देशभर में गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। एक देशभर तरफ जहां यह मौसम बच्चों के लिए मस्ती, खेलकूद और स्कूल की छुट्टियों का समय होता है, वहीं दूसरी तरफ यह हीटवेव (लू) और अल्ट्रावायलेट (यू.वी.) किरणों जैसी खतरनाक समस्याएं भी लेकर आता है। अगर इस मौसम में बच्चों की सेहत पर ध्यान न दिया जाए तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

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बच्चों के लिए खतरनाक क्यों?
गर्मियों के दौरान तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जब बच्चे इस गर्मी में ज्यादा देर बाहर रहते हैं, तो उनका शरीर हीटवेव और यू.वी. रेज़ के संपर्क में आ जाता है। बच्चों का इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की ताकत बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। इसलिए जब उनका शरीर ज्यादा तापमान झेलता है, तो उन्हें बीमारियों का खतरा जल्दी हो जाता है।
सनबर्न और स्किन रैशेज की समस्या
बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक और संवेदनशील होती है। जब वे तेज धूप और यू.वी. किरणों के सीधे संपर्क में आते हैं, तो उनकी त्वचा पर जलन, रैशेज और घमौरियां होने लगती हैं। अगर बच्चा बिना सनस्क्रीन या किसी सुरक्षा के बाहर खेलता है, तो उसे सनबर्न हो सकता है। लंबे समय तक यू.वी. रेज के संपर्क में आने से आगे चलकर स्किन कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
हीट स्ट्रोक - सबसे गंभीर स्थिति
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच का समय सबसे ज्यादा गर्म होता है। अगर इस समय बच्चे बाहर खेलते हैं, तो उन्हें होट स्ट्रोक हो सकता है। हीट स्ट्रोक में शरीर कमान 104°F (400C) से ऊपर चला जाता है। इस स्थिति में बच्चे को तेज बुखार, सिर चकराना, उल्टी आना, बेहोशी या भ्रम जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी
गर्मियों में बच्चे जब खेलते हैं, तो पसीना बहुत निकलता है और वे पानी पीना भूल जाते हैं। इससे शरीर में पानी और जरूरी मिनेरल्स की कमी हो जाती है, जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं। डिहाइड्रेशन के कारण बच्चों की कमजोरी महसूस हो सकती है, सिरदर्द और चक्कर भी आ सकते हैं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
बच्चों को हीटवेव और यू.वी. रेज से यूं बचाएं
दोपहर में बाहर खेलने से रोकें : दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का समय सबसे गर्म होता है। इस समय बच्चों को बाहर खेलने या धूप में जाने से बचाना चाहिए।
बार-बार पानी पिलाएं :
बच्चे खेलते वक्त पानी पीना भूल जाते हैं, इसलिए पैरेंट्स को खुद ध्यान रखना होगा कि वे समय-समय पर पानी पिएं। नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और इलैक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स बच्चों को गर्मी से राहत देने में मदद करते हैं।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें :
बच्चों को बाहर भेजने से पहले उनकी त्वचा पर कम से कम एस.पी.एफ. 50 वाली सनस्क्रीन जरूर लगाएं। यह सनस्क्रीन उन्हें यू.वी. किरणों से बचाने में मदद करती है और त्वचा को सुरक्षित रखती है।
सही कपड़े पहनाएं :
उन्हें हल्के रंग के सूती कपड़े पहनाएं, ताकि गर्मी कम लगे। साथ ही चौड़ी किनारी वाली टोपी और यू.वी. प्रोटेक्टेड चश्मा भी जरूरी है।
निष्कर्ष:
गर्मी के मौसम में छोटे बच्चों की देखभाल थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन थोड़ी समझदारी और नियमित सावधानी से उन्हें इस मौसम में सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सकता है। याद रखें, "बच्चों की सेहत ही असली समृद्धि है।" तो इन आसान और असरदार तरीकों को अपनाएं और अपने नन्हे-मुन्नों को गर्मी से राहत दिलाएं।
आगे पढ़े : 'लू' से बचने के उपाय
FAQs Section (for additional SEO & user engagement):
❓ गर्मी में बच्चों को कौन-कौन से फल देने चाहिए?
उत्तर: गर्मियों में बच्चों को तरबूज, खरबूजा, आम, खीरा, और ककड़ी जैसे ठंडे और पानी वाले फल देने चाहिए। ये शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और एनर्जी भी देते हैं।
❓ क्या छोटे बच्चों को गर्मियों में दो बार नहलाना चाहिए?
उत्तर: हां, गर्मियों में पसीने और धूल से बचाने के लिए बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराना लाभकारी होता है।
❓ बच्चों को गर्मी में बाहर कब नहीं ले जाना चाहिए?
उत्तर: दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक तेज़ धूप होती है, इस समय बच्चों को बाहर न ले जाएं। अगर ज़रूरी हो तो उन्हें अच्छी तरह से ढक कर बाहर ले जाएं।
❓ गर्मियों में बच्चों को क्या पहनाना चाहिए?
उत्तर: गर्मियों में बच्चों को कॉटन जैसे सॉफ्ट और हल्के कपड़े पहनाएं। हल्के रंग जैसे सफेद या स्काय ब्लू बेहतर होते हैं क्योंकि ये गर्मी को सोखते नहीं।
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