वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे (World Students Day )यानी विश्व विद्यार्थी दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अक्तूबर को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के 'मिसाइल मैन' कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है।
छात्रों के प्रेरणास्रोत डा. अब्दुल कलाम'
'वर्ल्ड स्टूडैंट्स डे' 15 अक्तूबर
15 अक्तूबर को डा. अब्दुल कलाम की याद में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व छात्र दिवस के रूप में घोषित किया गया है क्योंकि उन्हें विद्यार्थियों से विशेष प्रेम था। साथ ही एक वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में विख्यात वह हमेशा अपने ज्ञान तथा शिक्षा के माध्यम से छात्रों से जुड़े रहे और उनके भाषण तथा उनका जीवन भी छात्रों के लिए हमेशा से प्रेरणा रहे हैं। यह दिवस दुनिया भर के छात्रों के बीच बहुसंस्कृतिवाद, विविधता तथा सहयोग का भी उत्सव है।
एक आदर्श छात्र के गुण
वह हमेशा छात्रों को अपने लेखन और भाषणों के माध्यम से जीवन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
✎ डा. अब्दुल कलाम के अनुसार छात्रों के जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए कि उन्हें ज्ञान को सभी सम्भव स्रोतों के माध्यम से प्राप्त करना है।
✎ कड़ी मेहनत करना और समस्या से कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
✎ हमेशा समस्या को हराना और जीवन में सफलता के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
✎ उनके अनुसार किसी भी छात्र के लिए केवल पाठ्य पुस्तकों का ज्ञान पर्याप्त नहीं है, उसे सभी सिद्धांत आदि को पढ़ने, समझने के साथ ही उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग के मार्ग पर चलना चाहिए।
✎ छात्र को एक अनुशासित जीवन जीना चाहिए. और बुराई के मार्ग पर कभी नहीं चलना चाहिए।
✎ छात्र को औसत से असाधारण तक विकसित करना होता है। योग्यता विकास के इस तरीके में, केवल पाठ्यपुस्तकें छात्र को आदर्श नहीं बना सकती हैं ।
✎ छात्रों को अपने चरित्र सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
✎उसे सख्ती से अनुशासित जीवन जीना चाहिए और कभी बुरे विचारों में शामिल नहीं होना चाहिए।
✎एक आदर्श छात्र बनने के लिए ज्ञान प्राप्ति पर अधिकतम समय बिताना चाहिए क्योंकि उसे पता होना चाहिए कि ज्ञान सफलता का प्रवेश द्वार है।
प्रेरणा भरा जीवन
✎ डा. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् के एक गांव में हुआ था।
✎ उनका पूरा नाम अबुल पक्कीर जैनुल आबेदीन अब्दुल कलाम था। उनके परिवार में पांच भाई और पांच बहनें थीं और पिता मछुआरों को बोट किराए पर देकर घर चलाते थे। पिता ज्यादा पढ़े-लिखे तो नहीं थे लेकिन ऊंची सोच वाले व्यक्ति थे। कलाम का बचपन आर्थिक तंगी में बीता।
✎ वह बचपन में सुबह अखबारें बांटने का काम करते थे। बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम था।
✎ उनके जीवन में कई चीजों का अभाव था, इसके बावजूद वह आगे बढ़ते रहे। उनके विचारों ने युवाओं को एक नई प्रेरणा दी है।
✎ उन्होंने आरम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् में की और सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की ।
✎ 'मिसाइल मैन' के नाम से प्रसिद्ध डा. अब्दुल कलाम भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं। उनकी लिखी पुस्तकें 'विंग्स ऑफ फायर', 'इंडिया 2020', 'इग्नाइटेड मांइड', 'माई जर्नी' आदि सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
✎ 2002 में राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनके दरवाजे सदा आमजन के लिए खुले रहते थे। कई पत्रों का जवाब तो स्वयं अपने हाथों से लिखकर देते थे।
✎ अब्दुल कलाम उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें देश के सभी सर्वोच्च पुरस्कार मिले। 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, 1997 में भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया।
✎ 27 जुलाई, 2015 को आई.आई.टी. गुवाहटी में छात्रों को संबोधित करते समय ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और इस महान विभूति का देहांत हो गया।
डा. कलाम के प्रेरक वचन
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अगर सफल होने का संकल्प मजबूत है तो असफलता हम पर हावी नहीं हो सकती।
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दूसरों का आशीर्वाद प्राप्त करो, माता-पिता की सेवा करो, बड़ों का और शिक्षकों का आदर करो। अपने देश से प्रेम 'करो। इनके बिना जीवन अर्थहीन है।
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हम सबके पास एक जैसी प्रतिभा नहीं है लेकिन अपनी प्रतिभाओं को विकसित करने के अवसर सभी के पास बराबर हैं।
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दुख सभी के जीवन में आते हैं, दुख के दिनों में सभी के धैर्य की परीक्षा होती है। अगर दुख के समय धैर्य से काम करेंगे तो जल्दी ही बुरा समय दूर हो सकता है।
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सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है।
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सपने देखना जरूरी है, लेकिन सपने देखकर ही उसे हासिल नहीं किया जा सकता। सबसे ज्यादा जरूरी है कि जिंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना ।
Thankyou