शिव चालीसा पाठ Shiv Chalisa Paath आज के युग में व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भगवान शिव को शिव चालीसा लिरिक्स Shiv Chalisa Lyrics की सरल भाषा के मध्यम आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा । सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई । नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं । जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन । मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

देव की देव महादेव भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए निम्नलिखित उपायों का अनुसरण करें:
2. शिवलिंग पर जल प्रवाह कराएं: नीम के पत्ते का उपयोग करके शिवलिंग पर जल प्रवाह कराएं। इसे गंध और फूलों के साथ कर सकते हैं।
3. ऊँकार जप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और दिमाग को खाली रखें। इसे अपने मन की शांति के साथ करें और दिन में कई बार जप करें।
4. महामृत्युंजय मंत्र: "ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्" मंत्र का जप करें। यह मंत्र महादेव को प्रसन्न करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।
5. शिव चालीसा: महादेव भोलेनाथ की आराधना के लिए शिव चालीसा का पाठ करें। इससे उन्हें खुशी मिलेगी और मनोकामनाएं पूरी होंगी।
6. महाशिवरात्रि व्रत: हर महाशिवरात्रि को व्रत करें और पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ महादेव भोलेनाथ जी की पूजा करें। ऊँकार, ध्यान, संगीत, नृत्य, चालीसा पाठ, जागरण और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लें।
7. प्रसाद: महादेव भोलेनाथ के प्रसाद का अपना आहार बनाएं। उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना के साथ उन्हें चीरबदी का चढ़ावा दें।
8. दान: गरीबों, विधवाओं, यतीमों, वृद्धों और प्रतिष्ठित मंदिरों में दान करें। महादेव भोलेनाथ जी के नाम का जप, मन्त्र पाठ या यज्ञों का आयोजन करें।
इन सभी उपायों के साथ साथ, महादेव के प्रति श्रद्धा, विश्वास और समर्पण के साथ उनकी पूजा करें।
सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्र देव को समर्पित माना गया है। चंद्रमा भगवान शिव के मस्तिष्क पर विराजमान हैं। सोमवार के दिन इन दोनों की कृपा पाने के लिए दान-पुण्य किया जाए तो बेहतर रहता है।
शास्त्रों और पुराणों में भी बताया गया है कि दान-पुण्य करके न सिर्फ अपने इस जन्म के अच्छे कर्मों का पुण्य, बल्कि परलोक में भी अपने लिए बेहतर स्थान प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप सोमवार के दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान कर सकते हैं।
सोमवार के दिन बच्चे को दें उपहार
सोमवार के दिन किसी बच्चे को कोई उपहार देना भी लाभकारी होता है। इससे आपके पारिवारिक जीवन में सुख और शान्ति बनी रहती है। आप उपहार सिर्फ परिचित बच्चों को ही नहीं, बल्कि उपहार किसी गरीब बच्चे को भी गिफ्ट दे सकते हैं। इससे होने वाले लाभ के अतिरिक्त आपको बच्चों की प्यारी मुस्कान भी देखने को मिलेगी। गरीब बच्चों को उपहार स्वरूप पैसे, खाना, खिलौने जैसी चीजें दी जा सकती हैं।
सोमवार के दिन चांदी भी कर सकते हैं दान
चांदी के दान से भी फायदा हो सकता है। काफी महंगी आती है लेकिन आप अपने बजट के अनुसार चांदी दान में दे सकते हैं। दरअसल चांदी पर चंद्र ग्रह का आधिपत्य माना जाता है इसलिए चांदी दान में देने से चंद्र ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
सोमवार के दिन दूध का करें दान
सोमवार के दिन दूध दान करना मंगलकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को दूध प्रिय होता है, इसलिए सोमवार को कई लोग दूध से भोलेनाथ का अभिषेक भी करते हैं। सोमवार के दिन गरीबों में दूध बांटना या दूध का दान करना आपके लिए शुभ फलदायी साबित हो सकता है।
सोमवार के दिन सफेद वस्त्रों का दान
सोमवार के दिन सफेद रंग के कपड़ों के दान का भी अपना विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन श्वेत वस्त्र किसी गरीब या ब्राह्मण को दान में देने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि आती है। चंद्र ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
सोमवार के दिन मछलियों को खिलाएं आटा
सोमवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना बहुत शुभ माना जाता है।
सोमवार के दिन मंदिर में दान
सोमवार के दिन भोलेनाथ भक्तों की प्रार्थना जल्दी सुनते हैं इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए आपको इस दिन शिव मंदिर में कछ न कुछ सामान अवश्य दान करना चाहिए। यह मंदिर की कोई सामग्री हो सकती हैं, पैसे भी हो सकते हैं या फिर प्रसाद भी चढ़ाया जा सकता है। ऐसा करने से आपका दुर्भाग्य खत्म होने लगता है। आपको हर सोमवार शिव मंदिर दर्शन के लिए भी जाना चाहिए। ज्यादा कुछ नहीं तो वहां की दान पेटी में आप अपनी स्वेच्छानुसार कुछ न कुछ पैसे दान कर ही सकते हैं।
सोमवार के शिवजी को गेहूं से पके पकवान का भोग
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव जी को गेहूं से बने पकवान का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी बहुत प्रसन्न हो जाते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
और देखें : Krishna Aarti : श्रीकृष्ण आरती
Thankyou