बरसों से सरसों के तेल का इस्तेमाल रसोई में प्रमुख रहा है। एक रिसर्च के अनुसार सरसों के तेल में म्यूफा और प्यूफा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें ओमेगा 6 और आमेगा 3 सही अनुपात में मौजूद होता है लेकिन तेल का अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए ठीक नहीं है, इसे रोज 2.5 (अढ़ाई) चम्मच से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
सरसों के तेल की मदद से खाना स्वादिष्ट हो जाता है। फिर चाहे आप एक पांच सितारा होटल में खाएं या फिर सड़क के किनारे, दोनों ही जगह खाने में सरसों का तेल डला रहता है, जो खाने के स्वाद को और बढ़ा देता है। लेकिन यह गहरे पीले रंग का तेल केवल खाने के लिए नहीं, बल्कि शरीर की मसाज, बालों, त्वचा से जुड़ी अनेक परेशानियों का समाधान करता है। इसके अलावा यह त्वचा में होने वाले किसी संक्रमण, शरीर के विषाक्त पदार्थों और रैशेज से लड़ने में मदद करता है। इस तेल में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो आपकी त्वचा में होने वाले रैशेज और त्वचा की रंगत को हल्का करने में मदद करते हैं।

सरसों के तेल में बारीक पिसा नमक मिलाकर कुछ समय तक लगातार मंजन करने से दांत दर्द, पायरिया आदि रोगों में फायदा होता है। जुकाम होने पर गर्म सरसों के तेल की छाती, पीठ पर मालिश करने तथा नाक के चारों ओर लगाने से लाभ होता है।
❤ सौंदर्यवर्धक उपयोग
दूध में सरसों को गलने तक उबाल लें, फिर उसमें गुलाबजल मिलाकर नियमित रूप से चेहरे पर उबटन करने से रंग निखरेगा। सरसों को हल्का भून, पीसकर रख लें।
बेसन, हल्दी जरा-सा पिसा कपूर व सरसों का तेल डालकर, दही या पानी के साथ घोल बना लें। इस उबटन से रंग साफ होगा तथा त्वचा में चमक आती है।
कानों में सरसों का तेल डालने से कान दर्द, बहरापन आदि कान के रोग मिटते हैं। इससे कान का मैल फूलकर बाहर निकल आता है। कान मैं दर्द हो या कीड़ा घुस गया हो, सरसों के तेल में 3-4 कलियां लहसुन की डाल कर गर्म करके गुनगुना रहने पर 1-2 बूंद कान में डालें। कीड़ा मरकर तेल के साथ बाहर आ जाएगा।
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