Parenting Tips बच्चे का मन निर्मल, पवित्र और स्वच्छ होता है। उसको बात-बात पर डांटना और पीटना बहुत खतरनाक हो सकता है।
बच्चा एक निर्मल स्लेट की भांति है और उस पर जो अंकित कर दोगे, वह चिरस्थायी हो जाएगा। गालियां दोगे तो गाली अंकित हो जाएगी। यदि प्रेम, सहानुभूति और सहयोग का वातावरण बनाओगे तो बच्चा प्रसन्नचित होकर शारीरिक विकास करेगा।

पनप सकती है बदले की भावना ( Parenting Tips )
अगर प्रताड़ित करोगे तो बच्चा उस समय तो रिएक्शन नहीं करेगा अपितु मन में कुंठा, आक्रोष, घृणा तथा वैमनस्य अपने अंदर भर लेगा। आपने देखा होगा कि कई बार बच्चा रूठ जाता है। रोते- रोते दरवाजा बंद करके बैठ जाता है। खाना-पीना छोड़ देता है। कई बार उसको मनपसंद के खिलौने देकर छुटकारा पाया जाता है।
बच्चे के सामने सिगरेट, तम्बाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो बच्चा भी चोरी- छिपे इन वस्तुओं का सेवन करना शुरू कर देगा। बच्चों से ऐसी वस्तुएं भूल कर भी नहीं मंगवानी चाहिएं। याद रहे कि जितना प्यार तुम बच्चे को दोगे, बच्चा भी बड़ा होकर आपको प्यार लौटाएगा।
यदि आप ठीक तरीके से उसका पालन-पोषण नहीं करते, उसको कष्ट और दुख देते हो तो बच्चे के भीतर बदले की भावना पनपने लगेगी। जैसा व्यवहार आपने किया है, वैसा ही आपको मिलेगा और वृद्ध आश्रमों के धक्के खाने पड़ेंगे।
दूसरे बच्चों से तुलना ठीक नहीं ( Parenting Tips )
कभी किसी दूसरे के बच्चे से अपने बच्चे की तुलना नहीं करना चाहिए। जरूरी नहीं कि पढ़ाई में आपका बच्चा दूसरे से कम प्रतिभाशाली हो । हर बच्चे का अपना-अपना लैवल होता है। आपका बच्चा जरूरी नहीं डाक्टर, इंजीनियर ही बने ।
पढ़ाई के लिए उस पर अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। नम्बर कम लाने पर उसे कोसना नहीं चाहिए, फटकार नहीं लगानी चाहिए। उसे संही तरीके से मेहनत का महत्व समझाते हुए इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
यदि उसे कोसेंगे तो उसमें हीन भावना पैदा हो जाएगी। कितने ही मामले सामने आते हैं जहां आत्मग्लानि में बच्चों ने आत्महत्या जैसे कठोर कदम तक उठा कर अपने आपको खत्म कर लिया।
हाल के दशक में जितनी भी आत्महत्याएं हुई हैं, अधिकतर माता-पिता और कोचिंग इंस्टीच्यूट्स की गलती से हुई हैं और कितने ही प्रतिभाशाली बच्चों से हमें वंचित होना पड़ा इसलिए अत्यावश्यक हो जाता है कि माता-पिता सद्भाव बनाए रखें। बच्चे देश का अनमोल धन हैं। उनकी देखभाल और सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
अवांछित आदत को एक साथ तोड़ने के लिए कुछ तरीके खोजें। वैकल्पिक व्यवहार सुझाएँ । उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा नाखून चबाता है, तो यह कहने के बजाय कि "अपने नाखून मत चबाओ," यह कहने की कोशिश करें कि "चलो अपनी उंगलियाँ हिलाते हैं।" इससे आदत के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और यह एक अनुस्मारक के रूप में काम कर सकता है।
बच्चे के लिए अच्छी आदतें क्या होनी चाहिए?
विकसित की जाने वाली अच्छी आदतों में संतुलित भोजन करना, पर्याप्त नींद लेना, व्यायाम करना, स्क्रीन के सामने समय सीमित रखना और सकारात्मक सामाजिक मेलजोल में शामिल होना शामिल है। माता-पिता अच्छे शिष्टाचार, कृतज्ञता और आत्म-देखभाल का उदाहरण देकर बच्चों में स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
बुरी आदतें कैसे आती हैं?
आमतौर पर कोई संकेत या ट्रिगर आदत को शुरू कर देता है । ट्रिगर कोई स्थान, समय, भावनात्मक स्थिति, आपके आस-पास के लोग और आपकी आखिरी हरकत हो सकती है। यह एक नियमित व्यवहार की ओर ले जाता है जिसे आप बार-बार दोहराते हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि जब आप बोरियत महसूस कर रहे हों, तो आप अपना फोन उठाएँ और सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करें।
- म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना सिखाएं
- गहरी सांस लेने की आदत डालें
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- खेलने के लिए प्रोत्साहित करें
- माइंड गेम खेलने के लिए कहें
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