अनेक रोगों की असरकारक दवा 'इमली' : सूखी पुरानी इमली बहुत ही गुणकारी होती है। यह हृदय के लिए हितकारी, कफ एवं वात रोगों में पथ्यकारी तथा कृमिनाशक होती है। इसके बीज संग्रहणी, अतिसार, प्रदर, प्रमेह, बिच्छू आदि विषैले जीवों के काटने के दर्द में उपयोगी हैं। इमली को हमेशा पानी में कांच या मिट्टी के पात्र में ही भिगोना चाहिए, तांबा, पीतल, कांसा या लोहे के पात्र में कभी नहीं।
इमली के कुछ विशेष उपयोग इस प्रकार हैं :
🥜 कब्ज : बहुत पुरानी इमली का शरबत बनाकर पीने से कब्ज दूर होती हैं।
🥜 खाज-खुजली : इमली के बीज नींबू के रस में पीसकर लगाने से खाज दूर होती है।
🥜 लू लगना : गर्मी में एकदम बाहर निकलने से शरीर का जलीयांश शुष्क होकर तीव्र ज्वर हो जाता है। इसे लू लगना कहते है। इससे बचने के लिए लू के समय बाहर निकलने से पहले इमली का शरबत पी लेने से लू की आशंका नहीं रहती।
🥜 इम्युनिटी : इमली में विटामिन 'सी' अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है। मजबूत इम्युनिटी शरीर को कई तरह के संक्रमणों से बचाने में मदद कर सकती है लेकिन ध्यान रहे सीमित मात्रा में ही इमली का सेवन करें।
🥜 वजन घटाने में मददगार : इमली फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स से भरपूर होती है, इसलिए यह आपके मेटाबॉलिज्म में बढ़ावा दे सकती है। इमली को डाइट में शामिल कर वजन को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
🥜 दिल : दिल को स्वस्थ रखने के लिए पोषण से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। हार्ट के मरीजों के लिए इमली का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इमली में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड की मदद से यह एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकती है और आपके शरीर में एच.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है।
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