क्रेडिट स्कोर साख का नाम है किसी प्रकार का लोन लेना हो, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करना हो, तो हर ऋणदाता सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर Credit Score या सिबिल स्कोर Cibil Score ही पूछता है। इस स्थिति में आपको ये पता होना चाहिए कि क्या है क्रेडिट स्कोर और सिबिल स्कोर, कैसे इसे तय किया जाता है और कौन इसका निर्धारण करता है...
क्रेडिट स्कोर Credit Score
क्रेडिट रिपोर्ट (आपने कब-कब लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया) से आपको क्रेडिट हिस्ट्री बनती है। फिर इसके ही आधार पर गणना करके तीन अंको की एक क्रेडिट रेटिंग जनरेट की जाती है, जिसे क्रेडिट स्कोर कहा जाता है। ये उधार लेने वाले (एक व्यक्ति, समूह या कंपनी) का एक आकलन है, जो यह निर्धारित करता है कि क्या लोन लेने वाला व्यक्ति या कंपनी लोन एग्रीमेंट के अनुसार तय समय पर लोन भुगतान करने में सक्षम होगा। क्रेडिट स्कोर निकालने के लिए उपयोग किया जाने वाला फॉर्मूला आलम- अलग क्रेडिट ब्यूरो में भित्र हो सकता है, इसलिए एक व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर हर ब्यूरो में अलग-अलग हो सकता है।

सिबिल स्कोर Cibil Score
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय नागरिकों की क्रेडिट-संबंधी गतिविधियों को एकत्र करके, उस पर आधारित क्रेडिट रेटिंग तय करने के लिए चार क्रेडिट ब्यूरो को अधिकृत किया है। इसमें सिथिल भारत की सबसे पुरानी और सबसे प्रचलित, क्रेडिट सूचना कंपनी है। इसके द्वारा दी गई क्रेडिट रेटिंग को सिथिल स्कोर भी कड़ा आता है। में 300 और 900 के बीच होता है।
क्रेडिट स्कोर के फ़ायदे
यदि इसे ऋण लेने की आधार पात्रता कहा जाए तो गलत नहीं होगा, क्योंकि क्रेडिट स्कोर, लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन को मंजूरी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। अगर आवेदक का स्कोर 700 के पार का है तो नए क्रेडिट कार्ड/ लोन के लिए स्वीकृत होने की उसकी संभावना अधिक होती है।
लौटाने का इतिहास...
1. यदि आप समय पर ऋण चुकाने में सही तरह से सफल हुए हैं तो ये आपके स्कोर में 35% का योगदान देता है। इसलिए सभी ऋण का समय पर भुगतान करने से रेटिंग अच्छी रहती है।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग
2. इससे स्कोर में 25% का फर्क पड़ता है। पात्रता से अधिक ऋण, मंथली सर्किल (एक महीने से दूसरे महीने तक का समय) के दौरान क्रेडिट कार्ड की सीमा का 30 फ़ीसदी से अधिक उपयोग करने पर क्रेडिट स्कोर गिर जाता है। इसलिए इसके स्कोर को सुधारने के लिए आप आने वाले महीनों में इसके सीमित उपयोग पर ध्यान दे सकते हैं।
ऋण के लिए पूछताछ...
■ ऋण के लिए की गई इस पूछताछ से आपका स्कोर 15% तक गिर सकता है। क्योंकि एकसाथ किए गए कई आवेदन ये दर्शा सकते हैं कि आपको लोन की बहुत जरूरत है, इस स्थिति में आपको लोन चुकाने में कम समर्थ समझकर ऋणदाता लोन देने से भी बचेंगे।
■ 4 क्रेडिट लेने की अवधि यह स्कोर में 15% तक का योगदान देती है। ये, सही समय पर भुगतान और सही तरह से (बिना दूसरा लोन लिए) चुकाने पर आधारित रहता है।
क्रेडिट मिक्स...
■ ये सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड क्रेडिट दोनों का मिश्रण है। मतलब आप कितने सुरक्षित या असुरक्षित लोन लेते हैं उस से आपका क्रेडिट मिक्स सामने आता है। क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे कई असुरक्षित लोन होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि इसे अक्सर प्राइवेट फाइनेंस के गलत मैनेजमेंट के संकेत के रूप में दर्शाया जाता है। जैसा कि यदि आपके पास सुरक्षित लोन (जैसे ऑटो और होम लोन) अधिक हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर के अधिक होने की संभावना है।
■ किसी और के ऋण के लिए गारंटर बनते समय भी ध्यान रखें, क्योंकि यदि ऋण लेने वाला अपने भुगतान में चूक करता है, तो यह गारंटर के क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित करता है।
क्रेडिट स्कोर Credit Score का सुझाव
■ किसी प्रकार का ऋण न लेने पर आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती जिससे आपका कोई क्रेडिट स्कोर भी तय नहीं होता। इसलिए अगर आपको लोन की आवश्यकता नहीं है तो आप क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करके बेहतर सिबिल रेटिंग पा सकते हैं।
■ ऋण खाते को लोन सेटलमेंट अंडर कंप्रोमाइज (कुछ छूट लेकर रफा-दफा) करके चुकाने के बजाय पूरा चुकाने की कोशिश करें, क्योंकि इस स्थिति में ये समझा जाता है कि आप लोन लेने के बाद इसे सही तरह से नहीं चुका पाते। इसलिए ऐसा करने से आपकी रेटिंग बहुत नीचे गिर सकती है और आगे ऋण मिलना भी मुश्किल होता है, चूंकि एक बार आई ऋण निपटान क्रेडिट रिपोर्ट लगभग सात साल एक कायम रहती है।
FAQ: क्रेडिट स्कोर Credit Score के अक्सर पूछे जाने वाले प्रशन
क्रेडिट स्कोर Credit Score किसे कहते है?
क्रेडिट स्कोर Credit Score तीन अंकों की एक संख्या है जो आपकी उधार पात्रता को दर्शाता है। क्रेडिट इतिहास के आधार पर इसकी गणना की जाती है, जिसमें भुगतान इतिहास, आपके ऊपर कितना कर्ज है और आपने कितनी बार ऋण लिया है एसी जानकारी शामिल होती है।
750 या ज़्यादा स्कोर को बैंक अच्छा मानते हैं। हालाँकि, कुछ बैंक कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को भी क्रेडिट कार्ड दे देते हैं लेकिन आवेदक को बैंक की अन्य शर्टों पर खरा उतरना होता है जैसे, आय, डेट टू इनकम रेश्यो, निवास स्थान, आदि।
पेमेंट रिकॉर्ड सुधारने के लिए क्रेडिट कार्ड बिल और EMI का भुगतान समय पर करें, इस तरह आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) भी सुधर जाएगा। क्रेडिट कार्ड बिल या लोन ईएमआई में एक भी चूक होने से आपके पेमेंट रिकॉर्ड पर ख़राब प्रभाव पड़ सकता है और इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
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