3 अप्रैल 1973 को मोबाइल फ़ोन का अविष्कार एक अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर (Martin Cooper ) ने किया था। मोबाइल फ़ोन एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो आज के युग में सभी के पास उपलब्ध है और इसके उपयोग से आप कितने भी दूर बैठे व्यक्ति से तुरंत बात कर सकते है। मोबाइल या ऐसे अन्य उपकरणों का आविष्कार हमारे जीवन को आसान बनाने के लिए किया गया था और ऐसे आविष्कार उत स्मार्टफोन या अन्य गैजेट्स के रूप में हमारे जीवन में आए और लाखों लोगों की दूरियां मिटा दी और जिंदगी आसान बना दी है लेकिन जरूरत से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल डायबिटिज, मानसिक रोगी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, ह्रदय रोग आदि कई बीमारियां का हो जाना मोबाइल फोन के नुकसान "Disadvantages of mobile phone" ही है मोबाइल फोन / स्मार्ट फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों से आपका डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है और आजकल लोग मोबाइल फोन/स्मार्ट फोन में ही अपनी गोपनीय जानकारियां रखते है जो कि कभी भी लीक होती रहती है ये भी स्मार्ट फोन के नुकसान है। "Harmful Effects of Mobile Phones"

मोबाइल फोन के नुकसान / स्मार्ट फोन के नुकसान
मोबाइल का अनुचित इस्तेमाल बच्चों के लिए बहुत 'खतरनाक' है।
हरियाणा से एक खबर सामने आई है कि एक इंजीनियर के 5 साल के बेटे की आवाज चली गई और रात को सोते समय भी उसके हाथ की उंगलियां इस तरह घूम रही थीं, जैसे वह मोबाइल फोन चला रहा हो।
पी.जी.आई. चंडीगढ़ के बाल रोग विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना महामारी और लम्बे अवकाश के कारण बच्चों, युवाओं और अभिभावकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो गई है और उनकी मनोरंजन को गतिविधियां बढ़ गई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, छोटे बच्चे और माता पिता दौड़ते-खेलते नहीं, सिर्फ बुजुर्ग ही टहलना, व्यायाम या योग करते हैं। फास्ट फूड, जंक फूड, कोल्ड ट्रिक, मांस मसाले लगातार संतुलित भोजन की जगह लेते जा रहे हैं।
बच्चों में पैदल चलने की आदत बहुत कम हो गई है
वे साइकिल चलाने को अच्छी गतिविधि नहीं मानते। कम उम्र में ही बच्चे मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देख रहे हैं और यही कारण है कि वे कम उम्र में ही युवावस्था में प्रवेश करने लगे हैं।
अपनी उम्र से बड़े युवाओं से ऑनलाइन दोस्त
अपनी उम्र से बड़े युवाओं से ऑनलाइन दोस्तों के कारण वे अपनी उम्र से 57 साल बाद की चीजें और गतिविधियां देख और कर रहे हैं, लेकिन माता पिता इन समस्याओं से अनजान है, क्योंकि उनको अपने बच्चों को धन और सुविधाएं देने की आजादी है लेकिन साथ बैठना, बातें करना खेलना खाना, पढ़ना, कहानियां सुनना सब खत्म हो गया है।
घर में बुजुगों का नियंत्रण जरूरी
घर में बच्चों को बड़ों का मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा और डॉक्टरों का मानना है कि जिन घरों में बड़ों का नियंत्रण होता है यहां अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और धार्मिक रूप से स्वस्थ होकर निकलते हैं तथा युवावस्था मैं भी भटकते नहीं, जिससे घर में सहनशीलता, मेयं और शांति बनी रहती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। (Harmful Effects of Mobile Phones)
लेकिन हम इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं और बच्चे अब इसके आदी होते जा रहे हैं। वे किताबों से कम पढ़ते हैं, लैपटॉप या मोबाइल से चिपके रहते हैं जिसका उनके जीवन पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
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