नींबू सदाबहार सर्वोत्तम रोगनाशक व आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता फल है। नींबू की कई किस्में हैं। सभी किस्में उपयोगी व फलदायी हैं। नींबू सर्वसुलभ, बहुउपयोगी और अनूठा फल है। पाश्चात्य देशों में प्रचलित पेय लेमोनेड नींबू से तैयार किया जाता है। यही नहीं, नींबू का उपयोग विभिन्न औषधियां बनाने में खूब किया जाता है। आयुर्वेद ने इसे एक महत्वपूर्ण फल माना है। अम्लीय गुणों से युक्त यह अनूठा फल है।
Lemon benefits for skin in hindi | बीमारियों से लड़ने का ताकत बढ़ाता है 'नींबू'
नींबू को हमारे यहां सर्वश्रेष्ठ रोग नाशक और ' रोग प्रतिरोधक' शक्ति बढ़ाने वाले फल के रूप में प्राचीन काल से ही मान्यता प्राप्त है। कोरोना काल से लोग इस फल का भरपूर उपयोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विभिन्न रूप से कर रहे हैं, चाहे नींबू के रस का मधु के साथ सेवन हो, सलाद के साथ इसका सेवन हो अथवा लैमन-टी के रूप में उपयोग हो, हर प्रकार से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में नींबू अपना योगदान दे रहा है।
गुणों का भंडार है नींबू
स्कॉटलैंड के जाने-माने चिकित्सक जेम्स लिंड ने अपनी एक पुस्तक में रहस्योद्घाटन किया कि स्कर्वी (रोग) पर नियंत्रण के लिए नींबू ही एक अचूक औषधीय फल है। एक अन्य चिकित्सक डॉक्टर ब्लेन ने भी नींबू को स्कर्वी से निपटने में सक्षम पाया। नींबू का नियमित उपयोग स्कर्वी की रोकथाम में उपयोगी सिद्ध होता है। इस प्रकार नींबू विभिन्न रूपों में अत्यंत गुणकारी फल बन गया है। भोजन के समय कद्दूकस किए अदरक में नींबू का रस व थोड़ा नमक डालकर थोड़ा-थोड़ा खाने से विभिन्न व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
दाल-सब्जी में नींबू के रस का सेवन करना चाहिए। प्रचलित सिथैटिक शीतल पेयों के स्थान पर ठंडे नींबू पानी का सेवन निरापद और स्फूर्तिदायक होता है। सिर में नींबू के रस में थोड़ा-सा पानी मिलाकर उंगलियों के पोरों से मालिश करते हुए लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, रक्त संचार सुचारू होता है और बालों का झड़ना रुकता है। बाद में सिर को शिकाकाई, रीठा या मुल्तानी मिट्टी से धोना चाहिए।
पुराना नींबू का अचार स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट दर्द और अपच में गुणकारी होता है। नींबू के रस तथा नमक पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है। नींबू सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाता, कई बीमारियां भी भगाता है। इसलिए इसे हमारे प्राचीन ग्रंथों में अमृतफल माना गया है।
नींबू औषधीय गुणों के कारण घरेलू उपचार और दवा के रूप में तो उपयोग होता ही है बर्तनों, सामान्य आभूषणों व सजावटी धातु निर्मित वस्तुओं को चमकाने और साफ करने में भी इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। नींबू की अनेक किस्में प्रचलित हैं। मसलन गलगल, विजोरा, जमफरी, कागजी, गुड़िया, नेपाली आदि। सेहत की दृष्टि से कागजी नींबू सर्वश्रेष्ठ होता है, जिसका छिलका बेहद पतला तथा इसमें रस भी अन्य नींबुओं की अपेक्षा अधिक होता है। आचार, मुरब्बों एवं आयुर्वेदिक औषधियों में कागजी नींबू का ही प्रयोग किया जाता है।
नींबू खरीदते समय
बाजार से नींबू खरीदना हो तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उसका आकार बड़ा, साफ और गहरे पीले रंग का तथा छिलका पतला और मुलायम हो। पीले नींबू न मिलने पर हरे रंग के नींबू उपयोग में लाए जा सकते हैं।
आमतौर पर लोग पर्याप्त पानी नहीं पी पाते क्योंकि पानी में उन्हें कोई स्वाद नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में आप चाहें तो नींबू- पानी पी सकते हैं, जो स्वाद में बेहतर और ताजगी देने वाला होता है, साथ ही पानी और नींबू दोनों का फायदा भी आपको मिलता रहेगा और आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।
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