फ्रेंडशिप डे कब है ? Friendship Day Kab Hai हर साल अगस्त का पहला संडे ' इंटरनैशनल फ्रैंडशिप डे ' यानी अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस' International Friendship Day के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस दोस्तों को समर्पित है। एक ऐसा व्यक्ति जरूर होता है हर व्यक्ति के जीवन में परिवार के बाद, जिससे खून का रिश्ता भले ही न हो लेकिन आजीवन दिल का रिश्ता जरूर जुड़ जाता है। बंगलादेश, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और भारत के अलावा अनेक देशों में यह दिवस इसी दिन ही मनाया जाता है। दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता दोस्ती है इसी वजह है कि इस दिन को लोग धूमधाम से मनाते हैं।
Happy Friendship Day
फ्रैंडशिप डे When is friendship day ? When is friendship day in India?
यह दिन सच्ची दोस्ती का जश्न मनाने का दिन है। इस बार यह 4 अगस्त को मनाया जाएगा।
कैसे हुई इसकी शुरुआत How did Friendship Day Start?
1935 के करीब अमरीका में अगस्त के पहले रविवार को मित्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। इसके बाद इसका चलन धीरे-धीरे अन्य देशों तक भी पहुंच गया और वहां अगस्त के पहले रविवार को यह दिन सैलिब्रेट किया जाने लगा।
वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने 'इंटरनैशनल डे ऑफ फ्रैंडशिप' के लिए 30 जुलाई की तिथि तय कर दी। इसके बाद तमाम देशों ने इसके अनुसार 30 जुलाई को इसे मनाना शुरू कर दिया, लेकिन कुछ देश आज भी इसे पहले की तरह अगस्त के प्रथम रविवार को ही मनाते हैं। इन देशों में भारत के अलावा बंगलादेश, मलेशिया भी शामिल हैं।
यह दिवस द इंटरनैशनल डे ऑफ फ्रैंडशिप International Friendship Day से अलग है
यह दिवस 30 जुलाई को मनाए जाने वाले 'द इंटरनैशनल डे ऑफ फ्रैंडशिप' से अलग है जो विश्व में शांति तथा सद्भाव की भावना फैलाने के लिए मित्रता की भूमिका तथा महत्व को प्रोत्साहित करता है। वहीं 'फ्रैंडशिप डे' आपसी दोस्ती के महत्व को उजागर करता है।
आज दुनिया गरीबी, हिंसा, मानवाधिकारों के हनन सहित अनेक चुनौतियों, संकटों और विभाजनकारी ताकतों का सामना दुनिया को करना पड़ रहा है, जो दुनिया के लोगों के बीच सुरक्षा, शांति, विकास और सामाजिक सद्भाव को प्रतिदिन कम करती जा रही हैं। इन सभी संकटों और चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके मूल कारणों को दूर करने पर हमें काम करना होगा जिसके लिए हमें मानव एकजुटता की भावना को बढ़ावा देना आवश्यक हो गया है।
यह भावना कई रूपों में मौजूद है जिनमें से सबसे सरल 'फ्रैंडशिप' यानी मित्रता की भावना है। मित्रता के माध्यम से आपसी विश्वास तथा मजबूत संबंधों को विकसित करके हम लोग वे मूलभूत बदलाव लाने में अपना-अपना योगदान दे सकते हैं जिनकी विश्व में स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए तत्काल आवश्यकता है। यह शांति सभी की रक्षा और बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए सभी में जोश और जुनून पैदा करेगी जिससे ऐसी दुनिया का निर्माण होगा जहां एक- दूसरे के भले के लिए सभी एकजुट रहेंगे ।
'फ्रैंडशिप डे' का इतिहास History of Friendship Day
कहते हैं कि दुनिया के सभी देशों में दोस्ती के माध्यम से खुशी और एकता का संदेश को फैलाने के समाधान के तौर पर यह दिन अस्तित्व में आया । इस दिवस मानाने की शुरुआत को लेकर कई कहानियां भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि 1935 में अमरीकी सरकार ने अगस्त वाले पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति को मार दिया था। इस खबर से आहत होकर उस व्यक्ति के दोस्त ने खुदकुशी कर ली। दोस्ती की ऐसी मिसाल को सामने आने के बाद अमरीकी सरकार ने ही अगस्त वाले पहले रविवार को 'फ्रैंडशिप डे' रूप में मनाने की घोषणा कर दी । दोस्ती की अहमियत को समझाने के मकसद से भी यह दिन सैलिब्रेट किया जाता है।
मित्र का जीवन में महत्व Importance of Friendship
कहते हैं कि सच्चा दोस्त अगर आपको मिल जाए, तो समझ लीजिए कि आपने सही मायने में कुछ कमाया है। ऐसी ही दोस्ती के मायने समझाने, इसके भावों को जिंदा रखने और दोस्ती के पलों को यादगार बनाने के लिए हर साल इस दिन को फ्रैंडशिप डे के रूप में सैलिब्रेट किया जाता है।
दोस्तों के बिना जीवन एक रेगिस्तानी द्वीप पर जीवन की तरह है। दोस्त बनाने की कोशिश करें, किसी ने सही ही कहा है, सच्ची दोस्ती जीवन में बुराइयों को विभाजित करती है औरअच्छाई को बढ़ाती है ।
वास्तव में हमारे जीवन में मित्रता बहुत महत्वपूर्ण है। सच्चे मित्र भगवान का आशीर्वाद हैं। वे हमारी जिंदगी को जीने लायक बनाते हैं।
हर आयु वर्ग के लोगों को दोस्ती के उपहार की जरूरत होती है क्योंकि दोस्त हमें जीवन में बहुत कुछ सिखाते और हमें मजबूत बनाते हैं।
हर आयु वर्ग के लोगों को दोस्ती के उपहार की जरूरत होती है क्योंकि दोस्त हमें जीवन में बहुत कुछ सिखाते और हमें मजबूत बनाते हैं।
वे हमारे परिवार के समान महत्वपूर्ण हैं। जहां बच्चों के लिए बढ़ती उम्र में सही दोस्तों का साथ जरूरी है, वहीं बुजुर्गों के लिए दोस्तों का साथ जीवन के अंतिम चरण को आसान बना देता है।
भारतीय संस्कृति परम्परा में मित्रता की बहुत सारी कहानियां भी प्रचलित हैं जिसके अनुसार मित्र हमारे जीवन के सुख-दुख के साथी माने जाते हैं।
जब भी मित्रता की बात आती है तो सुदामा और श्रीकृष्ण की दोस्ती की मिसालें दी जाती हैं जिनकी दोस्ती मित्र के प्रति ईमानदारी, त्याग और सम्मान का भाव दिखाती है जो की एक सच्चे मित्र की पहचान है। कहते हैं ऊपर वाले की देन परिवार है लेकिन मित्र का चुनाव करने का हर व्यक्ति को मौका मिलता है। जीवन के हर मोड़ पर एक सच्चा मित्र साए की तरह साथ रहता है, जो न केवल हमारे जीवन को सफल बनाता है और हमारी बल्कि खुशियां बांटता है।
बचपन की दोस्ती Childhood Friendship
देखा गया है कि जब घर में अकेले बच्चे की तुलना में एक ही आयु के दो बच्चे होते हैं तो वे परिवार में विभिन्न स्तरों पर विकसित होते हैं और तेजी से उनका विकास होता है। इसका कारण यह है कि वे समान रुचियां साझा करते हैं, एक-दूसरे के साथ खेलते हैं, आनंद लेते हैं समान गतिविधियों में शामिल होते हैं, और बहुत कुछ सीखते हैं।
अधिकांश परिवारों में दुर्भाग्य से आज के समय में बच्चे अकेले होते हैं। उनमें से कई बच्चे जिन पर पहले से ही कई अन्य जिम्मेदारियां हैं अकेले नौकरानियों के भरोसे या अपनी मां के भरोसे छोड़ दिए जाते हैं और वे अपने बच्चों पर पर्याप्त ध्यान देने में असमर्थ होती हैं।
यह स्थिति बच्चों के शारीरिक और साथ ही मानसिक विकास को रोकती है। जहां एकल परिवार प्रणाली समय की आवश्यकता
बन गई है वहीं हम बच्चों के साथ दोस्ती बनाकर उनका उचित विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को पार्क में ले जाना चाहिए, जहां वे अपने हम-उम्र बच्चों से मिल सकते हैं।
आस-पास अपनी उम्र के बच्चों के होना उनके लिए एक रमणीय अनुभव है। उनका सही तरीके से विकास होता है जब वे दोस्तों के साथ घिरे होते हैं तो एक साथ खेलते हैं, सीखते हैं
बुढ़ापे की दोस्ती Oldage Friendship
पहले संयुक्त परिवार प्रणाली थी। अपने विस्तारित परिवारों के साथ लोग रहते थे और हर अवसर का आनंद उनके साथ उठाते थे। एक-दूसरे की मदद और सहायता विभिन्न कार्यों में करते थे मित्र भी महत्वपूर्ण थे और उनकी उपस्थिति हर अवसर की समग्र मनोदशा में शामिल होती थी।
इसके अलावा लोग ऐसी कई बातें हैं जो लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ साझा नहीं कर सकता लेकिन दोस्तों के साथ आसानी से साझा कर लेता है।
हालांकि, बढ़ती एकल परिवार प्रणाली ने लोगों को अपने दोस्तों के महत्व को महसूस करवाया है। न केवल युवा जोड़े और बच्चे, वृद्ध पुरुष और महिलाएं भी अच्छी दोस्त मंडली की आवश्यकता को महसूस करते हैं।
बूढ़े लोग इन दिनों अकेले रह गए हैं क्योंकि उनके बच्चे पेशेवर और व्यक्तिगत कारणों से बाहर देश चले जाते हैं। जिनके पास एक अच्छी मित्र मंडली है वे अपने बच्चों को उनके जीवन में व्यस्त हो जाने के बाद भी अच्छी तरह से जीवन गुजार सकते हैं पर जिनके पास दोस्त नहीं हैं वे अक्सर अकेला महसूस करते हैं और अवसाद से घिर जाते हैं या अन्य बीमारियों का सामना करते हैं।
वृद्ध लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए कई क्लबों और सामाजिक समूहों का गठन भी किया गया है। इसलिए पुरानी पीढ़ी के लोगों को इन दिनों गंभीरता से कुछ अच्छे दोस्तों की जरूरत है।
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