हरिद्वार में मौजूद भारत माता मंदिर Bharat Mata Mandir (मदर इंडिया टैम्पल Mother India Temple ) की स्थापना स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ने की थी। साल 1983 में इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। मंदिर में पहले कुछ ही मंजिलें थीं लेकिन बाद के समय में इसे 8 मंजिला मंदिर बनाया गया। यह मंदिर देवी-देवताओं के साथ-साथ देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों Freedom Fighters को भी समर्पित है। इसकी ऊंचाई लगभग 180 फुट है और हर मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट है।
पहली मंजिल से लेकर 8 मंजिल की कहानी इस मंदिर में मौजूद 8 मंजिलों की कहानी कुछ इस तरह है Bharat Mata Mandir Haridwar
पहली मंजिल से लेकर 8 मंजिल की कहानी इस मंदिर में मौजूद 8 मंजिलों की कहानी कुछ इस तरह है।
Bharat Mata Mandir Haridwar पहली मंजिल पर भारतमाता की मूर्ति Bharat Mata Statue और एक बड़ा नक्शा Big Map स्थापित है।
Bharat Mata Mandir Haridwar दूसरी मंजिल को शूर मंजिल कहा जाता है, जहां झांसी की रानी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि Freedom Fighters की मूर्तियां स्थापित हैं।
Bharat Mata Mandir Haridwar तीसरी मंजिल जहां सावित्री और मीरा बाई अन्य महान महिलाओं की मूर्तियां हैं को मातृ मंदिर कहा जाता है
Bharat Mata Mandir Haridwarचौथी मंजिल को भी मातृ मंदिर कहा जाता है परन्तु इस मंजिल पर श्री साईं बाबा , कबीर दास, गौतम बुद्ध, तुलसीदास तथा अन्य महापुरुषों की मूर्तियां हैं।
Bharat Mata Mandir Haridwar पांचवीं मंजिल पर कई भगवानों और साथ में महान विभूतियों की पेंटिंग्स हैं। यहां कई अनोखे चित्र भी मौजूद हैं।
Bharat Mata Mandir Haridwar छठी मंजिल जहां देवी दुर्गा, देवी सरस्वती, देवी पार्वती आदि की पूजा होती है। को शक्ति के रूप में जाना जाता है
Bharat Mata Mandir Haridwar सातवीं मंजिल पर दस अवतारों वाली भगवान विष्णु की एक प्रतिमा भी स्थापित है यह मंजिल भगवान विष्णु को समर्पित है।
Bharat Mata Mandir Haridwar आठवीं और अंतिम मंजिल पर भगवान शिव का मंदिर है, जहां हिमालय पर्वत पर बैठी हुई प्रतिमा है। यहां से हिमालय, हरिद्वार एवं सप्त सरोवर के सुंदर दृश्यों को देखा जा सकता है।
भारत माता मंदिर, काशी Bharat Mata Mandir, Varanasi, Kashi
काशी विद्यापीठ के केंद्रीय ऑफिस के पास स्थित भारत माता मंदिर Bharat Mata Mandir Varanasi है। यह मंदिर लाल रंग के पत्थर से बना अपनी शैली में एक अनूठा प्रयास है। इसमें हरिद्वार के भारत माता मंदिर की तरह देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं हैं। इसके स्थान पर मंदिर के गर्भगृह में भारत माता का भू - मानचित्र ( नक्शा ) बना है। ऐसा मानचित्र अन्य जगह उपलब्ध नहीं है। जो की एक ऐतिहासिक धरोहर है।

काशी के भारत माता मंदिर में भारतवर्ष के मानचित्र की पूजा होती है
इस भू-मानचित्र land map का अंकन भू-मापन विभाग Survey Department द्वारा प्रकाशित सन् 1917 के भारतवर्ष के मानचित्र Indian Map को पांच गुना बड़ा करके 6 वर्ष की अवधि में किया गया था। मानचित्र Map की अपनी अनेक विशेषताएं specialties हैं।
इसकी पूर्व से पश्चिम from East to West तक लम्बाई 32 फुट 2 इंच
और उत्तर से दक्षिण from North to South तक 30 फुट 2 इंच है।
इसमें ग्यारह इंच वर्ग के 726 चौकोर मकराना के सफ़ेद पत्थर के खंड लगे हैं।
इसमें हिमालय एवं दूसरे पर्वतों की 450 चोटियां, 800 छोटी-बड़ी नदियां और मुख्य नगर, तीर्थस्थान, प्रांत, प्राकृतिक स्थल प्रदर्शित हैं।
इंकलाब मंदिर , गुमथला , हरियाणा Inqlab Mandir Gumthala, Haryana

'इंकलाब मंदिर' जहां होती है बलिदानियों की पूजा
हरियाणा के गुमथला - करनाल मार्ग पर गांव गुमथला राव में एक ऐसा मंदिर है, जहां हर रोज बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं। बलिदानियों की याद में देश का एकमात्र इंकलाब मंदिर स्थापित किया गया है जहां हर दिन 'इंकलाब जिदाबाद' के नारे लगते हैं। अधिवक्ता वरयाम सिंह ने वर्ष 2000 में बलिदानी भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित कर इंकलाब मंदिर की नींव रखी। अब यहां पर भारत माता, दुर्गा भाभी, बलिदानी राजगुरु, बलिदानी सुखदेव सिंह सहित सैंकड़ों वीर क्रांतिकारियों व वीरांगनाओं की प्रतिमाएं और हाथ से बने पोर्टेट स्थापित हैं।
शुरुआती दौर में मंदिर सरकारी स्कूल में स्थापित था। बलिदानी भगत सिंह सहित चुनिंदा बलिदानियों की प्रतिमाएं ही यहां पर स्थापित थीं। समय के साथ-साथ यहां स्थापित अमर बलिदानियों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है। मंदिर प्रांगण की शोभा तिरंगा बढ़ाता है। अलग-अलग तरह के बैंकड़ों पौधों के तने हरे, सफेद व केसरिया रंग से रंगे हुए हैं।
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