कुबेर,जो धन के स्वामी (धनेश) व धनवानता के देवता माने जाते हैं। वे उत्तर दिशा के दिक्पाल हैं वे यक्षों के राजा भी हैं। और लोकपाल (संसार के रक्षक) भी हैं। इनके पिता महर्षि विश्रवा और माता देववर्णिणी थीं।
भगवान कुबेर की आरती Kuber Aarti Lyrics in Hindi
जय कुबेर स्वामी,
प्रभु जय कुबेर स्वामी।
हे समरथ परिपूरन,
हे अंतर्यामी ।।
विश्रवा के लाल,
इदविदा के प्यारे।
कावेरी के नाथ हो,
शिवजी के दुलारे।।
मनिग्रवी मीनाक्षी देवी,
नलकुबेर के तात।
देवलोक में जागृत,
आप ही हो साक्षात।।
रेवा नर्मदा तट,
शोभा अतिभारी।
करनाली में विराजत,
भोले भंडारी ।।
वंध्या पुत्र रतन और निर्धन धन पाए।
मनवांछित फल देते,
जो मन से ध्याए ।।
सकल जगत में तुम ही सबके सुखदाता।
दास जयंत कर वंदे, जाए बलिहारी।।
भगवान कुबेर का ध्यान मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा
भगवान कुबेर को क्या है पसंद : भगवान कुबेर को धनिया, कमलगट्टा, इत्र, सुपारी, लौंग, इलायची और दूर्वा चढ़ती है। पूजन में सिंदूर, लाल पुष्प, मिठाई, नारियल, रोली, लाल चंदन, हल्दी, पंचमेवा आदि का भी उपयोग होता है।
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