रिक्टर स्केल के अनुसार भूकंप की तीव्रता Riktar skel ke anusaar bhookamp kee teevrata भूकंप की तीव्रता' यूं मापते हैं '
भूकंपों ने समय-समय पर मानव जाती को बहुत नुकसान पहुंचाया है। भूकंप की तीव्रता को सीस्मोग्राफ नामक एक बहुत ही संवेदनशील उपकरण से मापा जाता है। भूकंप से सीस्मिक तरंगें पैदा होती हैं। ये तरंगें धरती में से होती हुई जाती हैं। इन तरंगों को ही सीस्मोग्राफ की सहायता से मापा जाता है। सीस्मोग्राफ से बहुत दूरी पर आने वाले भूकंप की तीव्रता और स्थान का पता लगाया जा सकता है।
भूकंप की तीव्रता दर्शाने वाले रिक्टर स्केल की खोज सीस्मोलॉजिस्ट्स चार्ल्स एफ. रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने सन् 1935 में की थी। भूकंप की तीव्रता को सीस्मिक तरंगों के आकार को माप कर दर्शाया जाता है। सबसे बड़ा भूकंप (रिक्टर स्केल पर 9) सबसे छोटे भूकंप से एक करोड़ गुणा अधिक ताकतवर होता है।
रिक्टर स्केल के अनुसार भूकंप की तीव्रता | Riktar skel ke anusaar bhookamp kee teevrata
0 इस तीव्रता के भूकंप को अत्यधिक संवेदनशील सीस्मोग्राफ्स से मापा जाता है। वे शून्य से कम तीव्रता के भूकंप को भी माप सकते हैं।
1 इस तीव्रता को उपकरणों की सहायता से मापा जा सकता है।
2 इसके कम्पन को मानव महसूस कर सकते हैं।
3 हल्का कम्पन होता है। विश्व भर में इस तीव्रता के भूकंप वर्ष में लगभग 1 लाख बार आते हैं।
4 अनुमान है कि इस तीव्रता के भूकंप वर्ष में लगभग 15 हजार बार आते हैं।
5 ये वर्ष में लगभग 3 हजार बार आते हैं।
6 इस तीव्रता के भूकंप वर्ष भर में 100 के करीब आते हैं।
7 ये वर्ष में करीब 20 बार आते हैं।
8 इस तीव्रता के भूकंप बहुत तबाही मचाते हैं। ये विश्व में एक वर्ष में औसतन 2 आते हैं।
9 आज तक 8.9 से अधिक की तीव्रता का कोई भूकंप मापा नहीं गया। वैसे 9 से अधिक की तीव्रता के भूकंप भी संभव माने जाते हैं।
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