खुद को खुश कैसे करें? ( Art of being happy hindi ) कहते हैं कि मनुष्य जीवन बार-बार नहीं मिलता और जिन्हें सौभाग्य से मिलता है, वे इस पूरे मनुष्य जीवन को अपनी परेशानियों, उलझनों एवं कामों में ही गंवा देते हैं और अपनी इन्हीं परेशानियों की टोकरी को उठाए हम अपने जीवन के उन हसीन पलों को अनदेखा कर देते हैं, जिनकी हमें सख्त आवश्यकता होती है। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में हर इंसान कुछ न कुछ पाना चाहता है लेकिन इस चाहत में एक चीज जो वह गंवाता रहता है, वे हैं 'खुशी के पल'। कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो पूरी तरह सुखी हो लेकिन जरूरी होता है तनावों को सही तरह से सुलझाना, जिसके लिए जरूरी है आपकी पॉजिटिव सोच। अपनी परेशानियों को पॉजिटिव तरीके से देखने का गुण हर किसी में तो नहीं होता।
खुद को खुश कैसे करें| 'खुश रहें' - जीवन खुशहाल बनाएं Art of being happy hindi

तो लीजिए, हम आपको कुछ छोटे-छोटे आसान से तरीके बताते हैं, जिससे आप अपने जीवन में कुछ हद तक पॉजिटिव सोच बनाकर रह सकते हैं:-
अपने से नीचे वाले को देखें: अपने एक लेख में महात्मा गांधी ने कहा है कि 'यदि तुम्हें लगे कि तुम सबसे दुखी हो तो अपने से नीचे वाले को देखो। तब तुम्हें अपना दुख कम लगेगा।' इस सच को हम हमेशा ध्यान में रखें तो शायद कभी उदास ही न हों। अपनी मुसीबतों, अपने दुखों को हमेशा छोटा समझ के चलेंगे तो वे झट से आसान होते दिखेंगे।
खुद की अच्छाई पहचानें : सभी में कुछ न कुछ खास होता ही है जिसे पहचानना बहुत जरूरी होता है। हम सभी को यह पहचानना बहुत जरूरी होता है कि हममें क्या काबिलियत है, मसलन आप किस काम को करना पसंद करते हैं, किसमें आप परफैक्ट हैं। जिस काम को करने में आपको खुशी मिले, वह जरूर करें। यह आपकी खुशी का प्राथमिक रास्ता है।
आत्मविश्वास बढ़ाएं : ऐसे काम, जिन्हें करने में आपको डर लगता है या जिससे आप नर्वस हो जाते हैं, मसलन मुश्किल सवालों के जवाब, लोगों के साथ घुलने-मिलने में हिचकिचाहट, फटाफट अंग्रेजी बोलना आदि, इन कामों के डर को अपने मन से निकालने का प्रयत्न करें। अगर आप ऐसा प्रयास करते+ हैं तो इससे आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ेगा जिससे आपको बहुत प्रसन्नता होगी। कहते हैं कि प्रयास करने से तो भगवान भी मिल जाता है, तो आप भी प्रयास करिए अपने डर को भगाने का।
बढ़ती उम्र पर ध्यान न दें : मेरी उम्र चालीस को पार कर रही है और मैं कुछ नहीं कर पाया। अभी तो बहुत कुछ करना है। अक्सर देखा गया है कि बढ़ती उम्र को देखकर हमारे दिमाग में बहुत तरह के सवाल और तनाव आने लगते हैं लेकिन यह टैंशन लेने की बजाय हमें सोचना चाहिए कि इतना जीवन जैसा भी निकला हो, आगे परेशानियां व समस्याएं भुलाकर अब जिंदगी को खुशी से जिएंगे।
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