेईई मेन्स (पहले AIEEE के नाम से जाना जाता था): जेईई मेन्स का स्कोर 31 NITs, 25 IIITs and 28 GFTIS में मान्य है। यह परीक्षा अप्रैल 3 से अप्रैल 9 के बीच आयोजित होगी।
🛠 जेईई एडवांस (पहले IIT-JEE के नाम से जाना जाता था) : IIT जेईई अडवांस के नाम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं।
इन दोनों मुख्य परीक्षाओं के अलावा अलग-अलग राज्य इंजीनियरिंग की परीक्षाएं आयोजित कराती हैं। जैसे कि- WBJEE, UPSEE, VITEEE, CEED, BITSATI
क्या है B.E. और B.Tech में अंतर?
🏫 दोनों ही इंजीनियरिंग के कोर्स हैं। B.E. थ्योरी बेस्ड परीक्षा है और B.Tech में प्रैक्टिकल्स ज्यादा होते हैं।
इंजीनियरिंग के लिए प्रमुख कॉलेज-
🏫 IIT इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, चेन्नई, गुवाहाटी, खड़गपुर, रुड़की.
🏫 NIT नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
🏫 BITS Pilani बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
🏫 इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
🏫 NSIT नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली
इंजीनियरिंग के जॉब प्रोफाइल्स
🚀 सिविल इंजीनियर
🚀 मैकेनिकल इंजीनियर
🚀 सॉफ्टवेर इंजीनियर
🚀 ऑटोमोबाइल इंजीनियर
🚀 इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
कैसे करें तैयारी
✏️ आईआईटी मेन/एडवांस या कोई भी इंजीनियरंग की परीक्षा हो, नियमित अभ्यास जरूरी है। जो छात्र इंजीनियरंग की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अब रोज कम से कम आठ घंटे ईमानदारी से पढ़ाई करनी चाहिए।
✏️ पिछले सालों में जो प्रश्न पूछे जा चुके हैं, उन्हें भी हल करें। इससे आपको पैटर्न पकड़ने में मदद मिलेगी तथा सवालों के स्तर का भी पता चलेगा, जिससे आप अपनी तैयारी को और बेहतर कर पाएंगे।
✏️ छात्रों को गणित के सभी फॉर्मूलों को एक जगह नोट कर लेना चाहिए।
✏️ छात्रों को चाहिए कि वे पढ़ाई में अपने से बेहतर कुछ छात्रों के संपर्क में रहें, ताकि समय पर उनसे भी सहयोग ले सकें।
✏️ सेल्फ स्टडी के समय का चुनाव खुद करें। आप जिस समय बेहतर ढंग से पढ़ पाते हैं तो उसी समय का चुनाव करें। अगर रात का समय ठीक लगता है तो रात में पढाई करें।
✏️ तैयारी और गाइडेंस के लिए बेहतर कोचिंग संस्थान का चुनाव करें। इससे आपकी तैयारी आसान हो जाएगी।
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