आइये जानते है । हिंदू नववर्ष 2025, हिंदू नववर्ष कब है? हिंदू नववर्ष चैत्र नवरात्रि | हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 हिंदू नववर्ष कैसे मनाएं? | Hindu Nav Varsh Kab Hai hindu nav varsh kab se start hai
हिन्दू नववर्ष 'नवसम्वत्सर' हमारी समृद्ध एवं गौरवशाली स्वर्णिम सांस्कृतिक विरासत में पर्वों का विशेष महत्व है। भारतीय नवसम्वत्सर भी एक पुनीत पर्व के समान है, जो हमारी वैदिक धरोहर का प्रतीक है। इस बार भारतीय नव वर्ष 2082, 30 मार्च चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ हो रहा है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार चैत्र मास के प्रथम दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि की संरचना आरंभकी। ज्योतिष के प्रसिद्ध ग्रंथ हिमाद्रि में वर्णन आता है कि-
'चैत्रमासे जगद ब्रह्म ससर्ज प्रथमे अहनि।
शुक्लपक्षे समग्रन्तु तथा सूर्योदये सति ॥'
अर्थात चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के प्रथम दिन सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने जगत की रचना की। इसी दिन से ब्रह्मा दिवस, सृष्टि सम्वत्, वैवस्वत आदि मन्वंतर का आरंभ, सतयुग आदि युग आरंभ, विक्रम सम्वत् का आरंभहोता है। इस प्रकार नवसम्वत्सर सृष्टि अर्थात ब्रह्मांण का जन्मदिवस है।
भारतीय नवसम्वत्सर सृष्टि निर्माण की प्रक्रिया का आधारभूत स्तंभ है। विक्रमी - सम्वत् का संबंध सारे विश्व की प्रकृति, खगोल सिद्धांत और ब्रह्मांड के ग्रहों एवं नक्षत्रों से है इसलिए भारतीय कालगणना पंथनिरपेक्ष होने के साथ सृष्टि रचना को दर्शाती है। सर्व प्राचीन ग्रंथ वेदों में भी इन सभी तथ्यों का उल्लेख मिलता है।
चैत्र प्रतिपदा के पावन अवसर पर प्रकृति की शोभा भी चरमोत्कर्ष पर होती है। यह समय शीतकाल एवं ग्रीष्म ऋतु का मध्य बिंदू होता है। संपूर्ण प्रकृति उल्लास एवं सौंदर्य की प्रतिमूर्ति दिखाई देती है। वसंत के आगमन के साथ नूतन पुष्पों से सजे वृक्ष प्रकृति का श्रृंगार करते हुए दिखाई देते हैं। पशु-पक्षी, कीट-पतंगे, स्थावर जंगम, सभी प्राणी नई आशा से अपने कर्मों में लगे दिखाई देते हैं। प्रकृति का संपूर्ण वातावरण नई ऊर्जा तथा आनंद से परिपूर्ण होता है।
चैत्र मास को वेदों में मधुमास भी कहा गया है। हमारा यह नववर्ष प्रकृति के साथ नैसर्गिक रूप से जुड़ा हुआ है। हमारे पूर्वज मनीषी भी चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नव वर्ष का स्वागत करते आए हैं।
हमारे सर्व प्राचीन ग्रंथ वेदों में बताया गया है कि सृष्टि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन आज से 1,96,08,53, 121 वर्ष पूर्व आरंभ हुई थी। संसार के जितने भी देश हैं उनका इतिहास कुछ सौ या हजार वर्ष पुराना है जबकि भारत का इतिहास 1.96 अरब वर्ष पुराना है। सृष्टि के आरंभिक काल से ही भारत संपूर्ण विश्व का वैदिक आध्यात्मिक ग्रंथों के माध्यम से मार्गदर्शन करता आया है।
यह दिन भारतवर्ष के स्वर्णिम इतिहास से भी जुड़ा हुआ है। इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेक एवं महर्षि दयानंद सरस्वती ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की।
सिखों के द्वितीय गुरु अंगद देव का जन्म दिवस भी इसी दिन मनाया जाता है। यशस्वी सम्राट विक्रमादित्य ने इसी चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा को विक्रमी सम्वत् की शुरुआत की थी। चैत्र मास की प्रतिपदा से ही शक्ति और भक्ति के 9 दिन अर्थात नवरात्र स्थापना का पहला दिन भी यही है।
हमारे समस्त अनुष्ठानों, संकल्पों में जब काल व स्थान को बोला जाता है, तब इसी विक्रमी सम्वत् का वर्ष, मास, पक्ष, तिथि ही बोली जाती है। इस प्रकार यह नववर्ष धार्मिक, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी सर्वमान्य है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को मनाया जाने वाला यह नव वर्ष हमारे राष्ट्र की सांस्कृतिक, पौराणिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक परम्परा का संवाहक है।
यह नव वर्ष विश्व की प्राचीनतम हमारी वैदिक संस्कृति का ध्वजवाहक है।
हिंदू नववर्ष एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध पर्व है जो हमें एक नई शुरुआत करने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें अपने जीवन को नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ाने का अवसर देता है। आइए, इस हिंदू नववर्ष पर हम सभी शुभ संकल्प लें और अपने जीवन को और भी सफल बनाएं।
आप सभी को हिंदू नववर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं!
Chaitra Navratri and Hindu New Year Wishes!
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FAQs.
Q. हिंदू नव वर्ष का क्या महत्व है?
Ans. हिंदू नववर्ष का पहला दिन हर हिंदू के लिए विशेष महत्व रखता है। ये केवल एक कैलेंडर की नई शुरुआत नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, नई उम्मीदों और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। इस साल हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 से प्रारंभ हो रहा है, और इसकी महिमा अपरंपार मानी जाती है।
Q. हिंदू नव वर्ष का क्या महत्व है?
Ans. हिंदू नववर्ष का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. इसे गुड़ी पड़वा (महाराष्ट्र), युगादि (आंध्र प्रदेश और कर्नाटक) और चेटी चंड (सिंधी समाज) के नाम से भी मनाया जाता है.
Q. हिन्दू नव वर्ष कब मनाया जाता है?
Ans. यूं तो पूरी दुनिया में नया साल 1 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के अनुसार हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से होती है। हालांकि यह तिथि हर साल बदलती है और हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा।
Q. नव वर्ष उत्सव का आरंभ कब से होता है?
Ans. हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. हिंदू नववर्ष की शुरुआत से जुड़ी मान्यताएं:
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी.
- इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था.
- इसी दिन देवी शक्ति की पूजा की शुरुआत हुई थी.
- इसी दिन युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था.
- इस दिन देवी भागवत पुराण के मुताबिक, देवी ने सभी देवी-देवताओं के कार्यों का वितरण किया था.
Q हिंदू नववर्ष चैत्र नवरात्रि कब से होता है?
Ans. चैत्र नवरात्रि यह 30 मार्च से शुरू होगा और 7 अप्रैल 2025 को समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि का अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इन नौ दिनों के दौरान, देवी दुर्गा को अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए अवतरित माना जाता है, जिससे उन्हें बाधाओं को दूर करने और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में मदद मिलती है।
कृपया नोट करें: इस लेख की सामग्री केवल विश्वासों पर आधारित है, और इसे सामान्य मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए। व्यक्तिगत अनुभव अलग -अलग हो सकते हैं। newsalerts4u.com प्रस्तुत किसी भी दावे या जानकारी की सटीकता या वैधता का दावा नहीं करता है। किसी भी जानकारी या विश्वास को यहां चर्चा करने या लागू करने से पहले एक योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करने की दृढ़ता से सिफारिश की जाती है।
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