Hasanamba Temple: कर्नाटक के हासन शहर में स्थित हसनम्बा मंदिर केवल एक बार दीवाली के अवसर पर खुलता है। बेंगलुरु से लगभग 180 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर देवी शक्ति या अम्बा को समर्पित है।

उन्हें हासन की पीठासीन देवी के रूप में माना जाता है और शहर का नाम भी उन्हीं पर हासन रखा गया है। पहले हासन को सिंहमासनपुरी के नाम से जाना जाता था।
मंदिर का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार बहुत पहले एक राक्षस अंधकासुर था जिसे कठोर तपस्या के बाद बह्मा जी से अदृश्य होने का वरदान प्राप्त हुआ। ऐसा वरदान पाकर उसने चारों ओर अत्याचार मचा दिया। ऐसे में भगवान शिव ने उसका अंत करने का बीड़ा उठाया।
उसमें इतनी शक्ति थी कि जब भगवान शिव उसने मारने की कोशिश करते तो जमीन पर गिरती उसके खून की हर बूंद एक राक्षस बन जाती। तब भगवान शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया, जिन्होंने अंधकासुर का नाश कर दिया।
यह मंदिर भक्तों के लिए दीवाली के उत्सव के दौरान केवल 7 दिनों के लिए खुलता है और बलिप्रतिपदा के उत्सव के 3 दिन बाद बंद हो जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं और कई श्रद्धालु देवी के नाम अपनी मनोकामनाएं एक चिट्ठी में लिख कर २० चढ़ाते हैं।
ऐसी कई सारी चिट्ठियां वायरल हो चुकी हैं, जिनमें लोग अजीबोगरीब मांग करते हैं। लोग सड़क बनवाने और विधायक की हार तक के लिए भी खत लिख चुके हैं।
साल भर जलता है दीपक
मंदिर के कपाट बंद होने से ठीक पहले यहां घी का दीपक जलाया जाता है और उसे गर्भगृह में फूलों और पके हुए चावल के प्रसाद के साथ रखा जाता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार एक साल बाद जब मंदिर के पट खोले जाते हैं, तो दीपक जलता हुआ मिलता है। यहां तक कि भक्तों द्वारा देवी हसनम्बा पर चढ़ाए गए फूल भी ताजा होते हैं। इतना ही नहीं, यहां जो प्रसाद चढ़ाया जाता है, वह भी अगले साल तक ताजा बना रहता है।
शहर की सुंदर वास्तुकला
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार जब सात मातृका यानी ब्राह्मी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडी दक्षिण भारत में आईं तो वे हासन की सुंदरता देखकर हैरान रह गईं और यहीं बसने का फैसला किया। हसनम्बा को समर्पित इस मंदिर के परिसर में तीन मुख्य मंदिर हैं। मंदिर में मुख्य मीनार का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया है। यहां का एक अन्य प्रमुख आकर्षण कलप्पा को समर्पित मंदिर भी है।
कैसे पहुंचें:
हासन का निकटतम एयरपोर्ट बेंगलुरु है। यह सड़क मार्ग से सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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