यू.के. द्वारा हाल ही में वीजा नियमों में किए गए बदलाव का सीधा असर पंजाब में शादियों पर पड़ने वाला है। पंजाब से अधिकतर लोग यू.के. जाकर अपने पार्टनर को भी वहां बुला लेते हैं। इनमें से अधिकतर युवतियां हैल्थ केयर और स्किल केयर वर्कर कैटेगरी में यू.के. जाती हैं।
अब तक के नियमों के मुताबिक यू.के. जाने वाली अधिकतर युवतियां वहां जाकर अपने पार्टनर को वहां बुला लेती थीं लेकिन अब यू. के. ने इस नियम पर रोक लगा दी है। इसके अलावा यू.के. में काम कर रहे स्किल वर्करों के लिए भी अपनी पत्नी अथवा पति को ब्रिटेन बुलाने के लिए वेतन की दर में वृद्धि कर दी गई है। इससे भी पंजाब में ऐसी शादियां प्रभावित होंगी जिनमें एक पार्टनर को विदेश जाकर वहां बुलाने का वायदा किया जाता रहा है।
भारत में ब्रिटेन के हाई कमिश्नर एलैक्स एलिज ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर 2022 के आंकड़े शेयर करते हुए जानकारी दी कि यू.के. ने 2022 में भारतीयों को कुल 38 लाख 36 हजार 490 वीजा जारी किए हैं और यू.के. द्वारा किसी भी देश को जारी किए गए
यह सबसे ज्यादा वीजा हैं। 2022 में भारतीयों को जारी हुए वर्क वीजा की संख्या में 130 फीसदी का उछाल आया है जबकि स्टूडेंट वीजा में 73 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि यू.के. ने रोजगार के लिए ब्रिटेन आने वाले पेशेवरों के शुरूआती सैलरी पैकेज में वृद्धि की है लेकिन भारतीयों को ज्यादा नुकसान यू.के. द्वारा केयर वर्कर्स कैटेगरी में किए गए नियमों के बदलाव के कारण होगा।
पिछले साल यू.के. द्वारा भारतीयों को जारी किए गए वर्क वीजा में से करीब 50 फीसदी वर्क वीजा हैल्थ केयर और केयर वर्कर्स कैटेगरी में किए गए नियमों के बदलाव के कारण होगा।
पिछले साल यू.के. द्वारा भारतीयों को जारी किए गए वर्क वीजा में से करीब 50 फीसदी वर्क वीजा हैल्थ केयर और केयर वर्कर्स को जारी किए गए थे। हालांकि इन वर्कर्स को मिलने वाले वेतन के नियमों में बदलाव नहीं किया गया है लेकिन ये वर्कर पहले की तरह अपने पारिवारिक सदस्यों को यू.के. नहीं बुला सकेंगे।
अमृतसर के इमीग्रेशन एजैंट गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यू.के. के वीजा नियम काफी आसान थे। हालांकि यू.के. की नागरिकता हासिल करना बहुत मुश्किल है लेकिन वीजा नियम इतने कठिन नहीं थे। किसी भारतीय यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने के बाद पेशेवर वर्क वीजा के लिए आईलैट्स की जरूरत नहीं थी और यू.के. में हैल्थ वर्कर बनने के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएशन जरूरी थी।
इससे पहले हैल्थ वर्कर अपने साथ पारिवारिक सदस्यों को भी यू.के. ले जाते थे। इनमें अधिकतर उनके पार्टनर होते थे लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक हैल्थ वर्कर अपने पार्टनर को यू.के. नहीं बुला सकेंगे।
तनवीर सिंह नाम के एक युवक ने बताया कि उसकी भाभी यू.के. में केयर वर्कर वीजा पर गई हैं और भाई-भाभी अब बिना आइलैट्स किए यू.के. में सैटल हो गए हैं।
गुरप्रीत सिंह ने कहा कि अब इस तरह की शादियां भविष्य में सवालों के घेरे में आ जाएंगी क्योंकि अब एक पार्टनर को यू.के. का वीजा नहीं मिलेगा और उसे भारत में ही रहना पड़ सकता है और यू.के. में एक पारिवारिक वेतन से घर चलाना मुश्किल है। भविष्य की योजनाओं और घर खरीदने के लिए यू.के. में पति व पत्नी दोनों को ही काम करना पड़ता है। जालंधर की वीजा सलाहकार मनप्रीत कौर ने कहा कि यू.के. को हैल्थ केयर वर्कर्स की जरूरत है और यदि नई वीजा नीति लागू हो गई तो इसे यू.के. में हैल्थ केयर वर्कर्स की कमी पैदा हो जाएगी। यू.के. द्वारा वहां रह रहे नागरिकों पर अपना पार्टनर बुलाने के लिए आय की दर में वृद्धि करने से भी शादियों पर असर पड़ेगा।
नए नियमों के तहत यू.के. ने उन लोगों के लिए वार्षिक आय 38,700 पौंड कर दी है जो अपने पार्टनर को विदेश से यू.के. बुलाना चाहते हैं। इससे पहले यह वार्षिक आय 18,600 पौंड थी।
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