'हनुमान' Hanuman जैसे कि नाम से स्पष्ट होता है 'हनुमान' Hanuman अर्थात जिसने अपने 'अभिमान का हनन' कर लिया हो। 'बजरंगबली' अर्थात 'वज्र जैसे अंगों वाला बलशाली'। 'महावीर' अर्थात वीरों में सबसे महान।

मैनेजमेंट के गुरु Hanuman Ji - The Management Guru
हनुमान जी Hanuman ji को मैनेजमेंट के गुरु भी कहा जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। यह तो हम सब अच्छे से जानते ही हैं कि हनुमान जी Hanuman ji जैसा बलशाली, बुद्धिमान, सेवाभाव वाला, कर्मठ इत्यादि इस कलियुग में तो अभी तक कोई नहीं है। हनुमान जी Hanuman ji से हमें बहुत-सी शिक्षाएं मिलती हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
बल का सदुपयोग Powers of Lord Hanuman
बल का सदुपयोग, बलशाली होकर संयमित होना, सेवक बनकर ईश्वर का पद पाना, एकनिष्ठ भक्ति, समर्पण, कार्य के प्रति समर्पित, ईश्वर पर अटूट श्रद्धा, सामर्थ्य होते हुए भी सहनशीलता होनी चाहिए, स्वामी के प्रति अनन्य भक्ति, बल होने पर भी विनम्र होना, अपनी - ताकत या शक्ति का सही इस्तेमाल करना, बेहतर टाइम मैनेजमैंट, जो लोग सोचते हैं कि यह कर ही क्या सकता है, उन्हें समय आने पर अपना बल और अहमियत बताना।
वर्क मैनेजमेंट Lord Hanuman And His Art of Efficient Management
उनका वर्क मैनेजमेंट भी कमाल का था। दूसरे स्थान में जाकर उस स्थान के संसाधनों को सही तरीके से उपयोग में लाना वह बखूबी जानते थे।
सीता माता के सामने उन्होंने खुद को लघु रूप में रखा, क्योंकि यहां वह पुत्र की भूमिका में थे, परन्तु संहारक के रूप में वह राक्षसों के लिए काल बन गए। एक ही स्थान पर अपनी शक्ति का दो अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करना भी हनुमान जी Hanuman ji से सीखा जा सकता है।
धैर्य Power of Patience by Hanuman Ji
हनुमान जी Hanuman ji में जितनी शक्ति थी, उतना ही धैर्य भी था इसलिए हमें भी हर मुश्किल समय में धैर्य से काम लेना चाहिए।
अहंकार Arrogance by Hanuman Ji
अहंकार क्या होता है, इसे वह नहीं जानते थे, इसलिए हमें भी अहंकार नहीं करना चाहिए।
कभी हार नहीं माननी चाहिए Never give up
हनुमान जी Hanuman ji के समक्ष तमाम संकट आए, पर वह सभी बाधाएं पार कर अपने लक्ष्य में सफल हुए और श्रीराम के प्रिय भक्त बने इसलिए हमें भी कभी हार नहीं माननी चाहिए।
तनाव/ चिंता मुक्त रहना चाहिए Ways to Manage Stress
उन्होंने किसी भी तरह के तनाव/ चिंता को अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया इसलिए हमें भी तनाव/ चिंता मुक्त रहना चाहिए।
ज्ञान के प्रति 'समर्पण' Dedication to knowledge
श्री हनुमान जी Hanuman ji के व्यक्तित्व का यह आयाम हमें ज्ञान के प्रति 'समर्पण' की शिक्षा देता है। इसी के आधार पर हनुमान जी Hanuman ji ने अष्ट सिद्धियों और सभी नौ निधियों की प्राप्ति की।
हनुमान जी के जीवन की सबसे बड़ी विशेषता Hanuman's strength is one of his greatest powers
निरअंहकारिता थी, जिसका आशय है कि वह इतने ताकतवर थे कि सूरज तक को खा गए थे। वह सब कुछ कर सकते थे, मगर उन्होंने कभी अहंकार नहीं किया। हम सभी को हनुमान जी Hanuman ji से यह सीख लेनी चाहिए कि अपने अंदर के अहं भाव को जला दें और हमेशा विनम्र होकर रहना सीखें।
उन्होंने हमें बताया कि जब आप धर्म के साथ खड़े हैं और अन्याय तथा अधर्म के विरुद्ध हैं, तो किस तरह आप उच्च पद प्राप्त करते हैं।
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