
आखिरकार बच्चों के विकास के लिए यह जरूरी है। हालांकि, माता-पिता बच्चों में बदलाव की अच्छी आदतें विकसित करने की कोशिश करते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें यह समझ नहीं आता कि बच्चों को कौन-सी चीज और क्यों खिलानी चाहिए। यहां इसी बारे में जरूरी जानकारी दे रहे हैं।
कैल्शियम युक्त यौगिक
कैल्शियम की अधिकता वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है। हड्डियों की मजबूती और हड्डियों के द्रव्यमान के लिए कैल्शियम की सही खुराक बहुत जरूरी है। हड्डियों का विकास बचपन से ही होता है, इसलिए बच्चों को कैल्शियम की अधिकता वाला भोजन शुरू से ही करना चाहिए। जो बच्चे कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा का सेवन नहीं करते, उनकी हड्डियां कमजोर होती हैं, बड़ी उम्र में उनमें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा होने की आशंका अधिक होती है।
क्या खाएं : दूध, दही, चीज, ब्रोकली, नट्स, हरी और पत्तेदार सब्जियां, रागी आदि।
विटामिन 'ए' से समृद्ध भोजन
बच्चों के भोजन में विटामिन 'ए' की मात्रा अधिक होनी चाहिए। यह डाइट उन्हें निरोग तो रखेगी ही, साथ ही उनकी इम्युनिटी को भी बढ़ाएगी। विटामिन 'ए' की बच्चों के विकास में अहम भूमिका होती है। इसके अलावा विटामिन 'ए' की कमी से आंखों का स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है।
क्या खाएं : विटामिन 'ए' फैट सॉल्यूबल कम्पाऊंड है। यह दूध, चीज, हरी पत्तेदार सब्जियों, टमाटर, गाजर, काली मिर्च, खुबानी और पेच आदि में पाया जाता है।
विटामिन 'ई' समृद्ध भोजन
बच्चों की कोशिकाओं के लिए समसामयिक स्वास्थ्य और बेहतर इम्युनिटी के लिए विटामिन 'ई' बेहद जरूरी है। इसकी प्रचुर मात्रा से शरीर में सूजन नहीं आती। विटामिन 'ई' में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
क्या खाएं : नट्स, वैजिटेबल ऑयल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, एवोकैडो आदि में विटामिन 'ई' प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।
आयरन समृद्ध संसाधन
मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए आयरन बहुत उपयोगी है। शरीर में आयरन की कमी से ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है। इससे ऑक्सीजन की कमी, बैक्टीरिया और कई तरह के विकार पैदा हो सकते हैं। अतः आप किसी भी बच्चे में आयरन की कमी को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
क्या खाएं : दालें, कद्दू के बीज, पालक, किनवा जैसी चीजें खाने से आप बच्चों के शरीर में आयरन की मात्रा को बरकरार रख सकते हैं।
फाइबर समृद्ध भोजन
हमारे डाइजैस्टिव सिस्टम के सही रखरखाव में फाइबर यानी रेशेदार खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाते हैं। जब भी फाइबर की मात्रा कम होती है, तो कब्ज की शिकायत शुरू हो जाती है। बाकी फाइबर पचने में अधिक टाइम लेते हैं, बच्चों के शरीर को दूसरे पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए अधिक समय मिल जाता है।
क्या खाएं : केला, सेब, बेरी, अन्य रेशेदार फल, ओटमील, आलू, जौ और सब्जियों से फाइबर की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति होती है।
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