सोविरन मिलिट्री ऑर्डर ऑफ माल्टा दुनिया का सबसे दुर्लभ पासपोर्ट (Passport Status) है। इसे माल्टा के शूरवीरों के नाम से भी जाना जाता है। माल्टा एक संप्रभु राष्ट्र है जिसके पास संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा और अपना संविधान है। लेकिन माल्टा पास कोई जमीन नहीं है।

पासपोर्ट किसी भी देश की पहचान ( Passport Status ) दिखाता है। किसी देश के पासपोर्ट के साथ बिना वीजा के जितने ज्यादा देशों में जाया जा सके, वह उसकी ताकत को दिखाता है लेकिन दुनिया में सबसे दुर्लभ पासपोर्ट भी है।
दुनिया का सबसे दुर्लभ पासपोर्ट 'सोवरन मिलिट्री ऑर्डर ऑफ माल्टा का' है। इसे 'माल्टा के शूरवीरों' के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सम्प्रभु राष्ट्र है, जिसके पास संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक का दर्जा और अपना संविधान भी है लेकिन दिलचस्प बात है कि इसके पास कोई जमीन नहीं है।
इस देश की ओर से कार का नंबर जारी होता है, वह भी तब, जब इसके पास अपनी कोई सड़क नहीं है। इसकी अपनी स्टैम्प, करंसी और पासपोर्ट हैं। ऑर्डर ऑफ माल्टा ने 1300 के दशक के दौरान पहला पासपोर्ट जारी किया था, जब इसके राजनयिक राजदूत अपनी स्थिति की पुष्टि के लिए दस्तावेजों के साथ दूसरे देशों में गए। दूसरे विश्व युद्ध के बाद राजनयिक पासपोर्ट विकसित हुआ। जो इसे दुनिया का सबसे दुर्लभ पासपोर्ट बनाते हैं। वर्तमान में ऑर्डर की ओर से जारी लगभग 500 राजनयिक पासपोर्ट प्रचलन में हैं,
इसका क्रिमसन रंग का पासपोर्ट संभवतः ईसा मसीह के खून का प्रतीक है। यह विशेष रूप से परिषद के सदस्यों और राजनयिक मिशनों के नेताओं के साथ-साथ उनके परिवारों को दिया गया है। इस पासपोर्ट पर सुनहरे अक्षरों से फ्रैंच भाषा में संगठन का नाम लिखा है।
इसका ग्रैंड मास्टर्स का पासपोर्ट एक दशक के लिए वैध होता है, जो सबसे लंबी अवधि है क्योंकि वे दो कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। 85 साल की उम्र तक उन्हें सेवानिवृत्त होना जरूरी है। दूसरी ओर बाकी पासपोर्ट 4 साल के लिए वैध होते हैं और डिप्लोमैटिक मिशन के लिए इस्तेमाल होते हैं। पासपोर्टों में 44 पेज होते हैं। इसमें तस्वीर या कोट्स की जगह केवल माल्टा के क्रॉस का वॉटरमार्क होता है।
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