मोटे अनाज क्या है?
एक समय था जब भारत के कई हिस्सों में इन्हें मुख्य भोजन ( millets in India ) के रूप में उगाया जाता था लेकिन समय बीतने के साथ ये कहीं खो गए।

आज की दुनिया में, जब हमारा आहार ग्लूटेन भारी है, ये हमारे शरीर को जरूरी पोषण देने के साथ-साथ बहुत आवश्यक राहत ला सकते हैं।
मोटे अनाज के प्रकार Types of Millets:
चावल (Rice): चावल भारतीय रसोई में एक मुख्य स्रोत है और इसे सभी राज्यों में पसंद किया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं।गेहूं (Wheat): गेहूं भी एक महत्वपूर्ण मोटा अनाज है जो आटा, सूजी, और ब्रेड के रूप में इस्तेमाल होता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है।
जौ (Barley): जौ का आटा और मल्ट से बनी बीयर के अलावा, इसे सुप, खिचड़ी और सलाद के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। यह मोटे अनाज का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो फाइबर और विटामिन्स से भरपूर है।
बाजरा (Millet): बाजरा का आटा और रोटी के रूप में खासा लोकप्रिय है, विशेषकर उत्तर भारत में। इसमें फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है।
मक्का (Maize): मक्का के दाने और मक्के की रोटी भारतीय रसोई में प्रमुख रूप से इस्तेमाल होते हैं। इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स, और विटामिन्स मिलते हैं।
कोदो : प्राचीन आयुर्वेदिक विज्ञान में कोदो का एक अनाज के रूप में उल्लेख किया गया है जो शरीर पर हल्का होता है और चिकित्सा गुणों के लिए बेशकीमती है। शरीर की गर्मी को संतुलित और नियंत्रित करने तथा मधुमेह रोगियों के लिए यह बहुत अच्छा है।
फॉक्सटेल : इसका दूसरा नाम ककुम या कंगनी है। यह कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है और शरीर में स्वस्थ शर्करा के स्तर को बनाए रखने में काफी मदद कर सकता है। यह आयरन से भी समृद्ध है और इस प्रकार शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करता है।
बरनार्ड : इसे सनवा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो विभिन्न पाचन समस्याओं जैसे मल त्याग में सुधार करने में मदद कर सकता है। कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत होने के नाते यह नाश्ते या स्नैक्स के लिए एक अच्छा विकल्प है जो आपकी मांसपेशियों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
छोटा बाजरा : इसे कई अन्य नामों से जाना जाता है जैसे मोरायियो, कुटकी, शवन और समा। यह चावल का एक उत्तम विकल्प है। ये छोटे दाने होते हैं जो तेजी से पकते हैं और पोषक तत्वों से भरे होते हैं। इसमें विटामिन बी और कैल्शियम, आयरन, जिंक तथा पोयशियम जैसे आवश्यक खनिज होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार कर सकते हैं और - साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को भी - प्रबंधित कर सकते हैं तथा स्वस्थ वजन बनाए रख सकते हैं।
क्विनोआ : क्विनोआ वास्तव में एक बीज है जिसे छदम् अनाज के रूप में जाना जाता है। यह सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड, फाइबर, फास्फोरस और फोलेट युक्त गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है। यह स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल मुक्त है। क्विनोआ को अक्सर एंटी- आक्सिडेंट्स के पावरहाऊस के रूप में जाना जाता है और सही भी है क्योंकि यह विटामिन ई और फाइटोकैमिकल्स तथा फ्लेवोनोइड्स का एक अच्छा स्रोत है।
इसमें मौजूद फ्लेवोनायड 'क्वेरसेटिन' एंटी-बैक्टीरियल, एंटी- इंफ्लेमेटरी और मजबूत एंटी वायरल गतिविधि से जुड़ा है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण यह मधुमेह रोगियों और वजन पर नजर रखने वालों के लिए समान रूप से पसंदीदा अनाज है।
स्वास्थ्य लाभ
पोषण: मोटे अनाज हमें विभिन्न पोषण सामग्रियों की पुर्ति करता है, जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, और खनिज। इन सभी पोषण सामग्रियों की सही मात्रा हमें उचित स्वास्थ्य देती है।ऊर्जा का स्रोत: मोटे अनाज हमें ऊर्जा प्रदान करता है और हमें दिनभर की गतिविधियों के लिए तैयार रखता है। यह खाद्य के सही स्रोत से हमें अधिक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे हम अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले सकते हैं।
डाइजेस्टिव हेल्थ: इसमें पाए जाने वाले फाइबर हमारे पाचन को सुधारते हैं और कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। यह भी हमें आच्छा और स्वस्थ पाचन सुनिश्चित करने में मदद करता है।
दिल के लिए फायदेमंद: मोटे अनाज में मौजूद फाइबर और अन्य गुण हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। इसमें मौजूद फाइबर कम होमस्टेरोल और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
मोटे अनाज और भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध:
मोटे अनाज भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं का एक हिस्सा भी है। विभिन्न राज्यों में विभिन्न प्रकार के मोटे अनाजों का उपयोग किया जाता है और इसे अनेक पर्वों और त्योहारों में बनाने का रीति-रिवाज किया जाता है।निष्कर्ष
मोटे अनाज भारतीय रसोई में स्वास्थ्य और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका सही मात्रा में सेवन करने से हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। मोटे अनाज की विभिन्न प्रकारों का विवेचन करके हम अपने आहार में इसे शामिल कर सकते हैं और एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकते हैं।
इसके अलावा, हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मोटे अनाज को सही तरीके से प्रस्तुत करना भी महत्वपूर्ण है। इसे सही तरीके से चवन्नी करके, पकाकर और सही तरीके से तैयार करके हम इसके सभी गुणों को प्राप्त कर सकते हैं। इससे हमारा भोजन स्वादिष्ट और पौष्टिक होगा, और हम अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रख सकते हैं।
सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार के लिए हमें अपने आहार में विविधता बनाए रखना चाहिए और मोटे अनाज का सही तरीके से सेवन करके हम इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम जान सकते हैं कि मोटे अनाज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमें इसे सही तरीके से शामिल करना चाहिए। इससे हम न केवल स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि हमारे भोजन को भी स्वादिष्ट और पौष्टिक बना सकते हैं।
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