अमरीका के विलियम फोर्ड स्प्रिंगवेल अपने किशोर बेटे को अच्छा किसान बनाना चाहते थे। मगर बेटे का मन मशीनों में ही लगता। एक दिन विलियम ने बेटे को एक घड़ी दी और खेतों की ओर चले गए। लौटे तो देखा कि बेटे ने पूरी घड़ी खोल रखी है। वह नाराज हुए तो बेटे ने थोड़े समय में ही घड़ी जोड़ दी।
एक दिन किशोर पुत्र ने अपने गांव में भाप का इंजन चलता देखा। उसने जान लिया कि अब गांव में उसका कोई भविष्य नहीं है। केवल 16 वर्ष की उम्र में गांव छोड़कर वह भाग निकला और एक शहर में पहुंचा। वहां उसे रेल के डिब्बे बनाने वाले कारखाने में काम मिला। वहां एक मशीन खराब हो गई थी, जिसे किशोर ने आधे घंटे में ठीक कर दिया लेकिन कम उम्र के कारण उसे 6 दिन में ही नौकरी से निकाल दिया गया। अब किशोर फिर से सड़क पर था ।
एक दिन सड़क पर अचानक उससे एक बालक टकरा गया। टक्कर से उसके झोले में रखी घड़ियां टूट गईं।
किशोर ने उसे दिलासा दिया और उसके पिता की दुकान पर जाकर सारी घड़ियां ठीक कर दीं। दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने उसे काम पर रख लिया लेकिन वहां भी उसकी कम उम्र आड़े आई। लोग नाराज न हों इसलिए उसे दुकान के पीछे छुपकर घड़ियां बनानी पड़तीं। उसने वहां काम छोड़ दिया और एक बिजलीघर में काम करने लगा। वहां उसने पैट्रोल से चलने वाली एक गाड़ी बनाई। उन्हीं दिनों अमरीका में कार रेस होने वाली थी। उसमें उसकी कार जीत गई। इस किशोर का नाम था हैनरी फोर्ड। कठोर परिश्रम के फलस्वरूप ही फोर्ड सफलता के शिखर तक पहुंचे थे।
Thankyou