क्या भारतीय दुबई में संपत्ति खरीद सकते हैं? Can Indian buy property in Dubai भारत सरकार के नियमों का न हो उल्लंघन, दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले बरतें सावधानी ,
दुबई के बिल्डर भारतीयों को अपनी आवासीयों योजनाओं ( buying property in dubai ) की ओर आकर्षित करने के लिए देश के दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद जैसे महानगरों में दस्तक देने लगे हैं। ये बिल्डर भारतीयों को निवेश ( property in dubai / Luxury property in Dubai ) के साथ-साथ गोल्डन वीजा ( Golden Visa ) उपलब्ध कराने तक के सपने दिखाते हैं। इनकी ओर से लोगों को प्रॉपर्टी की कीमत ( property in dubai price ) की सिर्फ 15 से 20% डाऊन-पेमैंट करने की ऑफर और बाकी का भुगतान अगले 4 से 8 साल की अवधि में करने की भी ऑफर की जाती है। एक मीडिया रिपोर्ट में जानकारों के हवाले से कहा गया है कि ऐसे में लोगों को इस तरह के फर आने पर इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कहीं वे भारत सरकार के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं।

क्या हैं सरकार के नियम Risks of buying property in Dubai
रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदने का भारत सरकार का नियम बेहद स्पष्ट है। कोई भी भारतीय विदेश में घर खरीदने के लिए 2,50,000 डॉलर भेज सकता है। परिवार के सभी सदस्य मिल कर बड़ी संपत्ति हासिल करने के लिए बड़ी राशि जमा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में प्रत्येक सदस्य 2,50,000 डॉलर (वार्षिक सीमा) भेज सकता है। लेकिन 'रेडी-टू-मूव-इन' अपार्टमैंट या निर्माणाधीन संपत्ति खरीदने के लिए वर्षों तक 'किस्तों' में भुगतान करने वाले लेनदेन सवालों के घेरे में आ सकते हैं, क्योंकि इस सौदे में 'लीवरेज' का एक तत्व छिपा है, जिसे भारत सरकार का नियम हरी झंडी नहीं देता है।
लेनदेन के लिए आर.बी.आई. की मंजूरी जरूरी
सी.ए. फर्म एस बनवाट एंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर सिद्धार्थ बनवत के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि यू.ए.ई. में प्रॉपर्टी खरीदने buying property in dubai के लुभावने विज्ञापन देखकर बिल्डरों के गलत झांसे में आ सकते हैं। ऐसा करने पर वे विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन भी कर सकते हैं। फेमा के तहत कोई भी देश का नागरिक केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) की सामान्य या विशिष्ट अनुमति के साथ किसी वित्तीय लेनदेन में प्रवेश कर सकता है। भारत के बाहर किसी संपत्ति से जुड़े लेनदेन को आर.बी.आई. की पूर्व मंजूरी के बिना भुगतान के आधार पर अचल संपत्ति की खरीद की अनुमति नहीं है।
उधार के पैसे से विदेश में नहीं खरीद सकते हैं प्रॉपर्टी
कोई भी भारत का नागरिक उधार के पैसे से विदेश में संपत्ति नहीं खरीद सकता, भले ही फाइनैंसर एक स्थानीय बैंक या कोई ऑफशोर लैंडर हो। चूंकि किस्तों की पेशकश करने वाले सौदों में, जहां संपत्ति भुगतान अवधि के अंत में हासिल की जाती है। निवासी भारतीयों के लिए भारत के बाहर वित्तपोषण की स्वतंत्र रूप से अनुमति नहीं है और ऐसी किस्त योजना, जो डेवलपर्स द्वारा लगाए गए ब्याज की मात्रा को छुपाती है, को वित्तपोषण के रूप में माना जा सकता है और इसलिए फेमा का संभावित गैर-अनुपालन माना जा सकता है।
सबसे बड़े खरीदार है भारतीय Buying property in Dubai
इस साल जारी एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में भारतीय दुबई में सबसे बड़े संपत्ति खरीदार के रूप में सामने आए हैं। इस साल कम से कम दो तिमाहियों में ब्रिटिश निवेशक इस स्थान पर काबिज थे, जिन्हें भारतीयों ने पछाड़ दिया। अनुमान है कि 2020 और 2023 के बीच भारतीयों ने संयुक्त अरब अमीरात के संपत्ति बाजार में लगभग 2 अरब डॉलर का निवेश किया है। संयुक्त अरब अमीरात के कई इलाकों में, विशेष रूप से नवविकसित क्षेत्रों में प्रॉपर्टी के रेट्स अक्सर मुंबई से भी सस्ती होती हैं। यह भारत के बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को एक आकर्षक निवेश प्रस्ताव लगता है।
गोल्डन वीजा आवेदन का अधिकार Golden Visa
संयुक्त अरब अमीरात में आप एक निश्चित मूल्य से ऊपर की संपत्ति में निवेश करते हैं तो आपको गोल्डन वीजा Golden Visa के लिए आवेदन करने का अधिकार मिलता है। हाल ही में गोल्डन वीजा Golden Visa के नियमों को शिथिल भी किया गया है। यह नियम एक आवेदक को संपत्ति अधिग्रहण के लिए पूरी राशि उधार लेने की अनुमति देता है, लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि संभावित खरीदारों को भारतीय विदेशी मुद्रा नियमों को पहले समझना चाहिए। किस्त योजनाएं अंतर्निहित वित्तपोषण योजनाओं तक सीमित हैं और फेमा के खिलाफ हो सकती हैं।
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