
भाई-भतीजों की कलाई पर बंधी एक डोरी और जीवनभर का बंधन यानी रक्षाबंधन। सावन के आखिरी दिन मनाई जाने वाली राखी पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक ऐसा एहसास है, जो भाई-बहन के रिश्ते की नींव को और अधिक मजबूत बनाता है। सही मायने में यह पर्व उस स्नेहिल रिश्ते का उत्सव है, जिसमें बचपन की यादें, नोक-झोंक, आंसू और मुस्कान सब कुछ का समावेश होता है।
यह पर्व भारतीय संस्कृति की आत्मा में रचा-बसा है। वैसे तो रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ है 'रक्षा का बंधन', लेकिन इसका भावार्थ इससे कहीं अधिक व्यापक और गहन है। यह बंधन केवल एक राखी तक सीमित नहीं, बल्कि यह विश्वास की वह डोर है, जो समय के साथ-साथ भौतिक दूरी और परिस्थितियों से परे जाकर भाई-बहन को जोड़ती है।
रक्षाबंधन की जड़ें केवल धार्मिक परंपराओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आधार भी अत्यंत समृद्ध हैं। पौराणिक कथाओं में देवी लक्ष्मी द्वारा राजा बलि को राखी बांधने की कथा प्रसिद्ध है। महाभारत में जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की उंगली से बहते रक्त को अपने आंचल से बांधा, तब श्रीकृष्ण ने उसे जीवनभर रक्षा का वचन दिया
इतिहास में रानी कर्णावती द्वारा मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजना इस बात का प्रतीक है कि यह पर्व धर्म, जाति, वर्ग से ऊपर उठकर मानवीय मूल्यों की स्थापना करता है।
आज जब परिवारों में दूरियां बढ़ रही हैं- शारीरिक तौर पर भी और भावनात्मक तौर पर भी, ऐसे में रक्षाबंधन का महत्व तथा प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। यह पर्व हमें उस आत्मीयता की याद दिलाता है, जो भाई-बहन के संबंधों की बुनियाद है। आधुनिक और बाजारी युग में भले ही राखी डाक से भेजी जाए या वीडियो कॉल पर तिलक किया जाए, लेकिन भावना वही रहती है- अटूट प्रेम और रक्षा का वचन ।
रक्षाबंधन हमें यह सिखाता है कि रिश्तों की मिठास को बनाए रखने के लिए केवल रस्में नहीं, भावना जरूरी होती है। यह पर्व हमारी संस्कृति की उस कोमल परंपरा को जीवंत रखता है, जहां एक छोटी-सी डोरी जीवनभर की सुरक्षा बन जाती है।
रक्षाबंधन का संदेश केवल भाई-बहन के दायरे में नहीं बंधा। आज यह पर्व सैनिकों, पड़ोसियों, गुरुओं और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं तक को समर्पित किया जा रहा है। कई बहनें सीमा पर तैनात जवानों को राखी भेजकर उनके प्रति अपना आदर और आभार प्रकट करती हैं। यह पर्व सामाजिक समरसता, एकता और भाईचारे का भी प्रतीक बन गया है। रक्षाबंधन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक अवसर है रिश्तों को संजोने का, उन्हें सम्मान देने का और यह कहने का कि 'मैं सदा तुम्हारे साथ हूं'।
आज की युवा पीढ़ी को यह समझने की आवश्यकता है कि यह पर्व केवल उपहारों और तामझाम का नाम नहीं, बल्कि एक आत्मिक बंधन है, जो हमें परिवार और समाज से जोड़ता है। अबके रक्षाबंधन पर एक राखी सिर्फ कलाई पर न बांधिए, बल्कि एक डोर बांधिए दिल से दिल तक की।
2026 में रक्षाबंधन कब है? Raksha Bandhan Kab Hai ?
रक्षाबंधन 2026 में 28 अगस्त को मनाया जाएगा। यह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। 2026 में, पूर्णिमा तिथि 27 अगस्त को सुबह 9:08 बजे शुरू होगी और 28 अगस्त को सुबह 9:48 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, रक्षाबंधन 28 अगस्त को मनाया जाएगा।
लेकिन अब बदलते वक्त के साथ उपहार परम्परा तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब भाई-बहनों को ही नहीं, बहनें भी अपने भाई को गिफ्ट देती हैं।
राखी पर दिया गया उपहार कोई वस्तु नहीं, बल्कि बहन और भाई की भावनाओं से जुड़ा होता है। हर भाई अपनी बहन को ऐसा तोहफा देना चाहता है, जो उसके काम आए और बहन की भी ऐसी ही इच्छा होती है।
अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि रक्षाबंधन पर गिफ्ट में क्या दें, तो यहां से आइडिया ले सकते हैं। हम आपको कुछ खास गिफ्ट आइडिया बताने जा रहे हैं, जो सेहत से लेकर वित्तीय रक्षा करेंगे।
स्मार्टवॉच या फिटनैस बैंड
अब नॉर्मल घड़ी गिफ्ट करने का दौर गया। स्मार्टवॉच और फिटनैस बैड ट्रैंड में हैं। ये हार्ट रेट, स्टैप्स, कैलोरी, स्लीप क्वॉलिटी जैसी चीजें ट्रैक करके
डिजिटल गोल्ड
अगर आप ऐसा गिफ्ट देना चाहते हैं, जिसकी वैल्यू आगे चलकर ज्यादा बढ़े तो डिजिटल गोल्ड बेहतर रहेगा। इसे अपने भाई-बहन के लिए आप ऑनलाइन पेमैंट एप्स से आसानी से खरीद सकते हैं।
कीमत : 100 रुपए से शुरु हो जाती है। अभी ऑर्डर करें
सिप की शुरुआत
लॉन्ग टर्म फाइनांशियल सिक्योरिटी के लिए भाई-बहन को सिप (सिस्टेमैटिक इन्वैस्टमैंट प्लान) गिफ्ट किया जा सकता है। इससे इन्वैस्टमैंट की आदत पड़ेगी और अच्छा रिटर्न भी मिल सकता है। आज कल ऐप्स से आसानी से सिप का निवेश शुरू किया जा सकता है।
कीमत : 100 रुपए प्रति माह से शुरुआत । अभी ऑर्डर करें
फिटनैस बैंड
सेहत की निगरानी करते हैं। अगर सिर्फ हैल्थ की निगरानी करनी है तो फिटनैस बैंड गिफ्ट कर सकते हैं. जबकि स्मार्टवॉच में फोन से जुड़े फीचर्स, जैसे कॉलिंग, नोटिफिकेशन आदि जुड़ जाते हैं।
कीमत : 3000 रुपए से शुरू होकर 50 हजार रुपए से ज्यादा भी हो सकती है। अभी ऑर्डर करें
हर्बल टी या हैल्दी स्नैक्स किट
आजकल बाजार में ग्रीन टी, हर्बल टी, ऑर्गेनिक ड्राई फ्रूट्स, सीड्स मिक्स, एनर्जी बार जैसे हैल्दी स्नैक्स की सुंदर किट्स मिलती हैं। यह स्वाद के साथ सेहत का ख्याल रखने वाला शानदार विकल्प है।
कीमत : ऐसी किट 250 रुपए से लेकर करीब 5000 रुपए तक मिल जाएंगी। अभी ऑर्डर करें
होम वर्कआऊट इक्विपमेंट
अगर भाई या बहन फिटनैस को लेकर सजग हैं तो उन्हें डम्बल सैट, योग मैट, रैसिस्टैंस बैंड, स्किपिंग रोप, मसल्स पेन रिलीफ मसाजर, हैड मसाजर और कमर के लिए हीटिंग पैड जैसे गिफ्ट दे सकते हैं। इससे वे घर पर ही एक्सरसाइज कर सकते हैं और खुद को बहुत आसानी से फिट फिट रख सकते हैं।
कीमत : योग मैट की कीमत करीब 300 रुपए से शुरू होती है। इसके अलावा स्किपिंग रोप करीब 150 रुपए से और रैसिस्टेंस बैंड करीब 250 रुपए से मिलने शुरू होते हैं। वहीं होम जिम भी विकल्प है, जिनकी कीमत 15 हजार से लेकर लाखों तक जा सकती है। अभी ऑर्डर करें
एर्गोनॉमिक चेयर या लैपटॉप टेबल
अगर भाई-बहन लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करते हैं तो उनके वर्कस्पेस को आरामदायक बनाने के लिए एर्गोनॉमिक चेयर या एडजस्टेबल लैपटॉप टेबल गिफ्ट कर सकते हैं। इससे पीठ, गर्दन और आंखों पर तनाव कम होता है और काम बेहतर होता है।
कीमत : अच्छी एर्गोनॉमिक चेयर करीब 3000 से 15,000 रुपए में मिल जाएंगी। लैपटॉप टेबल करीब 500 से 5,000 रुपए में मिलेगा। अभी ऑर्डर करें
पर्सनल फाइनांस से जुड़े कोर्स या किताबें
पर्सनल फाइनांस, निवेश और पैसे की समझ बढ़ाने के लिए कोई ऑनलाइन फाइनांस कोर्स या किताब गिफ्ट कर सकते हैं।
कीमत : ऐसी किताबें करीब 150 रुपए से शुरू होती हैं। वहीं, एन.एस.ई. एकैडमी, बी.एस.ई. इंस्टीच्यूट आदि ऑनलाइन कोर्स कराते हैं। अभी ऑर्डर करें
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