कैसा हो शिशु का आहार, शिशु जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, प्रायः मां-बाप उसके भोजन को लेकर चिंतित रहते हैं कि उसे क्या खिलाएं, जिससे उसका सम्पूर्ण विकास हो सके लेकिन यहां यह बात ज्यादा महत्वपूर्ण है कि शिशु के जन्म से लेकर 9 माह तक उसे जो भी आहार दिया जाए, काफी सोच-समझकर दिया जाए। इस अवस्था में पोषक आहार के रूप में उसके लिए मां का दूध ही पर्याप्त होता है, जबकि अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन विशेष रूप से उसकी पाचन शक्ति को इन पदार्थों को पचाने के लिए उपयुक्त बनाने के उद्देश्य से ही कराया जाता है। इस अवस्था में शिशु की आहार व्यवस्था निम्न चरणों में व्यवस्थित करनी चाहिए।

जब बच्चा चार महीने का हो जाए ( 4 months baby food chart ) तो आप उसे पिसे हुए चावल, सूजी, गेहूं आदि में घी-तेल डालकर पकाकर खिला सकती हैं। थोड़ी- थोड़ी मात्रा में मौसमी फल भी देते रहें।
ध्यान रखें कुछ अन्य बातों का भी विशेष :
खिचड़ी, मिस्सी रोटी, इडली, डोसा, पोंगल आदि में घी-तेल, शक्कर आदि डालकर इसके साथ हरी सब्जी भी बच्चे को खिलाएं। गाय-भैंस का दूध व दूध के अन्य उत्पाद, फल आदि भी बच्चे को नियमित रूप से दिए जाने चाहिएं। बच्चे के लिए भोजन बनाते समय साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। आपके हाथ और भोजन के बर्तन साफ व धुले होने चाहिएं।
बच्चे को हमेशा ताजा और जहां तक हो सके, गरम भोजन ही दें। बच्चे को डायरिया, श्वसन रोग जैसी शिकायत होने पर डाक्टर के कुछ न कहने तक भोजन जारी रखें। बच्चा किसी बीमारी के बाद उठा हो, तो उसे सामान्य से ज्यादा पौष्टिक आहार दें, जिससे उसका वजन फिर से सामान्य हो जाए।
अधिकांश माता-पिता बच्चे को मोटा बनाने के लिए जबरदस्ती खिलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह ठीक नहीं है। बच्चे को जब भूख लगे, तभी खिलाएं।
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