डेविड हार्टमैन कि दृढ़ इच्छाशक्ति ( self confidence believe in yourself ) पैन्सिलवनिया के डेविड हार्टमैन बचपन से ही डाक्टर बनने का सपना देखते थे। दुर्भाग्यवश बहुत कम उम्र में ही उनकी आंखें खराब हो गईं। काफी इलाज के बाद भी वह नेत्रहीन हो गए। खुली आंखों से सपने देखने के लिए डेविड हार्टमैन के पास अब नेत्र नहीं थे, लेकिन फिर भी सपने देखना उन्होंने नहीं छोड़ा। अब भी उनसे कोई पूछता कि बड़े होकर क्या बनोगे तो वह चहक कर कहते, "डाक्टर।" सुनने वाले उन पर व्यंग्य करते। एक दिन तो एक विद्यार्थी ने बोल दिया, "तुम सबके सामने यह मत बोला करो। इस जन्म में तुम कभी डाक्टर नहीं बन सकते।" डेविड ने उस विद्यार्थी से कहा, “तुम्हें मेरा सपना ठीक नहीं लगा ? आपके सामने फिर संकल्प लेता हूं कि मैं मेहनत और लगन से डाक्टर बनके दिखा दूंगा।"
इसके बाद उन्होंने यह कहना आरंभ कर दिया कि वह केवल और केवल डाक्टर बनने के लिए ही पैदा हुए हैं। उन्होंने मैडीकल कालेज में प्रवेश के लिए आवेदन किया, लेकिन वहां उन्हें निराशा मिली। कहा गया, "दृष्टि बाधित छात्र कभी चिकित्सा की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकते।" उसके बाद उनके साथ लोग जितना नकारात्मक रुख अपनाते, उनका आत्मविश्वास उतना ही सकारात्मक होता जाता। उन्होंने खुद ही चिकित्सा की पढ़ाई आरंभ कर दी। उन्होंने पच्चीस पुस्तकों को अपने लिए आडियो रिकार्ड करवाया और उन्हें सुनना आरंभ कर दिया।
सत्ताइस साल की उम्र में हार्टमैन की मेहनत रंग लाई और वह पहले ऐसे दृष्टिहीन छात्र बन गए जिन्होंने चिकित्सात की पढ़ाई पूरी की। संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति के परिणाम स्वरूप उन्होंने बड़ी बात को छोटा साबित करके दिखा दिया।
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