'बच्चे से मां का दूध छुड़वाने' के कुछ आसान तरीके
बच्चा जन्म लेने के बाद सबसे
पहले अपनी मां का दूध पीता है।
बच्चे के विकास के लिए मां के दूध
से बेहतर और कुछ नहीं होता। स्तनपान
करवाने से मां और बच्चे दोनों के
बीच का रिश्ता मजबूत होता है। इसके
अलावा शिशु को पोषण भी मिलता
है। जितना मां का दूध पिलाना बच्चे
के लिए जरूरी है, उतना ही बच्चे
की उम्र बढ़ने के बाद बच्चे का दूध
छुड़वाना भी जरूरी है, ताकि ठोस
आहार की पूर्ति हो सके। बच्चे से
मां का दूध छुड़वाना बहुत कठिन
होता है। इसके लिए महिलाओं को
कई प्रयास करने होते हैं।
बच्चे को थोड़ा दूर सुलाना
बच्चे के साथ सोना मां और बच्चे के रिश्ते का सबसे खास पल होता है लेकिन बच्चे का दूध छुड़ाने के लिए आपको उसके साथ नहीं सोना चाहिए। इसके लिए आप बच्चे के बैड के पास ही थोड़ी दूरी पर सो सकती हैं। अगर आप बच्चे के पास सोती हैं तो वह रात को स्तनपान करने की जिद कर सकता है।
केवल तब दूध पिलाएं जब वह मांग करे
अगर आपको हर उस समय दूध पिलाने की आदत है, जैसे आप पहले
पिलाती थीं, तो अब ऐसा न करें। अगर आप ऐसा ही करती रहेंगी, तो आपके बच्चे की यह आदत कभी जा ही नहीं पाएगी।
इसके लिए आप बच्चे को केवल उस खास समय दूध पिलाएं, जब वह इसकी मांग करता है या अधिक रोता है। कोशिश करें वही मेन समय बन जाए और एक ही समय आप ब्रैस्ट फीडिंग कराएं।
दबाव न डालें
जब बच्चा मां का दूध पीता है, तो निप्पल काफी संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे में आप केवल पीठ के बल ही सोएं और ध्यान दें कि ब्रैस्ट पर ज्यादा दबाव न पड़े। ऐसा करने से स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया कम होने लगती है, जिससे बच्चा आसानी से दूध छोड़ पाता है।
स्किप करें फीडिंग सैशन
हर बच्चे का दूध पीने का एक ऐसा समय होता है, जब उसे दूध जरूर चाहिए होता है इसलिए आप केवल उसे उसी एक या दो वक्त दूध दें, जिनके बिना वह नहीं रह सकता, जिस कारण उसका पेट भर जाए। दूध पिलाने के अन्य समय में आप उसे घर के किसी अन्य व्यक्ति के साथ खेलने या किसी और काम में व्यस्त कर दें, ताकि वह दूध को याद ही न कर पाए।
पैसिफायर और फॉर्मूला मिल्क
बच्चों का दूध छुड़ाने के लिए उनके मुंह में पैसिफायर (चूसनी) देना भी एक अच्छा उपाय है।
बच्चों के लिए दूध जरूरी है, इसलिए स्तनपान बंद करने पर आप उन्हें फॉर्मूला मिल्क देना शुरू कर दें। दिन में एक बार बच्चे को स्तनपान करवाएं और फिर दूसरी बाद बोतल या कप से दूध पिलाएं।
मां के दूध की तुलना में फॉर्मूला मिल्क भारी होता है और इससे बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
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