हद से ज्यादा खुलापन आपके बच्चे को बिही बना सकता है। अक्सर देखने में आता है कि मां-बाप का बच्चे को ज्यादा छूट देना, उसकी हर जायज नाजायज मांग को बिना सोचे-समझे पूरी करना आदि बच्चे को हठी और गुस्सैल प्रवृत्ति की ओर अग्रसर करता है।
इसके अलावा अगर आपका बच्चा सारा दिन इधर- उधर खेलता रहता है और आपको यह ध्यान ही नहीं कि आपका बच्चा कहां घूम रहा है तो यह उसे गलत संगत में डाल सकता है जो बाद में उसके व्यक्तित्व के विकास में बाधक बन सकता है।
कई बार ऐसा होता है कि बच्चा स्कूल से या आस- पड़ोस से पैंसिल या कोई अन्य वस्तु उठा लाता है लेकिन इस पर आप उसे कुछ न कहते हुए नजरअंदाज कर देती हैं तो आप बहुत बड़ी गलती कर रही हैं क्योंकि छोटी- मोटी चीजों से ही बच्चे को चोरी की आदत पड़ जाती है जो बाद में बड़ी चोरी में बदल सकती है।
इसलिए यदि बच्चा कहीं से कोई चीज उठा कर लाए तो उसे प्यार से समझाते हुए वापस कराएं और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बच्चे को अवगत कराएं, साथ ही भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत भी दें।
बच्चे की दिनचर्या का भी ध्यान रखें। उसे गलत संगति में बैठने से मना करें तथा बच्चे का होमवर्क प्रतिदिन पूरा करवाएं और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से ही आप एक आदर्श मां बन सकेंगी।
जिद्दी बच्चे के सामने भूलकर भी गुस्सा या आक्रामकता न दिखाएं। इससे बात और बिगड़ सकती है। हमेशा अपने बच्चे की बात सुनें और उनके साथ अच्छे मूड में बात करें। पेरैंट्स को कभी अपने जिद्दी बच्चे के साथ जबरदस्ती से पेश नहीं आना चाहिए। अगर आप उसके साथ जोर- जबरदस्ती करेंगे तो वह भी आपसे यही सीखेगा। स्वभाव से जिद्दी बच्चों को कभी किसी चीज का आदेश नहीं देना चाहिए बल्कि बड़ी ही समझदारी से उनकी जिद से अलग कोई बेहतर ऑप्शन का सुझाव दें।
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