कुछ रिश्ते हमारे दिल के काफी करीब होते हैं, लेकिन क्या आप जानती हैं कि किसी पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करना महंगा भी पड़ सकता है? बात चाहे पति-पत्नी की हो, ससुराल या मायके की अथवा दोस्ती की, जरूरी नहीं कि हम अपने दिल की हर बात उनसे शेयर करें। Married Life रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि कुछ बातों को अपने दिल में ही छिपाकर रखना अच्छा होता है।

कलीग्स के सामने न करें पर्सनल बातें : आप जॉब में हैं तो अपने कलीग्स के साथ 8-9 घंटे के लगभग समय व्यतीत करती ही होंगी। ऐसे में एक आत्मीयता भरा रिश्ता बन जाना स्वाभाविक है। आप इस बात का ध्यान रखें कि किसी के साथ अपनी कोई भी पर्सनल बात शेयर न करें। अपनी कमजोरियां जाहिर न करें। हालांकि बातें शेयर करने से मन हल्का हो जाता है, परन्तु ऐसा सिर्फ अपनी भरोसेमंद बैस्ट फ्रैंड से ही करें तो अच्छा है। इसके लिए बहुत जरूरी है कि कलीग्स के साथ एक सीमा रेखा बना लें व उसे पार करने की कोशिश न करें।
शादी के बाद रखें कुछ बातों का पर्दा : जब तक आपकी शादी नहीं हुई थी, आप अपने पैरेंट्स से हर छोटी से छोटी बात, चाहे स्कूल की हो, कालेज की या फ्रैंड्स की, सब शेयर करती थीं। शादी के बाद आपका जीवन एकदम से बदल जाता है। आप एक नए परिवार का हिस्सा बन जाती हैं, जो अब आपका अपना है। ऐसे में अपने घर की बातें अपने मायके में बताने से आपके पति व ससुराल वालों को लगेगा कि आप अभी तक उन्हें दिल से अपना नहीं समझतीं। अपने यानी पति- पत्नी के बीच की बातें भी माता-पिता से शेयर न करें, वर्ना कई बार रिश्तों में खटास आने से दूरियां बढ़ जाती हैं।
पति के साथ न करें कुछ तरह की बातें: यदि आपको ससुराल में किसी सदस्य की कोई बात पसंद न हो, तो पत्ति के सामने उस बात को न रखने में ही भलाई है। यदि आप में आपसी समझ बहुत अच्छी है तथा आपको लगता है कि बिना गुस्सा किए आपके पति ध्यान से आपकी हर बात सुनते हैं, तो आप बातें शेयर कर सकती हैं। यदि उन्हें लगे कि आप गलत हैं तो अपनी गलती स्वीकारें।
पति के सामने न करें किसी विशेष कि बार बार तारीफ : आपके बॉस या ऑफिस का कोई ऐसा व्यक्ति, पति के सामने न करें किसी विशेष की बार-बार जिससे आफिस का हर कर्मचारी प्रभावित हो, वह स्मार्ट हो, हैल्पफुल नेचर का हो, तो जाहिर है आपको भी वह अच्छा लगेगा लेकिन यदि हर रोज आप उसके बारे में अपने पति से चर्चा करेंगी तो वह आपसे चिढ़ सकते हैं। हो सकता है कि झगड़ा भी हो जाए। जरूरी है कि आप अपनी पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ को अलग-अलग रखें।
रिश्तों एक मर्यादा तथा सीमा रेखा होती है, अतः किसी से जब भी कोई बात करें तो यह देख लें कि सामने वाला कौन है और कैसे स्वभाव का है।
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