
जब आप अपने बच्चों के आक्रामक व्यवहार के साथ डील कर रही होती हैं, तो दिन-ब-दिन इसे झेलने पर आपको भी बहुत गुस्सा आएगा, जिससे आप थक जाती हैं। हालांकि, ऐसे कई तरीके होते हैं, जिनकी मदद से आप काम भी कर सकती हैं और अपने बच्चे को यह भी सिखा सकती हैं कि कैसे अच्छे से व्यवहार किया जाता है। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं:
उदाहरण देकर समझाएं
जब भी अपने बच्चे के बुरे बर्ताव की वजह से गुस्सा आए या आप नाराज हों, तो 10 तक गिनती गिनकर खुद को शांत करें और अपने बच्चे को उदाहरण देते हुए समझाएं कि नखरे करके या फिर शारीरिक या मौखिक रूप से गलत हरकत करने से उसे वह नहीं मिलेगा, जो वह चाहता है। हर समय एक समान स्वभाव बनाए रखें और स्थिति के हिसाब से खुद को न ढालें।
टाइम-आऊट रखें
जब भी आपका बच्चा काम करता है, तो आप भी अच्छी पेरेंटिंग दिखाते हुए उसके लिए 'टाइम-आऊट' तकनीक बनाएं। जब वह नखरे दिखाता है, तो उसे शांत स्वर में यह बताएं कि गुस्सा करने से कुछ नहीं होगा, उसे उनकी भावनाओं से निपटने के लिए 'टाइम-आऊट यानी कि समय मिल रहा है। जितनी बार जरूरी हो, उत्तनी बार यह बात दोहराएं और एक पैटर्न सैट कर लें। ऐसा करने से यह आपके बच्चे को जरूरत पड़ने पर अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
आत्म-नियंत्रण सिखाएं
आत्म-नियंत्रण ऐसा महत्वपूर्ण तरीका है, जो न सिर्फ बच्चे, बल्कि बड़ों के लिए भी जरूरी है। जब भी उसे गुस्सा आए, बच्चे को खुद पर कंट्रोल करना सिखाएं, ताकि वह गुस्से में किसी को लात न मारे या हाथ न चलाए। सभी बच्चों में खुद को नियंत्रित करने की बचपन से ही क्षमता होती है, इसलिए आपको उसे विश्वास दिलाना है कि वह ऐसा कर सकता है।
'टफ' सिंड्रोम से लड़ें
जब किसी कठिन परिस्थिति की बात आती है तो 'कठिन' होना या 'सख्त होना' ठीक नहीं। जब चीजें उसके पक्ष में काम नहीं कर रही हों तो धमकी न दें या फिर उसके पीछे नहीं पड़ें। इसकी बजाय उसे शांत तरीके से चीजें समझाएं। उसे शेयर करना सिखाएं और यह भी बताएं कि कमजोर होना कोई बुरी बात नहीं है।
हिंसा का सहारा न लें
अपने बच्चे को अनुशासन में रखने के लिए पिटाई सही मार्ग नहीं, क्योंकि आप उसके सामने एक उदाहरण पेश करना चाहती हैं। ऐसे में बच्चे इस बात को अपने दिमाग में भर लेते हैं कि इसका सहारा लेना ठीक है, भले ही इससे किसी भी कीमत पर बचा जा सकता हो।
मिल कर काम करें
माता-पिता के रूप में बच्चे के बुरे व्यवहार से निपटने के लिए हमेशा खुद को एक टीम की तरह दिखाना चाहिए। दोनों पक्षों को एक ही बात कहने और करने की जरूरत है, ताकि बच्चा दोनों में से किसी एक को अपनी बातों में न ले आए। जब भी आक्रामकता से जुड़ी कोई बात आती है तो एक शांत कपल बनें।
कुछ अतिरिक्त सुझाव:
बच्चों को गहरी सांस लेने का अभ्यास कराएं: गहरी सांस लेने से बच्चे को शांत होने में मदद मिलती है.
बच्चों को शारीरिक गतिविधि में शामिल करें: शारीरिक गतिविधि से बच्चे का तनाव कम होता है और वह शांत महसूस करते हैं.
बच्चों को कुछ मीठा खाने के लिए दें: कुछ मीठा खाने से बच्चे को शांत होने में मदद मिलती है.
बच्चों को गले लगाएं: गले लगाने से बच्चे को प्यार और सुरक्षा का एहसास होता है और वह शांत महसूस करता है.
अगर बच्चे का गुस्सा बहुत ज्यादा हो या बार-बार हो, तो डॉक्टर या मनोचिकित्सक से सलाह लें।
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