मंगल पांडे कौन थे? और वह क्यों प्रसिद्ध थे? मंगल पांडे को फांसी क्यों दी गई? who was Mangal Pandey why was he hanged to death
मंगल पांडे कौन थे ? Who was Mangal Pandey why was he hanged to death : स्वतंत्रता संग्राम के पहले नायक 'मंगल पांडे' Mangal Pandey अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ 1857 में सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी मंगल पांडे की लगाई चिंगारी ने 90 वर्ष बाद 1947 में अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। मंगल पांडे ने ही पहली बार 'मारो फिरंगी को' का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था।
अमर शहीद मंगल पांडे Mangal Pandey का जन्म 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा में पिता दिवाकर पांडे और माता अभय रानी के घर हुआ था। हालांकि कई इतिहासकारों का कहना है कि उनका जन्म फैजाबाद जिले की अकबरपुर तहसील के सुरहुरपुर गांव में हुआ था।
Mangal Pandey History : युवावस्था में उन्हें रोजी-रोटी की मजबूरी ने अंग्रेजों की फौज में नौकरी करने पर विवश कर दिया। वह पैदल सेना के 1446 नंबर के सिपाही थे। मंगल पांडे काफी लग्नशील थे और भविष्य में बड़ा काम करना चाहते थे।
ईस्ट इंडिया कंपनी की रियासत व राज हड़प और फिर ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण आदि की नीति ने लोगों के मन में अंग्रेजी हुकूमत के प्रति पहले ही नफरत पैदा कर दी थी। अंग्रेज अधिकारियों द्वारा भारतीय सैनिकों पर अत्याचार तो हो ही रहा था लेकिन हद तब हो गई जब 9 फरवरी, 1857 को भारतीय सिपाहियों को पैटन 1853 एनफील्ड बंदूकें दी गईं, जिनमें गोली दागने की आधुनिक प्रणाली (प्रिकशन कैप) का इस्तेमाल किया गया था, परन्तु बंदूक में गोली भरने की प्रक्रिया पुरानी थी। इसमें कारतूस भरने के लिए दांतों से काटकर खोलना पड़ता था।
'उस समय भारतीय सैनिकों में अफवाह फैली थी कि कारतूस की चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनाई गई है। यह बात हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ थी।
इस्तेमाल के दौरान जब इसे मुंह लगाने के लिए कहा गया तो मंगल पांडे ने ऐसा करने से मना कर दिया और साथी सिपाहियों को भी ऐसे ही विद्रोह के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 'मारो फिरंगी को' नारा दिया, जिसके बाद अंग्रेज अधिकारी गुस्सा हो गए और 29 मार्च, 1857 को उन्हें सेना से निकालने, वर्दी और बंदूक वापस लेने का फरमान सुनाया गया।
अंग्रेज अफसर हेअरसेय उनकी तरफ बढ़ा लेकिन मंगल पांडे ने आक्रोश में उस पर हमला कर दिया और बंदूक का घोड़ा खींच गोली मारकर उसे वहीं ढेर कर दिया। उन्होंने साथियों से मदद करने को कहा लेकिन कोई आगे नहीं आया। वह फिर भी डटे रहे और जब किसी भारतीय सैनिक ने साथ नहीं दिया तो उन्होंने अपने ऊपर भी गोली चलाई लेकिन निशाना चूक गया। वह सिर्फ घायल हुए और अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया।
6 अप्रैल, 1857 को उनका कोर्ट मार्शल किया गया और बिना किसी दलील-अपील के 18 अप्रैल को फांसी देने का हुक्म सुना दिया गया लेकिन 1857 की क्रांति के इस नायक से अंग्रेज इतने खौफजदा हो गए कि फांसी के लिए तय तारीख से 10 दिन पहले ही उन्हें चुपके से 8 अप्रैल, 1857 (Mangal Pandey Death) को पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में फांसी दे कर शहीद कर दिया।
फिरंगियों को डर सता रहा था कि अगर जल्द से जल्द मंगल पांडे को फांसी नहीं दी गई तो उनकी जलाई चिंगारी पूरे भारत में विद्रोह की आग को भड़का सकती थी। ऐसा भी कहा जाता है कि बैरकपुर छावनी के सभी जल्लादों ने मंगल पांडे को फांसी देने से इन्कार कर दिया था और फांसी देने के लिए बाहर से जल्लाद बुलाए गए थे। 1857 की क्रांति भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था। जिसकी शुरुआत मंगल पांडे के विद्रोह से हुई थी।
इस बगावत और मंगल पांडे की शहादत की खबर फैलते ही अंग्रेजों के खिलाफ जगह-जगह संघर्ष भड़क उठे। मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ बैरकपुर में जो बिगुल फूंका था, वह जंगल की आग की तरह पूरे देश में फैलने लगा। उनकी फांसी के बाद मेरठ, कसौली, कांगड़ा, धर्मशाला समेत देशभर में कई जगहों पर सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया और आम लोगों में अंग्रेजों के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा। 'सही मायने में देश में आजादी का बिगुल मंगल पांडे ने ही फूंका था। उनके बलिदान को यह देश कभी नहीं 'भुला सकता ।
अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गद्दार और विद्रोही की संज्ञा दी पर मंगल पांडे प्रत्येक भारतीय के लिए एक महानायक और प्रेरक व्यक्ति साबित हुए।
आम हिंदुस्तानी उन्हें आजादी की लड़ाई के नायक के रूप में सम्मान देता है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा मंगल पांडे के सम्मान में 5 अक्तूबर, 1984 को डॉक टिकट जारी किया था। 2005 में उनके जीवन पर 'मंगल पांडे- द राइजिंग' Mangal Pandey: The Rising / Mangal Pandey the rising नामक फिल्म भी बनी थी।
आगे पढ़े : किसने कहा था ? 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूंगा'
FAQ.
Q. मंगल पांडे कौन थे और वह क्यों प्रसिद्ध थे? Mangal Pandey kaun the? / Who was Mangal Pandey ?
Ans. About Mangal Pandey मंगल पांडे (जन्म 19 जुलाई 1827, अकबरपुर, भारत - मृत्यु 8 अप्रैल 1857, बैरकपुर) एक भारतीय सैनिक थे, जिनका 29 मार्च 1857 को ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला, (Mangal Pandey History) भारतीय या सिपाही विद्रोह (भारत में विद्रोह को अक्सर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम या 1857 का विद्रोह कहा जाता है) के रूप में जानी जाने वाली पहली बड़ी घटना थी।
Q. मंगल पांडे को फांसी क्यों दी गई? मंगल पांडे की मृत्यु कैसे हुई? Mangal Pandey ko fansi kab di gai / Why was Mangal Pandey hanged? Who was Mangal Pandey Why was he hanged to death ?
Ans. Mangal Pandey Death : 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला करने के बाद मंगल पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया और मौत की सजा सुनाई गई। विद्रोह की आशंका के चलते ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी फांसी की तारीख 18 अप्रैल से बढ़ाकर 8 अप्रैल कर दी, जिस दिन उन्हें फांसी दी गई।
Q. मंगल पांडे ने किसे गोली मारी?
Ans. मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में मेजर सार्जेंट ह्यूसन और लेफ्टिनेंट बॉग को गोली मारी थी, जो 1857 के विद्रोह की शुरुआत का एक महत्वपूर्ण घटना थी.
Q. मंगल पांडे कौन थे और उसने क्या किया? Who was mangal pandey what did he do ?
Ans. मंगल पांडे (मृत्यु 8 अप्रैल 1857) एक भारतीय सैनिक थे, जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके परिणामस्वरूप ईस्ट इंडिया कंपनी का विघटन हुआ और भारत सरकार अधिनियम 1858 के माध्यम से ब्रिटिश राज की शुरुआत हुई। वह बंगाल नेटिव इन्फैंट्री की 34वीं रेजिमेंट में सिपाही थे।
Q. 1857 की क्रांति का पहला शहीद कौन था?
Ans. स्वतंत्रता सेनानी, मंगल पांडे को 1857 के विद्रोह का पहला शहीद माना जाता है।Q. 29 मार्च 1857 को क्या हुआ था?
Ans. 29 मार्च 1857 को बैरकपुर (कलकत्ता के ठीक उत्तर में) में 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के सिपाही मंगल पांडे ने अपने अफसरों पर हमला कर दिया। जब उनके साथियों को उन्हें रोकने का आदेश दिया गया, तो उन्होंने मना कर दिया। लेकिन वे खुले विद्रोह में उनके साथ शामिल होने से चूक गए।
Q. मंगल पांडे इतना प्रसिद्ध क्यों है?
Ans. मंगल पांडे एक स्वतंत्रता सेनानी हैं जो भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी । उन्हें भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक के रूप में जाना जाता है। उन्हें 1857 के सिपाही विद्रोह के रूप में जाना जाता है और 1857 के विद्रोह में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी।
Q. मंगल पांडे को क्या सजा दी गई? Mangal pandey kis regiment se the / mangal pandey belong to which regiment ?
Ans. 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला करने के बाद मंगल पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया और मौत की सजा सुनाई गई।
Thankyou