आज हम जानेगें एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir के बारे में एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर | जटोली शिव मंदिर सोलन हमारा देश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां कई मंदिर हैं, जो अत्यधिक धार्मिक महत्व के साथ वास्तुशिल्प में भी खास हैं। ये मंदिर देशभर में हर साल लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वाराणसी और रामेश्वरम के प्रतिष्ठित मंदिरों से लेकर खजुराहो और कोणार्क के राजसी मंदिरों तक, हमारे देश के मंदिर विविध प्रकार के आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।

40 साल में बना था जटोली शिव मंदिर सोलन / Jatoli Shiv Mandir Solan
हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर से 5 किलोमीटर दूर स्थित जटोली गांव में स्थित जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir भी विशेष महत्व रखता है। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यह 108 फुट ऊंचा मंदिर है जिसको बनाने में लगभग 40 साल का समय लगा था।
एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर
जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir की वास्तुकला इंडो-आर्यन की एक विशिष्ट शैली से प्रेरित है। इसमें दक्षिण-द्रविड़ शैली की झलक भी दिखाई देती है। कहते हैं कि एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर जटोली शिव मंदिर है। यह तीन पिरामिडों से बना है।
पहले पिरामिड पर भगवान गणेश की छवि देखी जा सकती है,
दूसरे पिरामिड पर शेषनाग की मूर्ति है तो
तीसरे पर त्रिशूल है।
मंदिर की संरचना के ऊपरी भाग को शिखर कहा जाता है। दूसरे भाग को विमान कहा जाता है, जो उच्चतम पिरामिड से थोड़ा नीचे है। यदि कोई पर्यटक पहाड़ी की चोटी पर स्थित किसी भव्य और शानदार मंदिर को देखना चाहता है तो जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir उसके लिए उपयुक्त स्थान है। जटोली का नाम भगवान शिव की लंबी जटाओं (बालों) के कारण पड़ा है।
वर्ष 1950 में स्वामी कृष्णानंद परमहंस जटोली में आए और उनके मार्गदर्शन में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। उन्होंने 1974 में जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir मंदिर की नींव रखी और 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण जारी रहा और अब मंदिर की देखभाल मंदिर प्रबंधन समिति करती है।
मान्यता है कि मंदिर परिसर के आसपास पानी की कमी थी, इसलिए एक बाबा ने अपनी शक्ति से पास में ही एक तालाब बना दिया था।
मंदिर समिति के अनुसार, एक नाथीराम राज-मिस्त्री था, जिसने इस मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग
करोड़ों रुपए से बने इस मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग भी स्थापित है। भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों के अलावा एक विशाल सोने का कलश भी मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा है।
जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir से जुड़ी कथाएं
जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir के इतिहास के साथ कई दंतकथाएं और कहानियां जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि यह स्थान कभी भगवान शिव का विश्राम स्थल था। मंदिर के पूर्वोत्तर कोने पर एक पवित्र सरोवर है, जिसे 'जल कुंड' कहा जाता है। ऐसी मान्यता है क्रि इस सरोवर के पानी में कुछ औषधीय गुण हैं, जो त्वचा रोगों का इलाज कर सकते हैं। एक गुफा मंदिर के अंदर है स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी जहां रहते थे।
प्रसिद्ध शिवरात्रि मेला जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir
जटोली शिव मंदिर Jatoli Shiv Mandir कैसे पहुंचें :
हवाई जहाज से जटोली शिव मंदिर पहुंचें : चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा है, जो यहां से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। मंदिर तक परिवहन के लिए हवाई अड्डे से कैब और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
ट्रेन से जटोली शिव मंदिर पहुंचें : लगभग 45 किलोमीटर दूर कालका रेलवे स्टेशन, जटोली शिव मंदिर जाने वाली ट्रेनों के लिए निकटतम स्टेशन है। वहां से, आगंतुक मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
सड़क द्वारा जटोली शिव मंदिर पहुंचें : हिमाचल में बेहतरीन सड़क नैटवर्क है और सोलन तक बस, टैक्सी या अपनी कार से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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