शुरू हुआ खरमास ( kharmas ) वैदिक पंचांग के अनुसार, जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन था फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास आरंभ होते हैं। ऐसे में दो बार साल में खरमास लगते हैं। सूर्य मीन राशि में 14 मार्च 2024 को 12 बजकर 23 मिनट पर प्रवेश कर चुके हैं और मोन संक्रांति के साथ साथ खरमास भी आरंभ हो गया है।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, किसी भी तरह के मांगलिक काम खरमास के दौरान करने की मनाही होती है। इसे मलमास भी कहा जाता है। जब ग्रहों के राजा सूर्य 13 अप्रैल 2024 को मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा।
Kharmas 2024 : खरमास में क्या करें और क्या न करें? यहां जानें
शुभ कार्यों के लिए होलाष्टक के समय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी आठ ग्रहों का स्वभाव उग्र हो हो जाने से शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती।खरमास के दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने से लेकर नया बिजनैस, नया कार्य, नई दुकान आदि खोलने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान शादी विवाह या फिर उससे संबंधित कोई भी काम, जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
खरमास के दौरान गृह प्रवेश से घर में दोष लगता है। इस दौरान नए व्यापार का आरंभ करने से नए कार्य में कोई न कोई मुश्किल उत्पन्न होती है और सफलता भी हासिल नहीं होती।
खरमास के दौरान करें ये काम
खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अध्यं देना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल और अक्षत डाल लें। खरमास के दौरान जप, तप और दान करने का विशेष महत्व है। इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है। खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। खरमास में पूरे एक माह में एक बार जरूप किसी न किसी तीर्थ स्थल में जाना चाहिए।
होलाष्टक में भी नहीं होते शुभ कार्य / खरमास में वर्जित कार्य
17 मार्च से होलाष्टक भी शुरू हो चुका है। होलिका दहन से ठीक 8 दिन पहले से होलाष्टक शुरू हो जाता है। इस दौरान धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते और सभी तरह के धार्मिक और शुभ कामों होलिका दहन तक पर पूरी तरह से रोक लग जाती है। 24 मार्च होलाष्टक को समाप्त होंगे।
क्यों नहीं किया जाता शुभ काम होलाष्टक के दौरान ?
होलाष्टक के समय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी आठ ग्रहों का स्वभाव उग्र हो हो जाने से शुभ कार्यों के लिए ग्रहों की स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती।
इन ग्रहों के उग्र होने से मनुष्य की कोई निर्णय लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में मनुष्य अपने स्वभाव के विपरीत फैसला करता है, जिसके चलते कई तरह की परेशानियां जीवन में झेलनी पड़ती हैं।
Thankyou